नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही तस्करी एवं जालसाजी के खिलाफ फिक्की कास्केड ने शनिवार को #BeACASCADER अभियान लॉन्च की. इस अभियान के तहत लोगों को जोड़ने और अवैध कारोबार के खतरनाक दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता के लिए एक ऑटो रैली आयोजित की गई. इस पहल में 250 से ज्यादा ऑटो रिक्शा चालक जुड़े, जिन्होंने फिक्की हाउस से तानसेन मार्ग तक रैली निकाली.
फिक्की कास्केड के चेयरमैन अनिल राजपूत ने कहा है कि अवैध कारोबार निजी तौर पर उद्योगों को बहुत नुकसान पहुंचाता है. साथ ही इससे रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. अवैध कारोबार सरकार के लिए भी दोहरी चुनौती खड़ी करता है. इससे न केवल वैध तरीके से मिलने वाला कर राजस्व कम होता है, बल्कि इसके कारण प्रवर्तन एवं जन स्वास्थ्य की गतिविधियों पर अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ता है.
अनिल राजपूत ने आगे कहा, 'वर्तमान समय में तस्करी एवं जालसाजी के खिलाफ अभियान को गति देने और इसके दुष्प्रभावों को सामने लाने की आवश्यकता है. ऑटो रैली ने भारतीय नागरिकों को सक्रियता से इस पहल से जुड़ने का अवसर दिया और उन्हें अवैध कारोबार से जुड़ी चुनौतियों व दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक भी किया. ऑटो रैली को पूरी सावधानी के साथ आयोजित किया गया. यह रैली तानसेन मार्ग, मंडी हाउस, बाराखंभा रोड, आउटर सर्किल कनॉट प्लेस, जनपथ, टॉल्स्टॉय मार्ग और बाराखंभा रोड से होते हुए फिक्की हाउस पर समाप्त हुई.
ऑटो रिक्शा के काफिले में कई बैनर लगे थे, जो अवैध व्यापार से जुड़ी चुनौतियों को रेखांकित कर रहे थे. इसके गंभीर दुष्प्रभावों को बताते हुए बैनरों के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया गया कि कैसे अवैध व्यापार रोजगार के अवसर कम करता है. आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग करता है, क्राइम सिंडिकेट को बढ़ावा देता है और लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा है.
'अवैध बाजार हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए खतरा' शीर्षक से 2022 में जारी फिक्की कास्केड के अध्ययन के अनुसार, भारत सरकार को तस्करी के कारण टैक्स में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा. 2010 से 2020 के बीच इस नुकसान में 163% की वृद्धि देखी गई. इस अवधि में 5 महत्वपूर्ण उद्योगों एल्कोहलिक पेय, मोबाइल फोन, एफएमसीजी- हाउसहोल्ड एंड पर्सनल गुड्स, एफएमसीजी-पैकेज्ड फूड और तंबाकू उत्पादों में अवैध व्यापार के कारण टैक्स में होने वाला नुकसान 22,230 करोड़ से बढ़कर 58,521 करोड़ रुपए हो गया. विगत एक दशक में एल्कोहलिक पेय उद्योग में सरकार को हुआ टैक्स का नुकसान 508% से अधिक बढ़ गया. एफएमसीजी पैकेज्ड फूड उद्योग में हुआ टैक्स का नुकसान 201% और तम्बाकू उद्योग में हुआ नुकसान 113% बढ़ गया.
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