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National E-Commerce Policy: देशभर के व्यापारी अब ई-कॉमर्स पालिसी और नियमों की घोषणा का कर रहे इंतजार

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Published : Aug 22, 2023, 12:39 PM IST

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के नेतृत्व में देश के व्यापारिक समुदाय का ई कॉमर्स पर चल रहा संघर्ष अब लगभग अपने अंतिम दौर में है. कैट का अनुमान है कि केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही एक मजबूत ई-कॉमर्स नियम और ई-कॉमर्स नीति लागू करने की प्रबल संभावना है.

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नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के नेतृत्व में देश के व्यापारिक समुदाय का ई कॉमर्स पर चल रहा संघर्ष अब लगभग अपने अंतिम दौर में है. कैट का अनुमान है कि केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही एक मजबूत ई-कॉमर्स नियम और ई-कॉमर्स नीति लागू करने की प्रबल संभावना है. विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अनैतिक व्यापार प्रथाओं और एफडीआई नीति का घोर उल्लंघन के ख़िलाफ़ कैट एक लंबे अरसे से आवाज़ उठाता रहा है. कैट को उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक ई कॉमर्स के लिए एक स्पष्ट नीति एवं नियम दोनों लागू होने की उम्मीद है.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज एक संयुक्त बयान में कहा कि देश का पूरा व्यापारिक समुदाय छोटे लोगों के प्रति अत्यधिक देखभाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति देशभर में बड़े पैमाने पर आभार व्यक्त करने के लिए तैयार है. कैट ने नियमों और नीतियों को डिजाइन करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और डीपीआईआईटी के अधिकारियों द्वारा प्रत्येक स्टेकहोल्डर को पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए निष्पक्ष तरीके से की गई कड़ी मेहनत की सराहना की है.

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि ई कॉमर्स के लिए नियम और नीति के आने से यह बात मजबूती से स्थापित हो जाएगी कि भारत संप्रभु देश है और देश के कानूनों का पालन करने के लिए हर व्यक्ति बाध्य है. कैट ने कहा की अब तक विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों ने भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य को एक खुले खेल के मैदान के रूप में बना दिया है, जो अपनी सनक और इच्छाओं के साथ खेल रहे हैं. जिससे ऑफलाइन व्यापार पर गहरा असर पड़ रहा है. इसे समान स्तर का खेल का मैदान बनाए रखना. विक्रेताओं की मजबूत केवाईसी, मार्केटप्लेस और इन्वेंट्री मॉडल के बीच स्पष्ट अंतर, उपभोक्ताओं के प्रति बाजार का दायित्व. एक जिम्मेदार शिकायत प्रणाली के साथ उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निवारण, लागत से भी कम मूल्य पर माल न बेचना. वाणिज्य मंत्रालय से प्रत्येक ई-कॉमर्स इकाई को पंजीकरण कराना सहित कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जिन्हें कैट ने ई-कॉमर्स नीति और नियमों का हिस्सा बनने के लिए उठाया है

ई कॉमर्स के लिए एक स्पष्ट नीति एवं नियम की उम्मीद

कैट के सदस्यों की मांग है कि कोई भी इकाई जो डिजिटल तकनीक का उपयोग करके व्यवसाय करती है, उसे नीति और नियमों के दायरे में लाया जाना चाहिए. कैट ने अपनी इस मांग को बीते तीन वर्षों के दौरान कई बार सरकार द्वारा आयोजित व्यापक चर्चा के दौरान उजागर किया है. अब कैट को उम्मीद है की सरकार द्वारा जारी होने वाली ई कॉमर्स पालिसी एवं नियमों से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा वहीं भारतीय उत्पादों को एक नया बाज़ार मिलेगा.

यह भी पढ़ें- Gold Silver Share Market News : रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर, सोने के दाम में मामूली बढ़त

नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के नेतृत्व में देश के व्यापारिक समुदाय का ई कॉमर्स पर चल रहा संघर्ष अब लगभग अपने अंतिम दौर में है. कैट का अनुमान है कि केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही एक मजबूत ई-कॉमर्स नियम और ई-कॉमर्स नीति लागू करने की प्रबल संभावना है. विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अनैतिक व्यापार प्रथाओं और एफडीआई नीति का घोर उल्लंघन के ख़िलाफ़ कैट एक लंबे अरसे से आवाज़ उठाता रहा है. कैट को उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक ई कॉमर्स के लिए एक स्पष्ट नीति एवं नियम दोनों लागू होने की उम्मीद है.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज एक संयुक्त बयान में कहा कि देश का पूरा व्यापारिक समुदाय छोटे लोगों के प्रति अत्यधिक देखभाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति देशभर में बड़े पैमाने पर आभार व्यक्त करने के लिए तैयार है. कैट ने नियमों और नीतियों को डिजाइन करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और डीपीआईआईटी के अधिकारियों द्वारा प्रत्येक स्टेकहोल्डर को पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए निष्पक्ष तरीके से की गई कड़ी मेहनत की सराहना की है.

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि ई कॉमर्स के लिए नियम और नीति के आने से यह बात मजबूती से स्थापित हो जाएगी कि भारत संप्रभु देश है और देश के कानूनों का पालन करने के लिए हर व्यक्ति बाध्य है. कैट ने कहा की अब तक विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों ने भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य को एक खुले खेल के मैदान के रूप में बना दिया है, जो अपनी सनक और इच्छाओं के साथ खेल रहे हैं. जिससे ऑफलाइन व्यापार पर गहरा असर पड़ रहा है. इसे समान स्तर का खेल का मैदान बनाए रखना. विक्रेताओं की मजबूत केवाईसी, मार्केटप्लेस और इन्वेंट्री मॉडल के बीच स्पष्ट अंतर, उपभोक्ताओं के प्रति बाजार का दायित्व. एक जिम्मेदार शिकायत प्रणाली के साथ उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निवारण, लागत से भी कम मूल्य पर माल न बेचना. वाणिज्य मंत्रालय से प्रत्येक ई-कॉमर्स इकाई को पंजीकरण कराना सहित कुछ प्रमुख मुद्दे हैं जिन्हें कैट ने ई-कॉमर्स नीति और नियमों का हिस्सा बनने के लिए उठाया है

ई कॉमर्स के लिए एक स्पष्ट नीति एवं नियम की उम्मीद

कैट के सदस्यों की मांग है कि कोई भी इकाई जो डिजिटल तकनीक का उपयोग करके व्यवसाय करती है, उसे नीति और नियमों के दायरे में लाया जाना चाहिए. कैट ने अपनी इस मांग को बीते तीन वर्षों के दौरान कई बार सरकार द्वारा आयोजित व्यापक चर्चा के दौरान उजागर किया है. अब कैट को उम्मीद है की सरकार द्वारा जारी होने वाली ई कॉमर्स पालिसी एवं नियमों से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा वहीं भारतीय उत्पादों को एक नया बाज़ार मिलेगा.

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