नई दिल्ली: किसानों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर उस अपराध को लेकर है, जो उन्होंने बॉर्डर पर किया था. इससे यह अनुमान लगाना कि दिल्ली पुलिस किसान के खिलाफ है, उचित नहीं है. यह कहना है दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेदभूषण का.
उन्होंने किसान संगठनों से अपील की है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से अपना प्रदर्शन करें, जिससे लोगों को भी परेशानी न हो. पूर्व एसीपी वेदभूषण ने कहा कि दिल्ली पुलिस से लेकर सेना के जवान तक अधिकांश किसान परिवार से आते हैं.
किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ दिल्ली पुलिस नहीं है. उनके खिलाफ जो दो एफआईआर दर्ज की गई हैं, वह उस अपराध को लेकर है जो उन्होंने किया है. अलीपुर के सिंघु बॉर्डर पर सभी ने देखा कि किस तरह से ट्रैक्टर से पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की गई. किस तरह से उन्होंने पुलिस पर पथराव किया. इसे लेकर ही एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रही है.
किसानों ने पुराने प्रदर्शन में मचाया था उत्पात
पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में बोट क्लब पर जब प्रदर्शन हुआ था तो उन्होंने जमकर हंगामा किया था. प्रदर्शनकारियों ने वहां वेंडरों का सामान लूट लिया था. इंडिया गेट पर पोल उखाड़ने के साथ जंजीरें तोड़ दी थी.
उस समय पुलिस को बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को हटाना पड़ा था. इस बार के प्रदर्शन में पुलिस ऐसा कदम नहीं उठाना चाहती, इसलिए किसान से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने को कहा गया है. उन्हें अन्नदाता मानते हुए पुलिस उनका सम्मान करती है, लेकिन कानून तोड़ना किसी के लिए भी ठीक नहीं होगा.
कानून समझने का करना चाहिए प्रयास
पूर्व एसीपी वेदभूषण का कहना है कि किसानों को सबसे पहले इस कानून के बारे में समझना चाहिए क्योंकि अधिकांश किसानों को इसकी जानकारी ही नहीं है. इसके बाद अगर उन्हें कोई शंका हो तो वह सरकार से बातचीत कर सकते हैं.
लेकिन किसी भी तरह से कानून को हाथ में लेना उनके लिए ठीक नहीं होगा. इस प्रदर्शन की वजह से विभिन्न राज्यों से आ रही फल-सब्जी की खेप खराब हो रही है. इसलिए किसानों को बॉर्डर से हटकर अपना प्रदर्शन करना चाहिए.