नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों की वजह से लगभग 4 हजार कैदियों को जेल से अंतरिम जमानत और इमरजेंसी पैरोल पर छोड़ा गया है. जेल में मौजूद भीड़ एवं कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हाई पावर कमेटी ने यह निर्णय लिया था कि जेल से कुछ कैदियों को छोड़ा जाएगा.
कोरोना संक्रमण की लहर के दौरान तिहाड़ जेल से 500 से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए थे और उनके 6 कैदियों की मौत भी हो गई थी. जानकारी के अनुसार, दिल्ली में तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में मिलाकर कुल 10,026 कैदियों को रखने की क्षमता है.
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लेकिन बीते अप्रैल में इनमें कैदियों की संख्या 20 हजार से ज्यादा हो गई थी. कोरोना संक्रमण जब जेल में तेजी से फैलने लगा तो इसकी चपेट में न केवल कैदी बल्कि जेल कर्मचारी भी आने लगे थे.
कोरोना की इस लहर में संक्रमण के चलते पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता शहाबुद्दीन सहित 6 कैदियों ने दम तोड़ दिया. जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना बेहद मुश्किल हो रहा था. इसके चलते हाई पावर कमेटी ने कुछ नियम शर्तों के साथ 90 दिन के लिए इमरजेंसी पैरोल पर कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया था.
10 दिन में छोड़े गए चार हजार से ज्यादा कैदी
हाई पावर कमेटी ने जिस तरह के नियम एवं शर्त तय किए थे, उसके अनुसार जेल से लगभग 5000 कैदी छोड़े जाने हैं. बीते 10 दिनों के अंदर ही तिहाड़ जेल से ऐसे चार हजार से ज्यादा कैदी 90 दिन की इमरजेंसी पैरोल पर छोड़े गए हैं.
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यह अवधि समाप्त होने पर जेल प्रशासन हाई पावर कमेटी के साथ यह तय करेगा की पैरोल अवधि को आगे बढ़ाना चाहिए या उन्हें सरेंडर करवाया जाए. जेल प्रशासन द्वारा अगर इन कैदियों को सरेंडर करने के लिए कहा जाता है तो उन्हें अगस्त माह के अंत में जेल जाकर सरेंडर करना होगा.
जेल प्रसाशन का मानना है कि इन कैदियों के बाहर जाने से जेल में कोरोना संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी.