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फूलों से महकेगी दिल्ली, आज से आयोजित होगी पहली बोगनविलिया पुष्प प्रदर्शनी - first Bougainvillea flower exhibition

दिल्ली में आज यानी 14 अप्रैल से 16 अप्रैल तक प्रथम बोगनविलिया पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. बोगनविलिया एक उष्णकटिबंधीय गुच्छे वाली पुष्पलता है. इसकी 20 प्रजातियां और 300 किस्म हैं.

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Published : Apr 14, 2023, 7:02 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन मेलों और उत्सवों का आयोजन किया जाता है. इसी के तहत दिल्ली पर्यटन गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज में 14 से 16 अप्रैल तक प्रथम बोगनविलिया पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है.

विभिन्न विभागों के सहयोग से लगाई जा रही प्रदर्शनी: इस प्रदर्शनी में विभिन्न किस्मों के लाल, गुलाबी, नारंगी, सफेद, बैंगनी सहित रंग-बिरंगे बोगनविलिया पुष्पों की प्रदर्शनी दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, नई दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल, दिल्ली यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के सहयोग से लगाई जा रही है.
क्या है बोगनविलिया: बोगनविलिया एक उष्णकटिबंधीय गुच्छे वाली पुष्पलता है, जिसे गार्डन , वॉल और बेलों के रूप में लगाया जाता है. यह सुंदर और कठोर बेल वाला सदाबहार पौधा है, लेकिन गर्मियों में इसमें बड़ी मात्रा में फूल खिलते हैं. अधिक तापमान और कम जल इसकी विशेष आवश्कता है. इसकी 20 प्रजातियां और 300 किस्में है, जिसके लिए कोई विशेष मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है. आयुर्वेदिक औषधि के रूप इसका विशेष उपयोग किया जाता है. जिसमें खांसी, दमा, पेट की बीमारी का इलाज होता है.

भारत में बोगनविलिया की मिलती हैं ये किस्में

बारबरा कास्टर: गहरे गुलाबी रंग के सहपत्रों के लिए जानी जाती है.

रास्पबेरी आइस : सफेद किनारे के साथ बड़े चमकीले गुलाबी रंग के खंड होते है.

सिंगापुर वाइट : सफेद रंग के सहपत्र और बड़े गुच्छे वाली बेल होती है.

सैन डिएगो रेड : चमकीले लाल रंग के खंड वाली बेल

गोल्डन ग्लो : ये पीले रंग की बेल होती यह ज्यादातर कान्टेसर वाली बागवानी के लिए उपयोगी है.

थाई डिलाइट : यह गहरे गुलाबी रंग के सहपत्र होते हैं. यह बेल दीवारों पर चढ़ाई जाती है .

ये भी पढ़ें: Love Horoscope : कैसा रहेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का लव राशिफल

नई दिल्ली: राजधानी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन मेलों और उत्सवों का आयोजन किया जाता है. इसी के तहत दिल्ली पर्यटन गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज में 14 से 16 अप्रैल तक प्रथम बोगनविलिया पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है.

विभिन्न विभागों के सहयोग से लगाई जा रही प्रदर्शनी: इस प्रदर्शनी में विभिन्न किस्मों के लाल, गुलाबी, नारंगी, सफेद, बैंगनी सहित रंग-बिरंगे बोगनविलिया पुष्पों की प्रदर्शनी दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, नई दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल, दिल्ली यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के सहयोग से लगाई जा रही है.
क्या है बोगनविलिया: बोगनविलिया एक उष्णकटिबंधीय गुच्छे वाली पुष्पलता है, जिसे गार्डन , वॉल और बेलों के रूप में लगाया जाता है. यह सुंदर और कठोर बेल वाला सदाबहार पौधा है, लेकिन गर्मियों में इसमें बड़ी मात्रा में फूल खिलते हैं. अधिक तापमान और कम जल इसकी विशेष आवश्कता है. इसकी 20 प्रजातियां और 300 किस्में है, जिसके लिए कोई विशेष मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है. आयुर्वेदिक औषधि के रूप इसका विशेष उपयोग किया जाता है. जिसमें खांसी, दमा, पेट की बीमारी का इलाज होता है.

भारत में बोगनविलिया की मिलती हैं ये किस्में

बारबरा कास्टर: गहरे गुलाबी रंग के सहपत्रों के लिए जानी जाती है.

रास्पबेरी आइस : सफेद किनारे के साथ बड़े चमकीले गुलाबी रंग के खंड होते है.

सिंगापुर वाइट : सफेद रंग के सहपत्र और बड़े गुच्छे वाली बेल होती है.

सैन डिएगो रेड : चमकीले लाल रंग के खंड वाली बेल

गोल्डन ग्लो : ये पीले रंग की बेल होती यह ज्यादातर कान्टेसर वाली बागवानी के लिए उपयोगी है.

थाई डिलाइट : यह गहरे गुलाबी रंग के सहपत्र होते हैं. यह बेल दीवारों पर चढ़ाई जाती है .

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