ETV Bharat / state

दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर में कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट की लगी प्रदर्शनी, पर्यावरण संरक्षण का दिया जा रहा संदेश

प्रगति मैदान में आयोजित ट्रेड फेयर में कोयर बोर्ड ने अपनी प्रदर्शनी लगाई है. यहां कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट जैसे डेकोरेटिव आइटम्स, गमले, डोरमैट, जैकेट लोगों को काफी पसंद आ रहा है. International Trade Fair 2023, exhibition of products made from coconut waste

Exhibition of products made from coconut waste
Exhibition of products made from coconut waste
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 17, 2023, 1:01 PM IST

Updated : Nov 17, 2023, 2:07 PM IST

दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर

नई दिल्ली: दिल्ली में आयोजित 42वें अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर में कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट की प्रदर्शनी लगाई गई है. ये प्रोडक्ट्स भारत सरकार के कोयर बोर्ड द्वारा बनाए गए हैं. कोयर बोर्ड के सचिव जितेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि इस बार बोर्ड ने ट्रेड फेयर में पर्यावरण संरक्षण में मददगार आइटम्स को प्रदर्शित किया है. इसमें कोयर टेक्सटाइल, कोयर वर्टिकल गार्डन, कोयर नेट और भी बहुत कुछ शामिल है. राजधानी को हराभरा रखने के लगभग सभी मेट्रो पिलर्स पर वर्टिकल गार्डन बनाए गए हैं, लेकिन उसमें प्लास्टिक के गमले और स्टैंड का इस्तेमाल किया गया है, जो कहीं न कहीं पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित होते हैं. इसको देखते हुए कोयर बोर्ड ने कोयर वर्टिकल गार्डन का निर्माण किया है.

कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट जैसे डेकोरेटिव आइटम्स, गमले
कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट जैसे डेकोरेटिव आइटम्स, गमले
कोकोनट वेस्ट से बने गणेश जी
कोकोनट वेस्ट से बने गणेश जी

मिट्टी के कटाव को रोकेगा ये जाल: बोर्ड के सचिव ने बताया कि इसमें केवल कोकोनट वेस्ट का इस्तेमाल किया गया. इसे एक बार लगाने के बाद पांच वर्षों तक वर्टिकल गार्डन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. इसके बाद खराब हुए गार्डन को खाद की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा नदी, तालाब और सड़क के किनारे होने वाले मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए कोयर बोर्ड ने कोयर का एक जाल बनाया है, जिसको कोयर टेक्सटाइल कहा जाता है. इसे मिट्टी के कटाव होने वाली जगह पर लगा कर घास लगाई जा सकती है. जैसे जैसे घास जड़ें पकड़ेगी, मिट्टी का कटाव रुक जाएगा. वहीं धीरे धीरे टेक्सटाइल मिट्टी में मिल जाएगा, जो खाद का भी काम करेगा.

कोकोनट वेस्ट से बने डेकोरेटिव आइटम्स
कोकोनट वेस्ट से बने डेकोरेटिव आइटम्स

यह भी पढ़ें- IITF-2023: 42वां इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में 300 महिला शिल्पकारों ने लगाई प्रदर्शनी, SHG योजना की मदद से शुरू किया था कारोबार

कोकोनट वेस्ट से बनी मूर्तियां: गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा या सरस्वती पूजन में बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाई जाती है. आजकल लोगों का रुझान मिट्टी से बनी मूर्तियों की तरफ ज्यादा होता है. इसको देखते हुई कोयर बोर्ड ने कोयर से भगवान की बड़ी मूर्ति को भी बनाना शुरू किया है. जितेंद्र कुमार ने बताया कि यह मूर्तियां वजन में मिट्टी के मुकाबले हल्की होती हैं. इसके अलावा कोयर से कई अन्य तरह के सामान भी बनाएं जाते हैं. इसमें कुछ हैंड मेड और कुछ मशीन द्वारा बनाए जाते हैं, जैसे डेकोरेटिव आइटम्स, गमले, डोरमैट, जैकेट आदि. बता दें कि प्रगति मैदान में आयोजित ट्रेड फेयर के हॉल नंबर 14 में कोयर बोर्ड ने अपनी प्रदर्शनी लगाई है. इस बार देशभर के आठ राज्यों से आए लोगों ने 14 स्टॉल लगाएं हैं. उन्होंने बताया कि कई राज्यों में यह सामान बनाए जाते हैं, जिसके एक्सपोर्ट से प्रतिवर्ष चार हजार करोड़ का व्यवसाय होता है.

यह भी पढ़ें- इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में सरस मेले का शुभारंभ, लगे है इतने स्टॉल, जानिए

दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर

नई दिल्ली: दिल्ली में आयोजित 42वें अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर में कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट की प्रदर्शनी लगाई गई है. ये प्रोडक्ट्स भारत सरकार के कोयर बोर्ड द्वारा बनाए गए हैं. कोयर बोर्ड के सचिव जितेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि इस बार बोर्ड ने ट्रेड फेयर में पर्यावरण संरक्षण में मददगार आइटम्स को प्रदर्शित किया है. इसमें कोयर टेक्सटाइल, कोयर वर्टिकल गार्डन, कोयर नेट और भी बहुत कुछ शामिल है. राजधानी को हराभरा रखने के लगभग सभी मेट्रो पिलर्स पर वर्टिकल गार्डन बनाए गए हैं, लेकिन उसमें प्लास्टिक के गमले और स्टैंड का इस्तेमाल किया गया है, जो कहीं न कहीं पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित होते हैं. इसको देखते हुए कोयर बोर्ड ने कोयर वर्टिकल गार्डन का निर्माण किया है.

कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट जैसे डेकोरेटिव आइटम्स, गमले
कोकोनट वेस्ट से बने प्रोडक्ट जैसे डेकोरेटिव आइटम्स, गमले
कोकोनट वेस्ट से बने गणेश जी
कोकोनट वेस्ट से बने गणेश जी

मिट्टी के कटाव को रोकेगा ये जाल: बोर्ड के सचिव ने बताया कि इसमें केवल कोकोनट वेस्ट का इस्तेमाल किया गया. इसे एक बार लगाने के बाद पांच वर्षों तक वर्टिकल गार्डन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. इसके बाद खराब हुए गार्डन को खाद की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा नदी, तालाब और सड़क के किनारे होने वाले मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए कोयर बोर्ड ने कोयर का एक जाल बनाया है, जिसको कोयर टेक्सटाइल कहा जाता है. इसे मिट्टी के कटाव होने वाली जगह पर लगा कर घास लगाई जा सकती है. जैसे जैसे घास जड़ें पकड़ेगी, मिट्टी का कटाव रुक जाएगा. वहीं धीरे धीरे टेक्सटाइल मिट्टी में मिल जाएगा, जो खाद का भी काम करेगा.

कोकोनट वेस्ट से बने डेकोरेटिव आइटम्स
कोकोनट वेस्ट से बने डेकोरेटिव आइटम्स

यह भी पढ़ें- IITF-2023: 42वां इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में 300 महिला शिल्पकारों ने लगाई प्रदर्शनी, SHG योजना की मदद से शुरू किया था कारोबार

कोकोनट वेस्ट से बनी मूर्तियां: गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा या सरस्वती पूजन में बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाई जाती है. आजकल लोगों का रुझान मिट्टी से बनी मूर्तियों की तरफ ज्यादा होता है. इसको देखते हुई कोयर बोर्ड ने कोयर से भगवान की बड़ी मूर्ति को भी बनाना शुरू किया है. जितेंद्र कुमार ने बताया कि यह मूर्तियां वजन में मिट्टी के मुकाबले हल्की होती हैं. इसके अलावा कोयर से कई अन्य तरह के सामान भी बनाएं जाते हैं. इसमें कुछ हैंड मेड और कुछ मशीन द्वारा बनाए जाते हैं, जैसे डेकोरेटिव आइटम्स, गमले, डोरमैट, जैकेट आदि. बता दें कि प्रगति मैदान में आयोजित ट्रेड फेयर के हॉल नंबर 14 में कोयर बोर्ड ने अपनी प्रदर्शनी लगाई है. इस बार देशभर के आठ राज्यों से आए लोगों ने 14 स्टॉल लगाएं हैं. उन्होंने बताया कि कई राज्यों में यह सामान बनाए जाते हैं, जिसके एक्सपोर्ट से प्रतिवर्ष चार हजार करोड़ का व्यवसाय होता है.

यह भी पढ़ें- इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में सरस मेले का शुभारंभ, लगे है इतने स्टॉल, जानिए

Last Updated : Nov 17, 2023, 2:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.