नई दिल्ली: दिल्ली में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होती जा रही है. सभी राजनीतिक दल जनता से जुड़ने के अलग-अलग तरीके खोज रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने भी चुनाव के मद्देनजर अपने कैम्पेन को कई चरणों के हिसाब से प्लान किया था.
इसमें पार्टी के कैंपेन का पहला चरण 7 अप्रैल को खत्म हुआ था. वहीं दूसरा चरण 8 अप्रैल से शुरू होना था. लेकिन इसमें बदलाव किया गया है. पहले चरण के चुनाव कैंपेन में आम आदमी पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं ने पूरी दिल्ली में जनसभाएं की. लेकिन अगले चरण के चुनाव कैंपेन में तरीका बदला जा रहा है. 10 अप्रैल से आम आदमी पार्टी के कैंपेन का दूसरा चरण शुरू होने वाला है. जिसमें पूरी दिल्ली के 35 लाख मतदाताओं तक सीधे तौर पर पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.
जनता से होगा वन-टू-वन
कैंपेन की तैयारियों और रणनीतियों को लेकर ईटीवी भारत ने आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय से बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि दूसरे बदले हुए चरण के कैम्पेन में आम आदमी पार्टी के 13800 बूथ अध्यक्ष दिल्ली के 35 लाख लोगों से वन टू वन संपर्क करेंगे.
इस कैंपेन को पार्टी ने मेगा जनसंपर्क अभियान नाम दिया गया है. साथ ही इसमें 70000 विजय प्रमुख भी होंगे और पूरे प्रॉसेस को मॉनिटर करने के लिए 13800 मंडल अध्यक्ष होंगे.
पांच बिंदुओं पर होगी चर्चा
- इस पूरे कैंपेन में पांच बिंदुओं पर चर्चा होगी.
- पहला यह है कि दिल्ली सरकार ने 4 साल में क्या क्या जनहित के काम किए.
- दूसरा बिंदु में होगा कि मोदी सरकार ने किस तरह दिल्ली सरकार को परेशान किया.
- तीसरे बिंदु में लोगों को समझाया जाएगा कि पूर्ण राज्य न होने से उन्हें क्या नुकसान हो रहा है. और पूर्ण राज्य बनने से उन्हें क्या फायदे होंगे.
- चौथा बिंदु में तय होगा कि राजधानी होने के बावजूद दिल्ली किस तरह से पूर्ण राज्य बन सकती है.
- पांचवे बिंदु में लोगों को बताया जाएगा कि दिल्ली में भाजपा के सातों सांसदों ने पिछले पांच सालों में क्या काम किया है.
आम आदमी पार्टी ने चुनाव कैंपेन की रणनीति में बदलाव से पहले अपने पहले चरण के कैंपेन को रिव्यू किया. 70 ऑब्जर्वर्स और वॉर रूम के जरिए रिपोर्ट मंगाई गई. जिस पर चर्चा के बाद पार्टी ने कैंपेन में बदलाव का निर्णय लिया.