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फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका खारिज

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दिया गया है. जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए यह फसला सुनाया है.

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Published : Apr 7, 2020, 3:15 PM IST

former promoter of Fortis Healthcare Shivendra Singh interim bail petition dismissed  by Delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है.

फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका खारिज

जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि शिवेंद्र सिंह पर एक से ज्यादा मामले चल रहे हैं और किसी में भी जमानत नहीं मिली है. शिवेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामले चल रहे हैं इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है.

कोरोना वायरस के संक्रमण का अंदेशा

अपनी अंतरिम जमानत याचिका में शिवेंद्र सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण का अंदेशा जताते हुए 60 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि जेल में काफी भीड़ है वहां सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार नहीं रखा जा सकता है. इससे उन्हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा है. शिवेंद्र सिंह ने याचिका में कहा था कि उन्हें हेल्थ सेक्टर का अच्छा खासा अनुभव है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए, ताकि उनके अनुभवों का इस्तेमाल किया जा सके.

तीनों मामलों में जांच पूरी हो चुकी है

याचिका में कहा गया था कि शिवेंद्र सिंह के खिलाफ तीनों मामलों में जांच भी पूरी हो चुकी है. इस मामले में साक्ष्य करीब करीब दस्तावेजों में उपलब्ध हैं. याचिका में कहा गया था कि शिवेंद्र सिंह के एक रिश्तेदार की मौत के समय भी उन्हें एक हफ्ते की अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था.

दिल्ली पुलिस की दलील

शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने रिट याचिका दायर की है, जमानत याचिका नहीं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हाईपावर कमेटी की ओर से कैदियों को रिहा करने का जो मानदंड तय किया है, उसे भी चुनौती नहीं दी गई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हाईपावर कमेटी को ही फैसला लेने का अधिकार दिया था.

'सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्लाय'

दिल्ली पुलिस ने कहा कि शिवेंद्र सिंह के खिलाफ एक से ज्यादा केस चल रहे हैं और किसी में भी जमानत नहीं मिली है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि शिवेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और मनी लॉउंड्रिंग एक्ट के तहत मामले चल रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि शिवेंद्र सिंह को सेल में रखा गया है, जिसमें वो अकेले हैं इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

ईडी ने भी किया विरोध

वहीं अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने कहा, शिवेंद्र सिंह ने कहा है कि उनकी जानकारी का उपयोग कोरोना से लड़ाई में किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात को नोट करते हुए कहा कि शिवेंद्र सिंह के सुझावों पर गौर किया जाए. लेकिन इस आधार पर अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती है. इस मामले में शिवेंद्र सिंह समेत पांच आरोपियों को ईओडब्ल्यू ने 10 अक्टूबर 2019 को गिरफ्तार किया था, उसके बाद से वो लगातार जेल में बंद हैं.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है.

फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका खारिज

जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि शिवेंद्र सिंह पर एक से ज्यादा मामले चल रहे हैं और किसी में भी जमानत नहीं मिली है. शिवेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामले चल रहे हैं इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है.

कोरोना वायरस के संक्रमण का अंदेशा

अपनी अंतरिम जमानत याचिका में शिवेंद्र सिंह ने कोरोना वायरस के संक्रमण का अंदेशा जताते हुए 60 दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि जेल में काफी भीड़ है वहां सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार नहीं रखा जा सकता है. इससे उन्हें कोरोना संक्रमण होने का खतरा है. शिवेंद्र सिंह ने याचिका में कहा था कि उन्हें हेल्थ सेक्टर का अच्छा खासा अनुभव है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए, ताकि उनके अनुभवों का इस्तेमाल किया जा सके.

तीनों मामलों में जांच पूरी हो चुकी है

याचिका में कहा गया था कि शिवेंद्र सिंह के खिलाफ तीनों मामलों में जांच भी पूरी हो चुकी है. इस मामले में साक्ष्य करीब करीब दस्तावेजों में उपलब्ध हैं. याचिका में कहा गया था कि शिवेंद्र सिंह के एक रिश्तेदार की मौत के समय भी उन्हें एक हफ्ते की अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था.

दिल्ली पुलिस की दलील

शिवेंद्र सिंह की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने रिट याचिका दायर की है, जमानत याचिका नहीं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हाईपावर कमेटी की ओर से कैदियों को रिहा करने का जो मानदंड तय किया है, उसे भी चुनौती नहीं दी गई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हाईपावर कमेटी को ही फैसला लेने का अधिकार दिया था.

'सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा ख्लाय'

दिल्ली पुलिस ने कहा कि शिवेंद्र सिंह के खिलाफ एक से ज्यादा केस चल रहे हैं और किसी में भी जमानत नहीं मिली है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि शिवेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और मनी लॉउंड्रिंग एक्ट के तहत मामले चल रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा कि शिवेंद्र सिंह को सेल में रखा गया है, जिसमें वो अकेले हैं इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

ईडी ने भी किया विरोध

वहीं अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने कहा, शिवेंद्र सिंह ने कहा है कि उनकी जानकारी का उपयोग कोरोना से लड़ाई में किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात को नोट करते हुए कहा कि शिवेंद्र सिंह के सुझावों पर गौर किया जाए. लेकिन इस आधार पर अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती है. इस मामले में शिवेंद्र सिंह समेत पांच आरोपियों को ईओडब्ल्यू ने 10 अक्टूबर 2019 को गिरफ्तार किया था, उसके बाद से वो लगातार जेल में बंद हैं.

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