नई दिल्लीः लोकनायक अस्पताल के बाद दिल्ली सरकार का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल गुरू तेग बहादुर (जीटीबी) भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तैयार है. दिलशाद गार्डन स्थित अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली सरकार द्वारा 450 बेड आरक्षित किए गए हैं. अस्पताल के पीआरओ डॉ. रजत झांब ने बताया कि अभी कोरोना के लक्षण वाले जो मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं उनके लिए एक फीवर क्लीनिक की व्यवस्था है. यहां पर सबसे पहले मरीज का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाता है. अगर टेस्ट पॉजिटिव आता है तो मरीज को आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेजा जाता है. अगर मरीज को ज्यादा परेशानी होती है तो उसे कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित वार्ड में भर्ती कर लिया जाता है.
उन्होंने बताया कि फिलहाल 70 आईसीयू बेड हमने कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखे हुए हैं. अगर जरूरत पड़ेगी तो इनको और बढ़ाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि पीडियाट्रिक वार्ड में भी 50 आईसीयू बेड की व्यवस्था है. अगर जरूरत पडे़गी तो उन्हें भी कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा.
डॉ. रजत ने बताया कि अभी अस्पताल की कुल क्षमता 1439 बेड की है, जिनमें से 1069 बेड सीधे आक्सीजन की पाइपलाइन से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही अस्पताल के पास 53 किलोलीटर और 110 किलोलीटर क्षमता के दो आक्सीजन स्टोरेज टैंक भी हैं. इनसे सीधे बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकती है. इसके अलावा ऑक्सीजन उत्पादन के लिए पांच पीएसए प्लांट भी लगे हुए हैं. जरूरत पड़ने पर इनका भी इस्तेमाल किया जाएगा. दिल्ली कोरोना ऐप के अनुसार जीटीबी अस्पताल में अभी कोरोना के नौ मरीज भर्ती हैं.
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