नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है. इससे पहले कोलोकेशन घोटाला केस में भी चित्रा रामकृष्ण को जमानत मिल चुकी है.
एनएसई के पूर्व कर्मचारी आनंद सुब्रमण्यम के पदनाम और वेतन में बार-बार संशोधन करने की आरोपी चित्रा रामकृष्ण ने सीबीआई की एक विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने मई 2022 में उनको जमानत देने से मना कर दिया था. यह मामला भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के 11 फरवरी के आदेश से सामने आया था. जिसमें पाया गया था कि चित्रा रामकृष्ण कथित रूप से एक अन्य पूर्व एनएसई कर्मचारी आनंद सुब्रमण्यम के वेतन के निर्धारण और लगातार संशोधन से संबंधित वित्तीय अनियमितता में शामिल थीं.
चित्रा रामकृष्ण पर सदस्यों और दलालों को लाभ पहुंचाने का आरोप
चित्रा पर आरोप है कि उन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति के साथ मिलकर ऐसा किया, जिसे उसने "सिद्ध पुरुष" होने का दावा किया था. सीबीआई ने कहा कि सुब्रमण्यम ने आम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सार्वजनिक कर्तव्य निभाते हुए अन्य सह-आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश रची और विभिन्न व्यापारिक सदस्यों / दलालों को भारी फायदा पहुंचाया, जो कि एक गंभीर आर्थिक अपराध है. इसके अलावा चित्रा के खिलाफ अन्य आरोप यह था कि वह हिमालयी योगी के साथ ई मेल के माध्यम से संपर्क में थीं. हिमालयन योगी को लेकर सीबीआई ने बताया कि आनंद सुब्रमण्यम ही हिमालयन योगी थीं .
मार्च 2022 से जेल में है चित्रा रामकृष्ण
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को सीबीआई ने 6 मार्च 2022 को गिरफ्तार किया गया था. उन पर स्टॉक एक्सचेंज की गुप्त सूचनाएं कर्मचारियों को देने और उसके जरिए अनैतिक लाभ लेने का आरोप था. बता दें कि चित्र रामकृष्ण की जमानत याचिका राउज एवेन्यू कोर्ट ने 11 मई को खारिज कर दी थी. जिसेक बाद इसे चुनौती देते हुए उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने इस मामले में उन्हें शर्तों के आधार पर आज जमानत दे दी है.
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