नई दिल्ली: इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज यानि इहबास में फैकल्टी का किस कदर शोषण हो रहा है. इसका एक अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां दस साल से फैकल्टी का प्रमोशन रुका हुआ है तो वहीं उन्हें अलाउंस भी चौथाई से भी कम मिल रहा है.
बता दें कि इस अस्पताल में फैकल्टी की संख्या एक चौथाई से भी कम है. यहां 103 फैकल्टी की जगह केवल 25 ही हैं और जो हैं उन्हें भी साल 2010 के बाद से प्रमोशन नहीं मिला. डॉ. रेणु गुप्ता बताती हैं कि 20 साल का करियर होने के बाद भी वे अभी तक असिस्टेंट प्रोफेसर ही हैं. जबकि उनके साथ के ही दूसरे संस्थानों के डॉक्टर प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष तक बन गए, लेकिन उन्हें तो ये भी नहीं पता कि उनका प्रमोशन कब होगा.