नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर करीब तीन साल बाद एक बार फिर सोमवार को देश के विभिन्न राज्यों से हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचे. इसी कड़ी में सुबह से ही किसानों का रामलीला मैदान में पहुंचना शुरू हो गया था. वहीं दोपहर करीब 2 बजे महापंचायत में किसानों को संबोधित करने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे. इस दौरान उन्होंने किसानों से एकजुटता की अपील की और कहा जब तक किसान आंदोलन नहीं करेंगे तब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी.
महापंचायत में मोदी सरकार पर बरसे राकेश टिकैत: महापंचायत में राकेश टिकैत मोदी सरकार पर भी जमकर बरसे. उन्होंने कहा सबको पता है कि देश में बेरोजगारी का क्या माहौल है. युवाओं को नौकरी का वादा किया था, लेकिन अभी तक किसी युवा को नौकरी नहीं मिल पाई. केंद्र सिर्फ पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही है. ऐसे में जब कोई केंद्र सरकार के खिलाफ बोलता है उसके पीछे वह ईडी और सीबीआई को लगा देते हैं. देश में अराजकता जैसा माहौल बना हुआ है. किसान नेता ने कहा वह हमें भी डराने की कोशिश करेंगे, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं. टिकैत ने कहा खाप पंचायतों पर मोदी सरकार सबसे ज्यादा टारगेट कर रही है. केंद्र खाप पंचायतों को जाट खाप पंचायत बनाना चाहती हैं, ताकि अलग-अलग पंचायतों को आपस में लड़ाकर किसान संगठन को कमजोर कर सके.
SKM का केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप: एसकेएम नेताओं ने केंद्र सरकार के कॉर्पोरेट-समर्थक विकास की निंदा की. उनका आरोप है कि कॉर्पोरेट लाभ के लिए खेत, वन और प्राकृतिक संसाधनों को छीनने के लिए है, कृषि आय को कम किया जा रहा है. प्रदर्शन में शामिल किसानों ने बताया कि यह एक दिवसीय धरना प्रदर्शन है. शाम को पंचायत में आगे की रणनीति पर फैसला होगा.
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन आय दोगुनी के बजाय और कम होती जा रही है. अदानी-अंबानी को केंद्र फायदा पहुंचा रही है. किसानों का लोन माफ नहीं किया जाता. बिजली भी बड़ी समस्या है. सरकार ने खेती करने के कई संसाधनों को महंगा कर दिया है. बाजार में किसानों का सामान सस्ता जा रहा है. जबकि कॉर्पोरेट घरानों का सामान महंगा बिक रहा है.
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हिसार से आए किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार अब भी नहीं सुधरती है, तो फिर पूरी दिल्ली में चक्का जाम किया जाएगा. इतना ही नहीं 2024 में जो लोकसभा चुनाव होने वाले हैं उसमें भी सरकार को जवाब दिया जाएगा. केंद्र धोखेबाजी से किसानों को पहले गुमराह किया. फिर जीतने के बाद किसानों के बारे में सोचना तक बंद कर दिया. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर किसानों ने निशाना साधते हुए कहा है कि वित्त मंत्री ने करोड़ों का लोन कॉरपोरेट जगत के लोगों को तो माफ कर दिया, लेकिन अभी तक किसानों का कोई भी लोन माफ नहीं किया है.
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