नई दिल्ली: मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर जीवन साथी की तलाश करने वाले एक बार इस खबर को अवश्य पढ़ें. जी हां- स्पेशल सेल की साइबर सेल ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिलाओं को ठगता था.
बता दें कि वह ऐसा प्रोफाइल बनाते जिससे कोई भी उनकी तरफ खींचा चला आये. पुलिस ने इस गैंग के चार नाइजीरियन युवकों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से तीन लैपटॉप और 11 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.
डीसीपी अनेश रॉय के अनुसार स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट को पुणे की रहने वाली महिला ने ठगी की शिकायत की थी. महिला ने बताया कि मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर उन्होंने तिवारी पंडित नामक एक शख्स का प्रोफाइल देखा था. इसके बाद वह एक दूसरे के संपर्क में आए और उनके बीच बातचीत होने लगी.
युवक ने बताया कि वह विदेश में रहता है और अपना कुछ सामान उनके पास भेज रहा है. इसके बाद एक महिला ने उनको कस्टम एवं एक्साइज डिपार्टमेंट के नाम से फोन कर इस सामान के लिए 24 हजार रुपये बैंक खाते में जमा कराने को कहा. महिला ने यह रकम जमा कर दी.
शक होने पर दर्ज करवाई एफआईआर
24 हजार रुपये लेने के बाद उनसे और रुपए जमा कराने के लिए कहा गया तो महिला को शक हुआ. इसलिए उन्होंने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई. स्पेशल सेल ने इस बाबत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की. एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में इंस्पेक्टर अरुण वर्मा की टीम ने टेक्निकल सर्विस की मदद ली. इस बीच हवलदार सिद्धार्थ को सूचना मिली कि इस ठगी में शामिल आरोपी ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर किसी से मिलने आएंगे. पुलिस टीम ने छापा मार कर रेमंड और मेलोडी नामक दो भाइयों को गिरफ्तार कर लिया. इनसे हुई पूछताछ के बाद दो अन्य आरोपियों करीम रिजवान और क्लिफोर्ड को भी गिरफ्तार किया गया. इनके पास से तीन लैपटॉप और 11 मोबाइल फोन बरामद किए गए.
काफी समय से कर रहे थे ठगी
पुलिस को पता चला कि उनके वीजा एक्सपायर हो चुके हैं. दो फर्जी पासपोर्ट भी आरोपियों के पास से बरामद किए गए. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए लोगों से ठगी करते हैं. वह लोगों के फेसबुक और इंस्टाग्राम से फोटो उठाकर उससे मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर प्रोफाइल बनाते हैं. वहां से शादी का झांसा देकर वह महिलाओं से ठगी करते हैं. सभी आरोपी नाइजीरिया के रहने वाले हैं. वह पहले कपड़ो का कारोबार करते थे. यहां मुनाफा नहीं होने पर उन्होंने इस तरह से ठगी का काम शुरू कर दिया. आमतौर पर ठगे जाने वाली महिलाएं बदनामी के डर से पुलिस को इसकी शिकायत नहीं करती थी.