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संसद घेराव की कोई योजना नहीं, जंतर मंतर पर लगेगी किसान संसद: BKU

किसान संगठनों ने साफ किया है कि वे संसद घेराव की कोई योजना नहीं बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों का एक जत्था रोज जंतर मंतर जाएगा और विरोध प्रदर्शन करेगा. इसके अलावा संसद में किसानों की आवाज उठाने के लिए विपक्ष को पत्र लिखा जाएगा.

farmers not plan to gherao Parliament delhi
किसान आंदोलन
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Published : Jul 20, 2021, 12:49 AM IST

नई दिल्ली: 5 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की थी कि 19 जुलाई से प्रारंभ होने वाले आगामी संसद सत्र के दौरान वह संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा. 22 जुलाई 2021 से हर दिन SKM से जुड़े प्रत्येक संगठन के पांच प्रदर्शनकारी भारतीय संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

SKM के मुताबिक विपक्षी दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी पत्र लिखा जाएगा कि वे सक्रिय रूप से किसानों की मांगों को उठाएं. उन्होंने कहा

हम चाहते हैं कि विपक्षी दल यह सुनिश्चित करें कि किसानों का आंदोलन और उसकी मांगें मुख्य मुद्दा बनें और हमारी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव डाला जाए. हम नहीं चाहते कि विपक्ष हंगामा करे या कार्यवाही से बाहर जाए लेकिन संसद के अंदर रचनात्मक रूप से शामिल हों, जबकि किसान बाहर विरोध करते हैं.


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि

किसानों की 22 जुलाई से संसद घेराव की कोई योजना नहीं है. दिल्ली पुलिस इस संबंध में भ्रामक प्रचार कर रही है. किसानों का जत्था जंतर-मंतर पर जाकर किसान संसद का आयोजन करना चाहता है. प्रत्येक दिन नया जत्था जाएगा और जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाएगा. इसकी जानकारी हमने दिल्ली पुलिस को दे दी है. अगर दिल्ली पुलिस इस मामले को संसद घेराव से जोड़ती है तो वह बिल्कुल निरर्थक है. हमारा कार्यक्रम पूर्व घोषित है और हम किसान संसद के लिए जंतर-मंतर जरूर जाएंगे.

नई दिल्ली: 5 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की थी कि 19 जुलाई से प्रारंभ होने वाले आगामी संसद सत्र के दौरान वह संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा. 22 जुलाई 2021 से हर दिन SKM से जुड़े प्रत्येक संगठन के पांच प्रदर्शनकारी भारतीय संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

SKM के मुताबिक विपक्षी दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी पत्र लिखा जाएगा कि वे सक्रिय रूप से किसानों की मांगों को उठाएं. उन्होंने कहा

हम चाहते हैं कि विपक्षी दल यह सुनिश्चित करें कि किसानों का आंदोलन और उसकी मांगें मुख्य मुद्दा बनें और हमारी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव डाला जाए. हम नहीं चाहते कि विपक्ष हंगामा करे या कार्यवाही से बाहर जाए लेकिन संसद के अंदर रचनात्मक रूप से शामिल हों, जबकि किसान बाहर विरोध करते हैं.


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि

किसानों की 22 जुलाई से संसद घेराव की कोई योजना नहीं है. दिल्ली पुलिस इस संबंध में भ्रामक प्रचार कर रही है. किसानों का जत्था जंतर-मंतर पर जाकर किसान संसद का आयोजन करना चाहता है. प्रत्येक दिन नया जत्था जाएगा और जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाएगा. इसकी जानकारी हमने दिल्ली पुलिस को दे दी है. अगर दिल्ली पुलिस इस मामले को संसद घेराव से जोड़ती है तो वह बिल्कुल निरर्थक है. हमारा कार्यक्रम पूर्व घोषित है और हम किसान संसद के लिए जंतर-मंतर जरूर जाएंगे.

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