नई दिल्ली/नोएडा: पिछले करीब 39 दिनों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर अनिश्चितकालीन धरने पर विभिन्न मांगों को लेकर किसान बैठे हैं. धरने में करीब 81 गांव के किसान शामिल हैं. गुरुवार को किसानों ने प्राधिकरण के गेट पर पहले पंचायत की. फिर हजारों की संख्या में उठे किसानों ने प्राधिकरण के गेट पर ताला जड़ दिया. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच नोकझोंक भी हुई. ताला लगाने के बाद किसान फिर धरना स्थल पर आए और अपना धरना चालू रखा. किसानों का कहना है कि यह धरना तभी समाप्त होगा जब प्राधिकरण उनकी मांगों को मानेगा.
किसान नेता उदल यादव ने बताया कि प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है, पर प्राधिकरण के अधिकारी आश्वासन के सिवाय अब तक कुछ नहीं किया है. इस बार हम अपने वर्षों की इस लड़ाई को पूरी कराए बिना यहां से हिलने वाले नहीं है. आज हमने तालाबंदी की है. आने वाले समय में प्राधिकरण के साथ क्या व्यवहार किया जाए, इसकी रणनीति बनाई जा रही है. जल्द एक बड़ा कदम सभी किसानों की सहमति के बाद उठाया जाएगा.
बता दें, लाभ न दिए जाने से नाराज किसानों का कहना है कि प्राधिकरण से 16 सितंबर को किसानों का समझौता हुआ था. उसमें कई प्रकार के लाभ दिए जाने का आश्वासन दिया गया था. काफी समय बीत जाने के बाद भी प्राधिकरण की तरफ से सभी लाभ नहीं दिए गए. किसानों के मुताबिक, किसान और प्राधिकरण के बीच जो समझौता हुआ था, उसके अनुसार किसानों को 10% आबादी प्लॉट, नई खरीद से प्रभावित किसानों को 20% विकसित प्लॉट, रोजगार भूमिहीनों को वेंडिंग जोन में आरक्षण के लाभ दिए जाने का प्रस्ताव पास किया गया था.