नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा को और स्वच्छ बनाने की दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक खास पहल की है. जन स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों को वॉकी-टॉकी दिया जा रहा है. ये वॉकी-टॉकी सीईओ व एसीईओ के पास रहेगी. आज गुरुवार को प्राधिकरण ने इस प्रक्रिया को शुरू किया है. जल्दी ही कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसके लिए प्राधिकरण में प्रशिक्षण शिविर भी लगाया जाएगा.
प्राधिकरण ने 60 वॉकी-टॉकी मंगवाए: प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम ने बताया कि वॉकी-टॉकी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास आ चुका है. इससे गंदगी को लेकर आने वाली शिकायतों को शीघ्र निस्तारित करने में मदद मिलेगी. वर्तमान समय में प्राधिकरण ने कुल 60 वॉकी-टॉकी मंगवाए हैं. आगे जरूरत पड़ने पर इसे और बढ़ाया जा सकता है. ये वॉकी-टॉकी सीईओ, एसीईओ, ओएसडी, वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक, व सुपरवाइजरों को दिए जा रहे हैं. इनका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
प्राधिकरण एसीईओ ने कही ये बात: जन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों सहित अधिकारियों को वॉकी टॉकी दिए जाने के संबंध में एसीईओ मेधा रूपम ने बताया कि वॉकी-टॉकी से गंदगी से जुड़ी शिकायत मिलने पर सफाईकर्मियों तक शीघ्र मैसेज पहुंचाना आसान हो जाएगा. सुपरवाइजरों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा सकेंगे. वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में होने के कारण इन शिकायतों का शीघ्र निस्तारण भी हो सकेगा. उन्होंने बताया कि वॉकी-टॉकी पर समय पर दिए गए निर्देश के संबंध में किसी के द्वारा सूचना देर से मिलने की बात नहीं कही जा सकती है. सूचना पर काम हुआ या नहीं इसका भी रिस्पांस लिया जाएगा.
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