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Delhi Air Pollution: वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए इस बार अक्टूबर में ही लागू होगा ग्रैप, जानें क्या है प्लान - केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग

दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण पर इस बार केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की सख्त नजर है. इस बार एक अक्तूबर से ही ग्रैप सिस्टम लागू किया जाएगा. इसमें न सिर्फ दिल्ली बल्कि दिल्ली के आसपास के अन्य जिलों को भी शामिल किया जाएगा.

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Published : Jul 30, 2023, 6:55 AM IST

Updated : Jul 30, 2023, 7:19 AM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में हर साल नवंबर से जनवरी के बीच वायु प्रदूषण स्तर अपने चरम पर होती है. इस बार केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बेहद सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. वायु प्रदूषण की रोकथाम को इस बार ग्रैप के तहत लगने वाली पाबंदियां पहले से ज्यादा सख्त होंगी. वायु गुणवत्ता सूचकांक के 400 से ऊपर जाने पर दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर को भी पाबंदियां झेलनी पड़ेंगी. वैसे तो एनसीआर का दायरा बड़ा है, फिलहाल दिल्ली से सटे गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, फरीदाबाद और गुरुग्राम में वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना है.

केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने जारी दिशा-निर्देश में कहा है कि एक अक्तूबर से ग्रैप लागू होगा. पहले सूचकांक के 400 से ऊपर जाने पर दिल्ली में बीएस-3 मानक वाले पेट्रोल और बीएस चार मानक वाले डीजल वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी थी. इस बार यह पाबंदी दिल्ली के साथ-साथ इससे सटे एनसीआर के चार जिलों में भी लागू होगी.

चरणबद्ध तरीके से लागू होगी पाबंदियां
वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 से 300 तक पहुंचने पर पाबंदियों का पहला चरण लागू होगा. इस दौरान अपनी समयावधि पूरी कर चुके डीजल और पेट्रोल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 से 400 तक पहुंचने पर पाबंदियों का दूसरा चरण लागू होगा. इस दौरान चिह्नित हॉट स्पॉट पर प्रदूषण रोकने का अभियान चलाया जाएगा. इस अवधि में डुअल मोड वाले डीजल जेनरेटर को ही छूट मिलेगी.

वहीं, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 से 450 तक पुहुंचेगा तो पाबंदियों का तीसरा चरण लागू किया जाएगा. इस दौरान बीएस तीन मानकों वाले पेट्रोल और बीएस चार मानकों वाले डीजल चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी. वहीं जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से ऊपर पहुंचेगा तो पाबंदियों का चौथा चरण लागू होगा. इस दौरान दिल्ली से बाहर पंजीकृत उन्हीं वाहनों को छूट दिया जाएगा जो कि इलेक्ट्रिक, सीएनजी, या बीएस-6 मानक वाले हों.

क्या है ग्रैपः सर्दियों में दिल्ली को प्रदूषण की मार से बचाने के लिए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) तैयार किया है. ग्रैप वास्तव में प्रदूषण की वजह से हवा की गुणवत्ता में और गिरावट रोकने के लिए अपनाए जाने वाले आपातकालीन उपायों का एक ढांचा है. इसी के तहत सीक्यूएम ने इस बार दिल्ली के लिए यह खास प्लान बनाया है.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में हर साल नवंबर से जनवरी के बीच वायु प्रदूषण स्तर अपने चरम पर होती है. इस बार केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बेहद सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. वायु प्रदूषण की रोकथाम को इस बार ग्रैप के तहत लगने वाली पाबंदियां पहले से ज्यादा सख्त होंगी. वायु गुणवत्ता सूचकांक के 400 से ऊपर जाने पर दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर को भी पाबंदियां झेलनी पड़ेंगी. वैसे तो एनसीआर का दायरा बड़ा है, फिलहाल दिल्ली से सटे गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, फरीदाबाद और गुरुग्राम में वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना है.

केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने जारी दिशा-निर्देश में कहा है कि एक अक्तूबर से ग्रैप लागू होगा. पहले सूचकांक के 400 से ऊपर जाने पर दिल्ली में बीएस-3 मानक वाले पेट्रोल और बीएस चार मानक वाले डीजल वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी थी. इस बार यह पाबंदी दिल्ली के साथ-साथ इससे सटे एनसीआर के चार जिलों में भी लागू होगी.

चरणबद्ध तरीके से लागू होगी पाबंदियां
वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 से 300 तक पहुंचने पर पाबंदियों का पहला चरण लागू होगा. इस दौरान अपनी समयावधि पूरी कर चुके डीजल और पेट्रोल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 से 400 तक पहुंचने पर पाबंदियों का दूसरा चरण लागू होगा. इस दौरान चिह्नित हॉट स्पॉट पर प्रदूषण रोकने का अभियान चलाया जाएगा. इस अवधि में डुअल मोड वाले डीजल जेनरेटर को ही छूट मिलेगी.

वहीं, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 से 450 तक पुहुंचेगा तो पाबंदियों का तीसरा चरण लागू किया जाएगा. इस दौरान बीएस तीन मानकों वाले पेट्रोल और बीएस चार मानकों वाले डीजल चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी. वहीं जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से ऊपर पहुंचेगा तो पाबंदियों का चौथा चरण लागू होगा. इस दौरान दिल्ली से बाहर पंजीकृत उन्हीं वाहनों को छूट दिया जाएगा जो कि इलेक्ट्रिक, सीएनजी, या बीएस-6 मानक वाले हों.

क्या है ग्रैपः सर्दियों में दिल्ली को प्रदूषण की मार से बचाने के लिए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) तैयार किया है. ग्रैप वास्तव में प्रदूषण की वजह से हवा की गुणवत्ता में और गिरावट रोकने के लिए अपनाए जाने वाले आपातकालीन उपायों का एक ढांचा है. इसी के तहत सीक्यूएम ने इस बार दिल्ली के लिए यह खास प्लान बनाया है.

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Last Updated : Jul 30, 2023, 7:19 AM IST
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