नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में लगे सरस आजीविका मेला में साऊथ इंडियन सामान की जमकर खरीदारी की जा रही है. इस अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में सरस आजीविका में पूरे भारत की झलक देखने को मिल रही है. यह मेला आज राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है.
नॉर्थ गोवा की राजश्री पी. वायगंकर ने बताया कि गोवा की मशहूर काजू, कोकम शरबत, कोकोनट ऑयल में मसाला, बनाना चिप्स आदि लेकर आई हुई हैं, जो लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. साथ ही गोवा के फरजाना सैय्यद अपने स्टॉल पर घर के डेकोरेशन के लिए सोलावुड से बनी हुई सोलावुड फ्लावर, फ्लावर पाउट्स, फ्लावर स्टैंड, लैंप समेत रबड़ बैंड्स, हेयर क्लिप्स, वुडेन पेन स्टेंड्स के सामान महिलाओं को काफी आकर्षित कर रहा है.
वहीं, कर्नाटक के स्टेट को-ऑर्डिनेटर मुनीराजू केएच ने बताया कि हमारे स्टेट से कुल नौ स्टॉल लगाए गए हैं, जिसमें हैंडीक्राफ्ट व हैंडलूम के सात स्टॉल है. वहीं, दो फूड आइटम्स के स्टॉल लगाए गए हैं. कर्नाटक से मशहूर इलकल साड़ी, सिगली साड़ी, किड्स वेयर, होम डेकोरेशन, लेदर पपेट, बच्चों के खिलौने, मिलेट्स के आइटम, नेचुरल एनर्जी ड्रिंक आदि की लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं.
वहीं, केरल की स्टेट को-ऑर्डिनेटर वर्षा टी. ने बताया कि उनके स्टेट से कुल पांच स्टॉल लगाए गए हैं. इसमें एक हैंडलूम के स्टॉल हैं. वहीं, चार फूड आइटम्स के स्टॉल लगाए गए हैं. हैंडलूम में धोती, साड़ी समेत चुड़ीदार सलवार, सूट लोगों को आकर्षित कर रहा है. वहीं, फूड आइट्म्स में बनाना चिप्स, कोकोनट ऑयल, हलवा, हनी, अचार, कड़ी पाऊडर के सामान की जमकर खरीदारी हो रही है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2023 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शित किया जा रहा है. 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 165 के करीब स्टॉलों पर अपनी -पनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें, सरस आजीविका मेला के दौरान देशभर के 28 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री हो रही है. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है, जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को अपनी रोजगार शुरू करने का मौका मिल सके. वहीं, शाम को सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जा रहा है.