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दिल्ली विधानसभा के कामकाज को और बेहतर बनाने में सहयोग करेंगे फेलो - Research Fellow

दिल्ली विधानसभा के कामकाज को बेहतर बनाने के उद्देश्य से विधानसभा अनुसंधान केंद्र ने 97 फेलो को अपने साथ जोड़ने के लिए आवेदन मांगे हैं. ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त है. चयनित युवाओं को समितियों और शासन के विविध निर्णायक स्तर में शामिल किया जाएगा.

दिल्ली विधानसभा
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Published : Jul 21, 2022, 3:23 PM IST

नई दिल्ली: विधानसभा के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए गठित दिल्ली विधानसभा अनुसंधान केंद्र ने फेलोशिप के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. चयनित फेलो व एसोसिएट फेलो दिल्ली विधानसभा सचिवालय के साथ-साथ दिल्ली सरकार के विभागों से निकट समन्वय बनाने का काम करेंगे.

विधानसभा अनुसंधान केंद्र से 97 फेलो को जोड़ने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त है. चयनित युवाओं को समितियों और शासन के विविध निर्णायक स्तर में शामिल किया जाएगा. विधानसभा अनुसंधान केंद्र के लिए चयनित रिसर्च फेलो का कार्यकाल फिलहाल एक साल का होगा. लेकिन उसे आगे बढ़ाया जा सकता है. रिसर्च फेलो को तकरीबन एक लाख रुपये महीने मिलेंगे जबकि एसोसिएट फेलो को करीब 60 हज़ार रुपये महीने की फेलोशिप दी जाएगी. इसके अलावा उनके बैठने के लिए विधानसभा में अलग से सेंटर तैयार किया गया है. सभी फेलो को लैपटॉप भी दिया जाएगा.

फेलो के लिए न्यूनतम योग्यता पीएचडी के साथ एक साल का काम का अनुभव होना चाहिए अथवा 50 फीसद अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएट व दो साल का कार्य अनुभव अनिवार्य है. आवेदक की उम्र 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इसी तरह एसोसिएट फेलो और असिस्टेंट फेलो के लिए अलग-अलग शैक्षणिक व काम का अनुभव होना चाहिए. www.darc.dtu.ac.in पर फेलोशिप कार्यक्रम से संबंधित जानकारी उपलब्ध है और आवेदक इस पर अप्लाई कर सकते हैं.

रिसर्च फैलो के जिम्मे होगा यह काम
रिसर्च फेलो दिल्ली की सभी विधानसभा क्षेत्रों में घूम कर वहां की समस्याओं तथा उसके समाधान को लेकर अपनी रिपोर्ट बनाएंगे और उस विधानसभा क्षेत्र के विधायक को देंगे. साथ ही सरकार वहां किस तरह विकास कार्य कर सकती है, वहां क्या विकास कार्य हुए हैं, इसको लेकर भी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसके अलावा रिसर्च फेलो सरकार को बेहतर तरीके से कामकाज करने के लिए अपनी रिपोर्ट के आधार पर भी सुझाव देंगे. वे दिल्ली विधानसभा में विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों को भी देखेंगे. साथ ही किसी विषय पर चर्चा के दौरान चर्चा में विधायक क्या इनपुट दे सकते हैं ये तैयार कर उन्हें बताएंगे.

दिल्ली विधानसभा
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विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के अनुसार रिसर्च फेलो चुनने की लंबी प्रक्रिया है. प्राप्त आवेदनों में से निर्धारित योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. इसके बाद एक पैनल इनका इंटरव्यू लेगी और चयनित युवाओं की सूची जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके चयन प्रक्रिया बिल्कुल पारदर्शी है. दिल्ली विधानसभा में विधानसभा अनुसंधान केंद्र रूपरेखा वर्ष 2018 में तैयार की गई थी, वर्ष 2019 में इस केंद्र को शुरू किया गया था. वर्ष 2022 के लिए रिसर्च सेंटर फेलोशिप के लिए कुल 97 आवेदन मांगे गए हैं.

नई दिल्ली: विधानसभा के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए गठित दिल्ली विधानसभा अनुसंधान केंद्र ने फेलोशिप के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. चयनित फेलो व एसोसिएट फेलो दिल्ली विधानसभा सचिवालय के साथ-साथ दिल्ली सरकार के विभागों से निकट समन्वय बनाने का काम करेंगे.

विधानसभा अनुसंधान केंद्र से 97 फेलो को जोड़ने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त है. चयनित युवाओं को समितियों और शासन के विविध निर्णायक स्तर में शामिल किया जाएगा. विधानसभा अनुसंधान केंद्र के लिए चयनित रिसर्च फेलो का कार्यकाल फिलहाल एक साल का होगा. लेकिन उसे आगे बढ़ाया जा सकता है. रिसर्च फेलो को तकरीबन एक लाख रुपये महीने मिलेंगे जबकि एसोसिएट फेलो को करीब 60 हज़ार रुपये महीने की फेलोशिप दी जाएगी. इसके अलावा उनके बैठने के लिए विधानसभा में अलग से सेंटर तैयार किया गया है. सभी फेलो को लैपटॉप भी दिया जाएगा.

फेलो के लिए न्यूनतम योग्यता पीएचडी के साथ एक साल का काम का अनुभव होना चाहिए अथवा 50 फीसद अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएट व दो साल का कार्य अनुभव अनिवार्य है. आवेदक की उम्र 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इसी तरह एसोसिएट फेलो और असिस्टेंट फेलो के लिए अलग-अलग शैक्षणिक व काम का अनुभव होना चाहिए. www.darc.dtu.ac.in पर फेलोशिप कार्यक्रम से संबंधित जानकारी उपलब्ध है और आवेदक इस पर अप्लाई कर सकते हैं.

रिसर्च फैलो के जिम्मे होगा यह काम
रिसर्च फेलो दिल्ली की सभी विधानसभा क्षेत्रों में घूम कर वहां की समस्याओं तथा उसके समाधान को लेकर अपनी रिपोर्ट बनाएंगे और उस विधानसभा क्षेत्र के विधायक को देंगे. साथ ही सरकार वहां किस तरह विकास कार्य कर सकती है, वहां क्या विकास कार्य हुए हैं, इसको लेकर भी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. इसके अलावा रिसर्च फेलो सरकार को बेहतर तरीके से कामकाज करने के लिए अपनी रिपोर्ट के आधार पर भी सुझाव देंगे. वे दिल्ली विधानसभा में विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों को भी देखेंगे. साथ ही किसी विषय पर चर्चा के दौरान चर्चा में विधायक क्या इनपुट दे सकते हैं ये तैयार कर उन्हें बताएंगे.

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विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के अनुसार रिसर्च फेलो चुनने की लंबी प्रक्रिया है. प्राप्त आवेदनों में से निर्धारित योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. इसके बाद एक पैनल इनका इंटरव्यू लेगी और चयनित युवाओं की सूची जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके चयन प्रक्रिया बिल्कुल पारदर्शी है. दिल्ली विधानसभा में विधानसभा अनुसंधान केंद्र रूपरेखा वर्ष 2018 में तैयार की गई थी, वर्ष 2019 में इस केंद्र को शुरू किया गया था. वर्ष 2022 के लिए रिसर्च सेंटर फेलोशिप के लिए कुल 97 आवेदन मांगे गए हैं.
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