नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में 22 मई 2022 से अस्तित्व में आ चुकी एकीकृत एमसीडी से जरूरी और बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है. खबर यह कि पूर्व पार्षदों को प्रशासनिक कामकाज के लिए लैपटॉप दिए गए थे, लेकिन कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पूर्व पार्षदों ने लैपटॉप वापस नहीं किया है.
दरअसल दिल्ली में जब नगर निगम तीन भागों में बंटी हुई थी. तब पार्षदों को प्रशासनिक कामकाज अपने घर से ही करने के मद्देनजर और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप दिए गए थे. जिसका एक मकसद यह भी था कि निगम के कामकाज में यूज होने वाले पेपर वर्क को कम किया जाए और पूरी तरह से प्रशासनिक प्रक्रिया को डिजिटलाइज किया जाए. निगम प्रशासन द्वारा पार्षदों को दिए गए लैपटॉप उनके कार्यकाल तक के लिए जारी किए गए थे, जिसको पार्षदों के द्वारा बाद में वापस करना था. लेकिन हद तो तब हो गई जब कार्यकाल समाप्त होने के बाद लैपटॉप वापस करने की अंतिम तारीख को 31 मई 2022 जो तय की गई थी. उसके 3 महीने बाद तक दिल्ली की नगर निगम के दो भागों उत्तरी ओर पूर्वी निगम के लगभग 30 पार्षद ऐसे हैं. जिन्होंने अभी तक ना तो लैपटॉप वापस किये हैं और ना ही यह पार्षद अपने फोन उठा रहे हैं, ना ही प्रशासन द्वारा जारी किए गए किसी भी नोटिस का कोई जवाब दे रहे हैं.
निगम प्रशासन द्वारा लैपटॉप वापस करने के मद्देनजर तीनों राजनीतिक दलों के इन पार्टियों को कई बार पत्र लिखकर नोटिस भी भेजे गए कि सरकारी संपत्ति को जल्द से जल्द वापस किया जाए या फिर लैपटॉप की एवज में पैसे जमा कराए जाएं. इसके बाद ही निगम के द्वारा इन पार्षदों का एनओसी दी जाएगी, लेकिन उसके बावजूद भी पार्षदों के द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया. इस खबर के तूल पकड़ने के बाद बीते कुछ दिनों में कुछ पार्षदों ने अपने लैपटॉप या तो जमा करा दिए हैं या फिर उसके लैपटॉप के एवज में पैसे जमा करा दिए है. लेकिन अभी भी 30 पूर्व पार्षद ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक अपने लैपटॉप निगम प्रशासन को जमा नहीं कराए हैं. जिनमें उत्तरी और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पार्दष शामिल हैं, जिनमें नॉमिनेटेड पार्षद भी शामिल हैं.
इस पूरे मामले पर उत्तरी दिल्ली के पूर्व मेयर और बीजेपी के नेता जयप्रकाश ने बातचीत में कहा कि ज्यादातर पार्षदों के द्वारा निगम प्रशासन को या तो लैपटॉप रिटर्न कर दिया गया है या फिर उसके एवज में जो राशि प्रस्तावित की गई थी वह दे दी गई है. जिन पूर्व पार्षदों के द्वारा लैपटॉप जमा नहीं कराए गए हैं बातचीत के माध्यम से उन सभी पार्षदों को लैपटॉप जमा कराने के लिए कहा जा रहा है. पार्टी के स्तर पर भी लैपटॉप जमा करने के लिए कहा गया है.
गौरतलब है कि बीजेपी नेता जयप्रकाश का भी नाम लैपटॉप जमा ना कराने वाले और पार्षदों की लिस्ट में है. हालांकि इस पर जयप्रकाश का कहना है कि उन्होंने अपना लैपटॉप काफी पहले ही जमा करा दिया था. लेकिन लैपटॉप निगम प्रशासन से मिस्प्लेस हो गया है. पूरे मामले को लेकर फिलहाल अभी जांच चल रही है. आप पार्षद आले मोहम्मद इकबाल ने फ़ोन पर हुई बातचीत के दौरान कहा कि वह अपने निजी कारणों में व्यस्त होने के चलते अभी तक लैपटॉप नहीं जमा करा पाए हैं. सोमवार को वह लैपटॉप जमा करा देंगे. लैपटॉप ना जमा करने वाले पार्षदों में बड़ी संख्या में नॉमिनेटेड पार्षद भी हैं, जिनमें प्रदीप जिंदल, कुलदीप मित्तल, जय कुमार बंसल और नीरज शर्मा के नाम शामिल हैं. यह सभी नॉमिनेट पार्षद ना तो फोन उठा रहे हैं और ना ही निगम के द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी किए गए नोटिस इसका जवाब दे रहे हैं. जामा मस्जिद से पार्षदा सुल्तानाबाद जो आम आदमी पार्टी की पार्षद हैं उन्होंने फोन पर हुई बातचीत के दौरान कहां की है दुबई गई हुई थी, जिसके कारण लैपटॉप वापस नहीं लौटा पाई वह जल्दी अपना लैपटॉप वापस लौटा देंगी. अकेले उत्तरी दिल्ली में लगभग एक दर्जन पार्षद बीजेपी के हैं. जिन्होंने अभी तक लैपटॉप नहीं लौटाए हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के 7 पूर्व पार्षद भी लिस्ट में है. वहीं पूर्वी दिल्ली में भी बीजेपी के 7 पार्षदों ने अभी तक लैपटॉप जमा नहीं कराए हैं जबकि आम आदमी पार्टी के पूर्वी दिल्ली से आने वाले 4 पार्षदों ने लैपटॉप कब तक जमा नहीं कराए हैं. इनमें दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन का नाम भी शामिल हैं.
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