नई दिल्ली: 1 नवंबर को हरियाणा राज्य की 56 वीं स्थापना दिवस था. 1 नवंबर 1966 को हरियाणा की स्थापना हुई थी. इसके बाद हर साल 1 नवंबर को हरियाणा स्थापना दिवस मनाया जाता है. दिल्ली मे भी बड़ी संख्या मे हरियाणा के लोग रहते हैं.
इसी क्रम में हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में वसंतकुंज पूर्व पार्षद मनोज महलावत ने कार्यक्रम रखा था. जिसमें हरियाणा से जुड़ी सैकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया. महिलाओं ने सबसे पहले सुबह मंदिरों मे जाकर पूजा पाठ किया. उसके बाद यहां इकठ्ठा होकर ढोल और झाल बजाकर भगवान का हरियाणवी भाषा में भजन किर्तन किया.
साथ ही महिलाओं ने जमकर नाच गाना भी किया. इस अवसर पर उनके खाने पिने का प्रबंध भी हरियाणा स्टाइल से किया गया था. जिसमें महिलाओं की सबसे पसंदीदा व्यंजन गोलगप्पे, चाट, टिक्की दही भल्ले का इंतजाम किया गया था. महिलाओं ने बताया कि ये हमारे यहां का कल्चर है. इसको भूलना नहीं चाहिए और अपने नए जनरेशन को भी इस कल्चर को बताना चाहिए, ताकि ये परम्परा सदियों तक चलती रहे. वहीं कार्यक्रम में आई कुछ युवतियों ने बताया कि हम भले हीं दिल्ली या अन्य कोई सीटी मे रहते हों जहां वेस्टर्न कल्चर का बोलबाला हो, लेकिन हमें अपनी कल्चर को नहीं भूलना चाहिए.
कार्यक्रम के आयोजक एवं पूर्व पार्षद मनोज महलावत ने हरियाणवी भाषा मे लोगों को हरियाणा के स्थापना दिवष की बधाई दी और कहा कि ये हमारी परम्परा है और पिछले कई सालों से ये कार्यक्रम कराते आ रहे हैं और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम कराते रहेंगे.
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56 साल पहले 1 नवंबर 1966 मे हरियाणा की स्थापना हुई थी. हरियाणा की एक खास कल्चर है. यहां ज्यादातर लोग गांवों में रहते हैं और दही दूध और लस्सी का सेवन करते हैं. इसके कारण यहां के लोग ज्यादा तंदुरुस्त होते हैं. यहां गाय भैंस पालना या खेतों मे काम करना मुख्य काम होता है. बहुत सारे हरियाणा के लोग देश के अन्य हिस्सों मे रहते हैं. लेकिन फिर भी वो अपना कल्चर नहीं भूले हैं और जहां भी हैं अपने परम्परा को निभा रहे हैं. दिल्ली के साउथ दिल्ली मे बड़ी संख्या मे हरियाणा के लोग रहते हैं. जिसके कारण यहां पर हरियाणा की कल्चर देखने को मिलता हैं.
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