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जीके ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग

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Published : May 27, 2021, 1:23 PM IST

Updated : May 27, 2021, 1:55 PM IST

किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर जागो पार्टी के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने किसानों के साथ तुरंत बातचीत शुरू करने और किसानों के खिलाफ दर्ज किए सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री को चुनावी घोषणा पत्र भी याद दिलाया है.

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जीके ने प्रधानमंत्री को लिखा प

नई दिल्ली: किसानों के दिल्ली धरने के 6 महीने पूरे होने पर जागो पार्टी के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने किसानों के साथ तुरंत बातचीत शुरू करने और किसानों के खिलाफ दर्ज किए सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की है. उन्होंने पत्र में कहा है कि दिल्ली सीमा पर डेरा डालकर बैठे देश के किसानों की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए. जीके ने देश में किसानों को योगदान को आधार बनाकर पत्र में प्रधानमंत्री से मांगों के सम्बंध में प्रार्थना की है.

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जीके ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

किसानों के हौसले अब भी बुलंद

उन्होंने लिखा है कि सर्दी, तूफान, बरसात, गर्मी और कोरोना की मार झेल रहे किसानों के हौसले अपनी मांगों को लेकर अब भी बुलंद हैं. देश जब अन्न की कमी से जूझ रहा था तो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने "जय जवान-जय किसान" का नारा बुलंद किया था. देखते ही देखते किसानों ने देश को 'हरित क्रांति' लहर देकर अन्न में आत्मनिर्भर बना दिया था. हालांकि उसके बदले किसानों को उनका हक नसीब नहीं हुआ. अगर मिला तो बोरवेल का 300 फ़ीट तक गिरता जल स्तर या जहरीले कीटनाशकों के इस्तेमाल के बदले कैंसर जैसी भयानक बीमारी.

ये भी पढ़ें: प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू की पुण्यतिथि आज, राहुल समेत अन्य नेताओं ने किया याद

याद दिलाया चुनावी घोषणा पत्र

मोदी को चुनावी घोषणा पत्र की याद दिलाते हुए जीके ने कहा कि देश के किसानों को आपने आय दोगुनी करने का वादा किया था पर आज कृषि क्षेत्र में बढ़ते व्यावसायिक हितों की वजह से किसान अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक साहिब ने खुद खेती की थी, जबकि पहला सिख राज स्थापित करने वाले महान सेनापति बाबा बंदा सिंह बहादर ने भूमिहीन किसानों को जमीनें देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया था. इसी महान शख्सियत की शहीदी की तीसरी शताब्दी के मौके 3 जुलाई 2016 को आपने दिल्ली में हुई विशाल सभा में हिस्सा भी लिया था तथा बाबा बंदा सिंह बहादर की इंसाफ करने की सोच की सराहना करते हुए ट्वीट भी किया था.

प्रधानमंत्री होने के नाते करें पहल

उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री होने के नाते 6 महीने लंबे इस वैचारिक टकराव को टालने की पहलकदमी आपको करनी चाहिए ताकि खेत में काम करता किसान और देश की सीमा पर डटा जवान राहत महसूस कर सकें. उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ दर्ज किए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं. यह हमारी समाजवादी अर्थव्यवस्था तथा उदारवादी भारतीय संस्कृति के लिए अच्छा कदम होगा. यदि अन्नदाता खुशहाल होगा तो देश भी खुशहाल होगा, क्योंकि भारत की ज्यादा आबादी गांवों में बसती है.

नई दिल्ली: किसानों के दिल्ली धरने के 6 महीने पूरे होने पर जागो पार्टी के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने किसानों के साथ तुरंत बातचीत शुरू करने और किसानों के खिलाफ दर्ज किए सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की है. उन्होंने पत्र में कहा है कि दिल्ली सीमा पर डेरा डालकर बैठे देश के किसानों की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए. जीके ने देश में किसानों को योगदान को आधार बनाकर पत्र में प्रधानमंत्री से मांगों के सम्बंध में प्रार्थना की है.

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जीके ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

किसानों के हौसले अब भी बुलंद

उन्होंने लिखा है कि सर्दी, तूफान, बरसात, गर्मी और कोरोना की मार झेल रहे किसानों के हौसले अपनी मांगों को लेकर अब भी बुलंद हैं. देश जब अन्न की कमी से जूझ रहा था तो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने "जय जवान-जय किसान" का नारा बुलंद किया था. देखते ही देखते किसानों ने देश को 'हरित क्रांति' लहर देकर अन्न में आत्मनिर्भर बना दिया था. हालांकि उसके बदले किसानों को उनका हक नसीब नहीं हुआ. अगर मिला तो बोरवेल का 300 फ़ीट तक गिरता जल स्तर या जहरीले कीटनाशकों के इस्तेमाल के बदले कैंसर जैसी भयानक बीमारी.

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याद दिलाया चुनावी घोषणा पत्र

मोदी को चुनावी घोषणा पत्र की याद दिलाते हुए जीके ने कहा कि देश के किसानों को आपने आय दोगुनी करने का वादा किया था पर आज कृषि क्षेत्र में बढ़ते व्यावसायिक हितों की वजह से किसान अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक साहिब ने खुद खेती की थी, जबकि पहला सिख राज स्थापित करने वाले महान सेनापति बाबा बंदा सिंह बहादर ने भूमिहीन किसानों को जमीनें देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया था. इसी महान शख्सियत की शहीदी की तीसरी शताब्दी के मौके 3 जुलाई 2016 को आपने दिल्ली में हुई विशाल सभा में हिस्सा भी लिया था तथा बाबा बंदा सिंह बहादर की इंसाफ करने की सोच की सराहना करते हुए ट्वीट भी किया था.

प्रधानमंत्री होने के नाते करें पहल

उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री होने के नाते 6 महीने लंबे इस वैचारिक टकराव को टालने की पहलकदमी आपको करनी चाहिए ताकि खेत में काम करता किसान और देश की सीमा पर डटा जवान राहत महसूस कर सकें. उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ दर्ज किए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं. यह हमारी समाजवादी अर्थव्यवस्था तथा उदारवादी भारतीय संस्कृति के लिए अच्छा कदम होगा. यदि अन्नदाता खुशहाल होगा तो देश भी खुशहाल होगा, क्योंकि भारत की ज्यादा आबादी गांवों में बसती है.

Last Updated : May 27, 2021, 1:55 PM IST
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