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हज यात्रा 2020: अभी भी कर सकते हैं हज के लिए आवेदन, बढ़ाई गई तारीख

पवित्र हज-2020 के सफर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसके लिए हज फार्म भरने का सिलसिला बीते 10 अक्टूबर से ही शुरू हो गया था. हज फार्म भरने की धीमी रफ्तार को ध्यान में रखते हुए फार्म भरने की तारीख को बढ़ाकर 10 दिसंबर तक कर दिया गया.

हज यात्रा-2020
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Published : Nov 13, 2019, 9:58 AM IST

नई दिल्ली: देश में चल रही 'आर्थिक मंदी' का असर पवित्र हज यात्रा-2020 पर जाने वाले लोगों पर भी दिखाई दे रहा है. हालात ये है कि हज के सफर पर जाने वाले लोगों के आवेदन में बेहद कमी देखी जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जहां पिछले साल हज के सफर पर जाने वाले करीब आठ हजार लोगों ने आवेदन किया. वहीं इस साल ये संख्या घटकर महज तीन हजार तक ही सिमट गई.

बढ़ाई गई हज यात्रा के लिए आवेदन की तारीख

दिल्ली और आसपास के राज्यों की हज कमेटियों से की गई गुजारिश के बाद हज के आवेदन करने के लिए सेंट्रल हज कमेटी और केंद्रीय मंत्रालय से एक महीने की और मोहलत दी गई है, जोकि 9 नवंबर को ही समाप्त हो गई थी.

मांगी थी कुछ दिनों की मोहलत
पवित्र हज-2020 के सफर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसके लिए हज फार्म भरने का सिलसिला बीते 10 अक्टूबर से ही शुरू हो गया था. जोकि 9 नवंबर तक चला, लेकिन हज फार्म भरने की धीमी रफ्तार को ध्यान में रखते हुए कुछ और दिनों की मोहलत दिए जाने की गुजारिश की गई थी. दिल्ली हज कमेटी के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, विदेश मंत्रालय और सेंट्रल हज कमेटी से इसकी गुजारिश की थी. मांग को देखते हुए हज फार्म भरने की तारीख को बढ़ाकर 10 दिसंबर तक कर दिया गया. हज के लिए कुछ और आवेदन अब भरे जा सकेंगे.

हज कोटे के हिसाब से आ चुके हैं आवेदन
इस बाबत अशफाक अहमद आरफी ने बताया कि 9 नवंबर तक दिल्ली हज कमेटी को 3100 हज फार्म एप्लिकेशन प्राप्त हुए, जबकि पिछले साल 2019 के हज सफर के लिए आठ हजार से भी ज्यादा हज के आवेदन मिले थे, हालांकि अभी तक जितने फार्म आ चुके हैं वो दिल्ली के हज कोटे के हिसाब से काफी हैं, क्योंकि दिल्ली का कोटा महज इतना ही है. जिसके किये कुल मिलने वाले आवेदनों में से ड्रा कराया जाएगा.

हज की जीएसटी घटाई गई
हज फार्म भरने के लिए एक महीने का समय बढ़ा दिए जाने से अब हज फार्म की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है. कहने को इस साल हज के सफर में लगने वाली जीएसटी को भी 18 से घटा कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे यह भी अनुमान है कि कुछ ज्यादा लोग हज के लिए आवेदन करें, लेकिन मौजदा समय मे हज फार्म भरने का सिलसिला बेहद धीमा है.


प्राइवेट जितना हो गया है कमेटी से जाने का खर्च
कहने को दिल्ली हज कमेटी हज के सफर के लिए पूरी प्रक्रिया के तहत लोगों को हज के लिए भेजती है, पिछले कुछ सालों से कमेटी के जरिये हज के सफर पर जाने वाला खर्च बढ़ गया है, जबकि निजी टूर ऑपरेटरों के जरिए हज के सफर पर जाने के लिए भी इससे कुछ ही ज्यादा खर्च करना होता है, ऐसे में लोग निजी ऑपरेटरों को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं.

जिस ढंग से आर्थिक मंदी और बढ़ती महंगाई के कारण हज के सफर पर जाने वालों के आवेदन में आने वाली कमी कुछ ओर इशारा करती है, लेकिन हैरानी नहीं, दरअसल देशभर में आर्थिक मंदी के कारण लोगों के कारोबार भी काफी घट गए हैं. ऐसा नहीं है कि ये कमी सिर्फ दिल्ली से हज के सफर पर जाने वालों की ही हुई बल्कि देश के दूसरे राज्यों से भी कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं.

हज प्रक्रिया में हुआ बदलाव जिम्मेदार
इसके लिए कुछ हद तक हज फार्म भरने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है. देखना ये होगा कि क्या ये कमी सिर्फ हज फार्म आवेदनों में ही हुई है या फिर हाजियों की संख्या में भी इससे कोई कमी आएगी.

हज कमेटी एक्जीक्यूटिव से बातचीत
हज यात्रा के लिए किए जाने वाले आवेदनों में आई बेहद कमी के चलते हज आवेदन करने के लिए एक महीना बढ़ाए जाने को लेकर दिल्ली हज कमेटी के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अशफाक अहमद आरफी से अहम मुद्दों पर बातचीत की गई है.

नई दिल्ली: देश में चल रही 'आर्थिक मंदी' का असर पवित्र हज यात्रा-2020 पर जाने वाले लोगों पर भी दिखाई दे रहा है. हालात ये है कि हज के सफर पर जाने वाले लोगों के आवेदन में बेहद कमी देखी जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जहां पिछले साल हज के सफर पर जाने वाले करीब आठ हजार लोगों ने आवेदन किया. वहीं इस साल ये संख्या घटकर महज तीन हजार तक ही सिमट गई.

बढ़ाई गई हज यात्रा के लिए आवेदन की तारीख

दिल्ली और आसपास के राज्यों की हज कमेटियों से की गई गुजारिश के बाद हज के आवेदन करने के लिए सेंट्रल हज कमेटी और केंद्रीय मंत्रालय से एक महीने की और मोहलत दी गई है, जोकि 9 नवंबर को ही समाप्त हो गई थी.

मांगी थी कुछ दिनों की मोहलत
पवित्र हज-2020 के सफर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसके लिए हज फार्म भरने का सिलसिला बीते 10 अक्टूबर से ही शुरू हो गया था. जोकि 9 नवंबर तक चला, लेकिन हज फार्म भरने की धीमी रफ्तार को ध्यान में रखते हुए कुछ और दिनों की मोहलत दिए जाने की गुजारिश की गई थी. दिल्ली हज कमेटी के साथ-साथ दूसरे राज्यों से भी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, विदेश मंत्रालय और सेंट्रल हज कमेटी से इसकी गुजारिश की थी. मांग को देखते हुए हज फार्म भरने की तारीख को बढ़ाकर 10 दिसंबर तक कर दिया गया. हज के लिए कुछ और आवेदन अब भरे जा सकेंगे.

हज कोटे के हिसाब से आ चुके हैं आवेदन
इस बाबत अशफाक अहमद आरफी ने बताया कि 9 नवंबर तक दिल्ली हज कमेटी को 3100 हज फार्म एप्लिकेशन प्राप्त हुए, जबकि पिछले साल 2019 के हज सफर के लिए आठ हजार से भी ज्यादा हज के आवेदन मिले थे, हालांकि अभी तक जितने फार्म आ चुके हैं वो दिल्ली के हज कोटे के हिसाब से काफी हैं, क्योंकि दिल्ली का कोटा महज इतना ही है. जिसके किये कुल मिलने वाले आवेदनों में से ड्रा कराया जाएगा.

हज की जीएसटी घटाई गई
हज फार्म भरने के लिए एक महीने का समय बढ़ा दिए जाने से अब हज फार्म की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है. कहने को इस साल हज के सफर में लगने वाली जीएसटी को भी 18 से घटा कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे यह भी अनुमान है कि कुछ ज्यादा लोग हज के लिए आवेदन करें, लेकिन मौजदा समय मे हज फार्म भरने का सिलसिला बेहद धीमा है.


प्राइवेट जितना हो गया है कमेटी से जाने का खर्च
कहने को दिल्ली हज कमेटी हज के सफर के लिए पूरी प्रक्रिया के तहत लोगों को हज के लिए भेजती है, पिछले कुछ सालों से कमेटी के जरिये हज के सफर पर जाने वाला खर्च बढ़ गया है, जबकि निजी टूर ऑपरेटरों के जरिए हज के सफर पर जाने के लिए भी इससे कुछ ही ज्यादा खर्च करना होता है, ऐसे में लोग निजी ऑपरेटरों को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं.

जिस ढंग से आर्थिक मंदी और बढ़ती महंगाई के कारण हज के सफर पर जाने वालों के आवेदन में आने वाली कमी कुछ ओर इशारा करती है, लेकिन हैरानी नहीं, दरअसल देशभर में आर्थिक मंदी के कारण लोगों के कारोबार भी काफी घट गए हैं. ऐसा नहीं है कि ये कमी सिर्फ दिल्ली से हज के सफर पर जाने वालों की ही हुई बल्कि देश के दूसरे राज्यों से भी कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं.

हज प्रक्रिया में हुआ बदलाव जिम्मेदार
इसके लिए कुछ हद तक हज फार्म भरने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है. देखना ये होगा कि क्या ये कमी सिर्फ हज फार्म आवेदनों में ही हुई है या फिर हाजियों की संख्या में भी इससे कोई कमी आएगी.

हज कमेटी एक्जीक्यूटिव से बातचीत
हज यात्रा के लिए किए जाने वाले आवेदनों में आई बेहद कमी के चलते हज आवेदन करने के लिए एक महीना बढ़ाए जाने को लेकर दिल्ली हज कमेटी के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अशफाक अहमद आरफी से अहम मुद्दों पर बातचीत की गई है.

Intro:देश में चल रही आर्थिक मंदी का असर पवित्र हज यात्रा 2020 पर जाने वाले लोगों पर भी दिखाई दे रहा है, हालात यह है कि हज के सफर पर जाने वाले लोगों के आवेदन में बेहद कमी देखी जा रही है, एक रिपोर्ट के मुताबिक जहां पिछले साल हज के सफर पर जाने वाले करीब आठ हजार लोगों ने आवेदन किया वहीं इस साल यह संख्या घटकर महज तीन हजार तक ही सिमट गई. दिल्ली और आसपास के राज्यों की हज कमेटियों से की गई गुजारिश के बाद हज के आवेदन करने के लिए एक महीने की और मोहलत सेंट्रल हज कमेटी और केंद्रीय मंत्रालय से दी गई है जोकि नौ नवंबर को ही समाप्त हो गई थी.


Body:पवित्र हज 2020 के सफर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसके लिए हज फार्म भरने का सिलसिला गत दस अक्टूबर से ही शुरू हो गया था, जोकि 9 नवंबर तक चला, लेकिन हज फार्म भरने की धीमी रफ्तार को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हज कमेटी के साथ साथ दूसरे राज्यों से भी केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों में मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, विदेश मंत्रालय और सेंट्रल हज कमेटी से इसके लिए कुछ और दिनों की मोहलत दिए जाने की गुजारिश की गई थी, जिसे देखते हुए हज फार्म भरने की तारीख को बढ़ाकर 10 दिसंबर तक कर दिया गया, इससे समंझ जा रहा है कि हज के किये जाने वाले कुछ और आवेदन अब भरे जा सकेंगें.
इस बाबत अशफाक अहमद आरफी ने बताया कि 9 नवंबर तक दिल्ली हज कमेटी को 31 सौ हज फार्म एप्लिकेशन प्राप्त हुए जबकि पिछले साल वर्ष 2019 के हज सफर के लिए आठ हजार से भी ज्यादा हज के आवेदन मिले थे, हालांकि अभी तक Jइतने फार्म आ चुके हैं वह दिल्ली के हज कोटे के हिसाब से काफी हैं क्योंकि दिल्ली का कोटा महज इतना ही है, जिसके किये कुल मिलने वाले आवेदनों में से ड्रा कराया जाएगा. हज फार्म भरने के लिए एक महीने का समय बढ़ा दिए जाने से अब हज फार्म की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है. कहने को इस साल हज के सफर में लगने वाली जीएसटी को भी 18 से घटा कर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, इससे यह भी अनुमान है कि कुछ ज्यादा लोग हज के लिए आवेदन करें, लेकिन मौजदा समय मे हज फार्म भरने का सिलसिला बेहद धीमा है.


प्राइवेट जितना हो गया है कमेटी से जाने का खर्च
कहने को दिल्ली हज कमेटी हज के सफर के लिए पूरी प्रक्रिया के तहत लोगों को हज जे लिए भेजती है, पिछले कुछ वर्षों से कमेटी के जरिये हज के सफर पर जाने वाला खर्च बढ़ गया है, जबकि निजी टूर ऑपरेटरों के जरिए हज के सफर पर जाने के लिए भी इससे कुछ ज्यादा ही खर्च करना होता है, ऐसे में लोग निजी ऑपरेटरों को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं.




Conclusion:जिस ढंग से आर्थिक मंदी और बढ़ती महंगाई के कारण हज के सफर पर जाने वालों के आवेदन में आने वाली कमी कुछ ओरेशां तो करती है लेकिन हैरान नहीं, दरअसल देशभर में आर्थिक मंदी के कारण लोगों के कारोबार भी काफी घट गए हैं, ऐसा नहीं है कि यह कमी सिर्फ दिल्ली से हज के सफर पर जाने वालों की ही हुई बल्कि देश के दूसरे राज्यों से भी कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं, इसके लिए कुछ हद तक हज फार्म भरने के लिए पूरी तरह से की गई ऑनलाइन प्रक्रिया को भी कुछ हद तक जिम्मेदार बताया जा रहा है, देखना यह होगा कि क्या यह कमी सिर्फ हज फार्म आवेदनों में ही हुई है या फिर हाजियों की संख्या में भी इससे कोई कमी आएगी.

हज यात्रा के लिए किए जाने वाले आवेदनों में आई बेहद कमी के चलते हज आवेदन करने के लिए एक महीना बढ़ाए जाने को लेकर दिल्ली हज कमेटी के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अशफाक अहमद आरफी से अहम मुद्दों पर बातचीत की गई है.....
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