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G 20 Summit: नए कलेवर में दिखेगा त्रिपोलिया गेट, एएसआई ने की प्लानिंग

आज बात त्रिपोलिया गेट की जिस पर करीब 3 साल बाद एक बार फिर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) संरक्षण कार्य शुरू करने जा रहा है. जर्जर अवस्था में पहुंच चुके इस दरवाजे पर संरक्षण कार्य शुरू होने से जहां इसका अस्तित्व बचा रहेगा. साथ ही जी 20 सम्मेलन को देखते हुए यह त्रिपोलिया गेट को नया कलेवर देगा.

नए कलेवर में दिखेगा त्रिपोलिया गेट
नए कलेवर में दिखेगा त्रिपोलिया गेट
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Published : Feb 14, 2023, 10:49 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यूं तो आपने कई बार मोरी गेट, कश्मीरी गेट, अजमेरी गेट, शेरशाह सूरी गेट के बारे में सुना होगा. ये सिर्फ गेट नहीं बल्कि अपने अंदर इतिहास को संजोए हुए हैं. मुगलों द्वारा बनाए गए इन चर्चित गेटों को मौजूदा समय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा संरक्षित किया जा रहा है. समय समय पर इन दरवाजों पर एएसआई के द्वारा संरक्षण कार्य किया जाता है. जिससे दरवाजे को किसी तरह का कोई नुकसान न हो और दिल्ली आने वाले लोगों और टूरिस्ट्स को इन ऐतिहासिक धरोहरों के इतिहास के संबंध में जानकारी मिल सके.

बहरहाल, आज बात एक ऐसे गेट की जिस पर करीब 3 साल बाद एक बार फिर से एएसआई संरक्षण कार्य शुरू करने जा रहा है. जर्जर अवस्था में पहुंच चुके इस दरवाजे पर संरक्षण कार्य शुरू होने से जहां इसका अस्तित्व बचा रहेगा. साथ ही जी 20 सम्मेलन को देखते हुए यह त्रिपोलिया गेट को नया कलेवर देगा. करनाल रोड यानी आजादपुर मंडी के नजदीक बने इस त्रिपोलिया गेट का निर्माण कार्य महलदार खां ने 1728-29 में करवाया था.

G 20 सम्मेलन की वजह से किया जा रहा संरक्षणः भारत जी 20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. इसको लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा चर्चित धरोहरों और स्मारकों को संवारने का काम किया जाएगा. विदेशी मेहमान जब दिल्ली घूमने के लिए निकलें तो उन्हें दिल्ली के मुगलकालीन गेट सुंदर और आकर्षक दिखाई दें. यही वजह है कि कभी ग्रैंड ट्रंक रोड की शान कहे जाने वाले त्रिपोलिया गेट पर एएसआई देर ही सही संरक्षण कार्य शुरू करने जा रहा है. हालांकि, अभी इसमें थोड़ा समय है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) दिल्ली सर्किल के अधिकारी प्रवीण सिंह बताते हैं कि एएसआई के संरक्षण कार्यों की सूची में त्रिपोलिया गेट का नाम भी है. गेट पर संरक्षण कार्य शुरू करने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. टेंडर की अन्य जरूरी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संरक्षण कार्य शुरू हो जाएगा.

एएसआई के अन्य अधिकारी बताते हैं कि त्रिपोलिया गेट इसे इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि यह तीन ओर से खुला हुआ है. मौजूदा समय में गेट से यातायात आवाजाही होती रही है. कई बार वाहन गेट की दीवारों से टकराए और बरसात के पानी से गेट के कई हिस्सों में दरारें आ गईं. रंग धुंधला होने लगा. जगह जगह से प्लास्टर झड़ने लगा. जिसको देखते हुए साल 2020 में एएसआई ने संरक्षण कार्य शुरू करने का इरादा बनाया लेकिन कोविड के बाद हुए लॉक डाउन ने एएसआई के मंसूबे पर पानी फेर दिया. इसके बाद इस गेट पर संरक्षण कार्य को लेकर एएसआई ने भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

संरक्षण कार्य के बाद नए अंदाज में दिखेगा गेट
एएसआई के एक अधिकारी के अनुसार, गेट पर कई जगहों से प्लास्टर झड़ गए हैं और बरसात की वजह से कई जगहों से पानी का रिसाव भी हो रहा है. वहीं जगह जगह मोटी दरारें पड़ गई हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले चूने के घोल से दरारों को भरा जाएगा. इसके बाद नया प्लास्टर चढ़ाया जाएगा. वहीं, गेट के ऊपरी सतह जिसे छत कहते हैं, वहां भी नया फर्श बनाया जाएगा, जिससे पानी एक जगह न ठहरे और गेट की ऊपरी सतह को कोई नुकसान न हो. इसके बाद लाइटिंग की व्यस्था की जाएगी. हालांकि जब तक यह संरक्षण कार्य चलेगा यहां यातायात प्रभावित रहेगा. इस संबंध में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस लोगों को अन्य मार्ग से जाने के लिए रूट प्लान जारी करेगी.

ये भी पढ़े: Valentine Day For PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुरत के छात्र भेंट करेंगे सोने के गुलाबों से बना गुलदस्ता

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यूं तो आपने कई बार मोरी गेट, कश्मीरी गेट, अजमेरी गेट, शेरशाह सूरी गेट के बारे में सुना होगा. ये सिर्फ गेट नहीं बल्कि अपने अंदर इतिहास को संजोए हुए हैं. मुगलों द्वारा बनाए गए इन चर्चित गेटों को मौजूदा समय में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा संरक्षित किया जा रहा है. समय समय पर इन दरवाजों पर एएसआई के द्वारा संरक्षण कार्य किया जाता है. जिससे दरवाजे को किसी तरह का कोई नुकसान न हो और दिल्ली आने वाले लोगों और टूरिस्ट्स को इन ऐतिहासिक धरोहरों के इतिहास के संबंध में जानकारी मिल सके.

बहरहाल, आज बात एक ऐसे गेट की जिस पर करीब 3 साल बाद एक बार फिर से एएसआई संरक्षण कार्य शुरू करने जा रहा है. जर्जर अवस्था में पहुंच चुके इस दरवाजे पर संरक्षण कार्य शुरू होने से जहां इसका अस्तित्व बचा रहेगा. साथ ही जी 20 सम्मेलन को देखते हुए यह त्रिपोलिया गेट को नया कलेवर देगा. करनाल रोड यानी आजादपुर मंडी के नजदीक बने इस त्रिपोलिया गेट का निर्माण कार्य महलदार खां ने 1728-29 में करवाया था.

G 20 सम्मेलन की वजह से किया जा रहा संरक्षणः भारत जी 20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. इसको लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा चर्चित धरोहरों और स्मारकों को संवारने का काम किया जाएगा. विदेशी मेहमान जब दिल्ली घूमने के लिए निकलें तो उन्हें दिल्ली के मुगलकालीन गेट सुंदर और आकर्षक दिखाई दें. यही वजह है कि कभी ग्रैंड ट्रंक रोड की शान कहे जाने वाले त्रिपोलिया गेट पर एएसआई देर ही सही संरक्षण कार्य शुरू करने जा रहा है. हालांकि, अभी इसमें थोड़ा समय है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) दिल्ली सर्किल के अधिकारी प्रवीण सिंह बताते हैं कि एएसआई के संरक्षण कार्यों की सूची में त्रिपोलिया गेट का नाम भी है. गेट पर संरक्षण कार्य शुरू करने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. टेंडर की अन्य जरूरी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संरक्षण कार्य शुरू हो जाएगा.

एएसआई के अन्य अधिकारी बताते हैं कि त्रिपोलिया गेट इसे इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि यह तीन ओर से खुला हुआ है. मौजूदा समय में गेट से यातायात आवाजाही होती रही है. कई बार वाहन गेट की दीवारों से टकराए और बरसात के पानी से गेट के कई हिस्सों में दरारें आ गईं. रंग धुंधला होने लगा. जगह जगह से प्लास्टर झड़ने लगा. जिसको देखते हुए साल 2020 में एएसआई ने संरक्षण कार्य शुरू करने का इरादा बनाया लेकिन कोविड के बाद हुए लॉक डाउन ने एएसआई के मंसूबे पर पानी फेर दिया. इसके बाद इस गेट पर संरक्षण कार्य को लेकर एएसआई ने भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई.

संरक्षण कार्य के बाद नए अंदाज में दिखेगा गेट
एएसआई के एक अधिकारी के अनुसार, गेट पर कई जगहों से प्लास्टर झड़ गए हैं और बरसात की वजह से कई जगहों से पानी का रिसाव भी हो रहा है. वहीं जगह जगह मोटी दरारें पड़ गई हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले चूने के घोल से दरारों को भरा जाएगा. इसके बाद नया प्लास्टर चढ़ाया जाएगा. वहीं, गेट के ऊपरी सतह जिसे छत कहते हैं, वहां भी नया फर्श बनाया जाएगा, जिससे पानी एक जगह न ठहरे और गेट की ऊपरी सतह को कोई नुकसान न हो. इसके बाद लाइटिंग की व्यस्था की जाएगी. हालांकि जब तक यह संरक्षण कार्य चलेगा यहां यातायात प्रभावित रहेगा. इस संबंध में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस लोगों को अन्य मार्ग से जाने के लिए रूट प्लान जारी करेगी.

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