नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल शनिवार को दिल्ली के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन गेट पर सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जनमत संग्रह करेंगे. इस दौरान लोगों ने पूछा जाएगा कि गिरफ्तारी होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल कहते हैं कि इस्तीफा उनके जूते की नोंक पर है और इस्तीफे से ही बचने के लिए वह जनमत संग्रह करा रहे हैं? ये जनमत संग्रह नहीं बल्कि, केजरीवाल समर्थन संग्रह है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी पर तो जनमत संग्रह नहीं कराया गया था. मैं इनके कथित जनमत संग्रह का परिणाम पहले से घोषित कर देता हूं, जिसमें ये कहेंगे कि जनता ने कहा है कि इस्तीफा मत दो और जेल से ही सरकार चलाओ. उनके कथित जनमत संग्रह के परिणाम तो 20 दिन बाद आएंगे, लेकिन लोक अभियान के जनमत संग्रह के लिए आज एक डिब्बा राजीव चौक मेट्रो स्टेशन गेट नंबर छह पर रखा जाएगा. इसके एक तरफ दिखाया जाएगा कि केजरीवाल शराब घोटाले में अपना इस्तीफा उपराज्यपाल को दे रहे हैं और दूसरी तरफ दिखाया जाएगा कि केजरीवाल कैबिनेट की अपनी मीटिंग तिहाड़ जेल में कर रहे हैं और जेल से अपनी सरकार चला रहे हैं.
यह भी पढ़ें- इस्तीफा जूते की नोक पर रखता हूं...पद की लालसा नहीं, कार्यकर्ता सम्मेलन में BJP पर बरसे केजरीवाल
उन्होंने यह भी कहा कि साल 2013 में अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार मिटाने के लिए मोहल्ला सभा कर लोगों से राय लेने की शुरुआत की थी. अब वे भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर और शराब घोटाले में गिरफ्तार होने पर फिर से जनमत संग्रह कर रहे हैं. केजरीवाल कह रहे हैं कि दिल्ली की जनता ने उनके नाम पर वोट किया था, लेकिन वे भूल गए कि तब शराब नीति घोटाला और दिल्ली जल बोर्ड घोटाले नहीं हुए थे. लालू प्रसाद भी कभी जे.पी. आन्दोलन के सेनानी थे, लेकिन उन्होंने भी गिरफ्तार होने पर अपना इस्तीफा दे दिया. फिर जूते की नोंक पर इस्तीफा रखने वाले केजरीवाल को जनमत संग्रह की जरूरत क्यों पड़ गई? उन्हें इस बात पर विश्वास नहीं है कि उनके इस्तीफा देने के बाद अगर कोई दूसरा मुख्यमंत्री बन गया तो वह बाद में पद से हटेगा या नहीं.
यह भी पढ़ें- जनमत सत्याग्रह पर दिल्लीवासियों ने कहा, सीएम अपना रहे बचाव के हथकंडे; जनता का नहीं है कोई रोल