नई दिल्लीः संस्कृति मंत्रालय देश भर के पुस्तकालय के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए 'फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज 2023' का आयोजन प्रगति मैदान में 5 और 6 अगस्त 2023 को किया. फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज 2023 'आजादी का अमृत महोत्सव' के दूसरे चरण का हिस्सा है और यह प्रधानमंत्री के विजन, जो पुस्तकालय के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और भारत में पढ़ने की संस्कृति को विकसित करने का आदर्श है.
फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज विश्व भर की प्रसिद्ध पुस्तकालयों को प्रदर्शित करने एवं भारत के तमाम पुस्तकालय के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण पर बातचीत शुरू करना है. इसमें घूमने आए बच्चों और युवाओं ने 'ETV भारत' के साथ अपने अनुभवों को साझा किया. मिरांडा हाउस कॉलेज में पढ़ने वाली दीक्षा और आद्या ने बताया कि उनको यह फेस्टिवल खूब पसंद आया. उन्होंने यहां आयोजित इंटरेक्टिव सेशन में बहुत सी जानकारी हासिल की. उन्होंने बताया कि यहां पर बच्चों के लिए कई अमर चित्रकथा भी है. साथ ही भारत पर हावी हो रही पश्चिमी सभ्यता के दौर में पौराणिक हस्तलिपि, वेद-पुराण के बारे में जानने को मिला.
चिल्ड्रन जोन भी उत्सव का हिस्साः फेस्टिवल में घूमने आई नीलू ने बताया कि उनको यहां की सजावट और किड्स जॉन सब से ज्यादा पसंद आया. बता दें कि महोत्सव में लेखक सत्र, डिजिटल प्रदर्शन, पॉडकास्ट और ह्यूमन लाइब्रेरी प्रोजेक्ट सहित इंटरैक्टिव ड्राइंग रूम शामिल हैं. बच्चों में पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए व्यावहारिक गतिविधियां प्रदान करता एक समर्पित चिल्ड्रेन जोन भी उत्सव का हिस्सा है. चिल्ड्रेन जोन में बच्चों के लिए पेंटिंग का एक कॉर्नर तैयार किया गया. इसमें छोटे छोटे बच्चों ने अपने कल के हुनर को देखा.
6 वर्ष की एलिना ने बताया कि वह अपने माता पिता और भाई के साथ फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज घूमे आई हैं और उनको यहां आकर बहुत अच्छा लगा। वो अपने माता पिता को थैंक्यू भी बोलती है। मेल, वॉट्स ऐप और मेसेज के इस दौर में लोग इस फेस्टिवल ऑफ़ लाइब्रेरीज में लोगों ने अपने दोस्तों के नाम पत्र भी लिखे. फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज घूमने आई वेदही ने बताया कि फेस्टिवल ऑफ लाइब्रेरीज एक अनूठा आयोजन है. काफी दिनों से उनके मन में था कि वह अपने दोस्तों को परिवारवालों के लिए एक पत्र लिखना चाहती थी.
10 आकर्षक प्रदर्शनीः गौरतलब है कि इस आयोजन में गोलमेज चर्चाएं और पैनल आयोजित किए गए. आगंतुकों को 10 आकर्षक प्रदर्शनियों का आनंद लेने का मौका मिला, जिसमें मानचित्रिकी, कैलिग्राफी, कर्सिव लेखन और जनजातीय फॉन्ट और लिपि के प्रदर्शन शामिल होंगे. प्राइवेट संग्रहों, विशेष रूप से आर्काइव संग्रहों के डिजिटलीकरण पर चर्चा की जाएगी और उपस्थित लोग आर्काइव संग्रह और प्रभावी मसौदों की एक अद्वितीय प्रदर्शनी का अन्वेषण किया गया.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षाविदों से लेकर 100 आकांक्षी जिलों के जिला कलेक्टरों और मॉडल पुस्तकालयों के निदेशकों तक सभी हितधारकों को एक साथ लाना है, ताकि पुस्तकालयों को समुदाय के आंगन के तौर पर और पाठकों को भविष्य के नेता के रूप में उभरने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक रोडमैप विकसित किया जा सके.
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