नई दिल्ली: हर किसी के जीवन में जितनी अहमियत मां की होती है, उतनी ही पिता की भी है. एक बेहतरीन जीवन देने के लिए अगर मां बच्चों में बेहतर संस्कार पिरोती है, तो पिता उनके लिए भरण-पोषण का जिम्मा संभालते हैं. बच्चे को बेहतर जीवन देने के लिए पिता न जाने कितने त्याग करते हैं, जिसको कोई कभी नहीं चुका सकता है. फादर्स डे का दिन उन सभी पिता को शुक्रिया कहने का दिन है.
हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है. इस साल फादर्स-डे 18 जून को मनाया जाएगा. इस दिन दुनियाभर के बच्चे अपने पिता को अलग ढंग से विश करते हैं. ज्यादातर लोग अपने पिता के साथ दिन बिताते हैं. बहुत से लोग उपहार देते हैं, या कार्ड देते हैं. 'ETV भारत' ने कुछ बच्चों, युवाओं और पेरेंट्स से बात कर यह जानने की कोशिश कि वह किस तरह फादर्स डे सेलिब्रेट करते हैं? 21 वर्ष की सिमरन ने बताया कि वह अपने पापा की लाडली बेटी है. वह हर साल फादर्स-डे पर अपने पिता के लिए केक ले जाती हैं. उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग मदर्स-डे पर मां के साथ फोटो डालते हैं, लेकिन वह हर साल अपने पिता के साथ ढेरों फोटो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डालती हैं.
फादर्स डे को लेकर बच्चों में उत्साह: पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले रुद्राक्ष ने बताया कि वह हर साल फादर्स-डे के दिन अपने पापा के कुछ नया करने की कोशिश करते हैं. इस साल उन्होंने अपने पापा के लिए सुन्दर कार्ड बनाया है. साथ ही केक भी देने की तयारी की है. उन्होंने बताया कि केक देखकर पापा थोड़ा बहुत गुस्सा भी करते हैं. वह फादर्स-डे के दिन पूरे घर को सजाते हैं, जिसको देखकर उनके पापा बहुत खुश हो जाते हैं. रुद्राक्ष ने बताया कि उन्हें मदर्स-डे और फादर्स-डे मानना बहुत पसंद है.
हर बच्चे के लिया अब मदर्स-डे के साथ फादर्स-डे भी किसी उत्सव से कम नहीं होता. छोटे बच्चे कई दिन पहले से अपने पापा के लिए कार्ड बनाने लग जाते हैं. ऐसी ही एक बेटी हैं प्रिंजल जैन. प्रिंजल ने बताया कि वह जब बहुत छोटी थी तब से वह अपने पापा के लिए फादर्स-डे पर कार्ड बनती हैं. इस साल वह 9 साल की हो गयी है. इस बार फादर्स-डे पर उन्होंने अपने पापा के लिए बहुत सुंदर कार्ड बनाया है.
पहली बार पिता बने रोहित, फादर्स-डे को लेकर हैं एक्साइटेड: फादर्स-डे का दिन बच्चों के साथ साथ पिता के लिए भी बहुत खास होता हैं. उनको काफी ख़ुशी होती है, जब बच्चे उनके लिए कार्ड बनाते हैं. उनको सरप्राइज देते हैं. साथ ही यह दिन उन लोगों के लिए भी खास होता है, जो पहली बार पिता बने हैं. पहली बार पिता बने रोहित ने बताया कि यह उनका पहला फादर्स-डे है. उनकी 8 महीने की बेटी है. इस साल फादर्स-डे के लिए वह एक्साइटेड है, क्योंकि इस साल उनके पास उनकी बेटी हैं, जो उनको फादर्स-डे विश करेगी.
फादर्स डे का इतिहास: फादर्स-डे मनाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित है, जिनमें से यहां पर दो मुख्य कहानियां आपके साथ साझा कर रहे हैं, जो फादर्स डे से जुड़ी हुई हैं. इन्हे फादर्स डे मनाने की वजह माना जाता है. आपको बता दें कि फादर्स-डे को मनाने की शुरुआत साल 1910 में की गई थी. वॉशिंगटन की रहने वाली एक महिला सोनोरा स्मार्ट डॉड ने फादर्स-डे को पहली बार सेलिब्रेट किया था. सुनोरा की मां नहीं थीं. वे अपने पिता की इकलौती बेटी थीं. उनसे छोटे उनके भाई थे. बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उनके पिता ने ही मां और बाप दोनों के रोल निभाए थे. एक चर्च में मदर्स-डे के बारे में उपदेश सुनते हुए, सोनोरा ने महसूस किया कि पितृत्व को भी मान्यता की आवश्यकता है. इसके बाद उन्होंने फादर्स-डे को सेलिब्रेट करने का फैसला किया और 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स-डे मनाया.
जून के तीसरे संडे को फादर्स-डे मनाने की वजह: धीरे-धीरे सुनोरा को देखकर दूसरे लोगों ने भी फादर्स-डे को मनाना शुरू कर दिया और इसका चलन बढ़ने लगा. साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स-डे को मनाने के सुझाव को हरी झंडी दे दी. साल 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इस दिन को जून के तीसरे रविवार को मनाए जाने की आधिकारिक घोषणा की. तब से हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स-डे मनाया जाता है.
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