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रोजाना चार पुलिसकर्मियों को मिलती है सजा, जानें क्यों ? - पुलिस पर विभागीय कार्रवाई

पुलिस अक्सर गलत काम करने वाले लोगों को सजा दिलाने का काम करती है, लेकिन यदि पुलिस ही गलती करे तो उसके लिए भी विभाग की तरफ से सजा दी जाती है. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में 1325 पुलिस कर्मियों को विभाग की तरफ से छोटी-बड़ी गलतियों के लिए सजा दी गई है.

everyday four policeman gets punishment IN DELHI
रोजाना चार पुलिसकर्मियों को मिलती है सजा
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Published : Feb 23, 2021, 9:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस में एक तरफ पुलिसकर्मी बेहतर काम कर जहां इनाम पाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ पुलिसकर्मी गलत काम कर सजा पाते हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि राजधानी में औसतन रोजाना चार पुलिसकर्मियों को विभाग द्वारा सजा दी जाती है. वर्ष 2020 में 1325 पुलिसकर्मियों को विभाग की तरफ से छोटी-बड़ी सजा दी गई है.

2020 में 1325 पुलिस कर्मियों को विभाग की तरफ से छोटी-बड़ी गलतियों के लिए सजा दी गई है.
2020 में 1325 पुलिस कर्मियों को विभाग की तरफ से छोटी-बड़ी गलतियों के लिए सजा दी गई है.

दोषी पाए जाने पर मिलती है सजा

जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस के जवानों द्वारा किये जाने वाले गलत काम के लिए दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग में शिकायत की जाती है. इसमें भ्रष्टाचार, बदसलूकी, जांच में गड़बड़ी आदि शामिल होती है. विजिलेंस विभाग द्वारा शिकायत को लेकर जांच की जाती है और उसके नतीजों को लेकर आगे की कार्रवाई की जाती है. अगर कोई पुलिसकर्मी इस जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है. वहीं अगर आरोप सिद्ध नहीं होता है तो उसे सजा नहीं दी जाती है. प्रत्येक जिले में एक विजिलेंस टीम होने के साथ ही पुलिस मुख्यालय के स्तर पर भी विजिलेंस विभाग काम करता है.


1325 पुलिसकर्मियों को मिली 2020 में सजा
दिल्ली पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में बेहतरीन कार्यों के लिए जहां 139 पुलिसकर्मियों को उनकी बारी से पहले पदोन्नति दी गई तो वहीं 1325 पुलिसकर्मियों को विभाग की तरफ से सजा दी गई है. दूसरे शब्दों में कहें तो औसतन रोजाना चार पुलिसकर्मियों को विभाग ने सजा सनाई है. इन पुलिसकर्मियों पर अलग-अलग तरह के आरोप थे. जांच में इन पर लगे आरोप के सिद्ध होने के बाद उन पर कार्रवाई की गई है. पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से भी कहा गया है कि जहां बेहतर काम करने वालों को इनाम मिलेगा तो वहीं गलत काम करने वाले पुलिसकर्मी सजा से बच नहीं सकते.

2020 में बेहतरीन कार्यों के लिए 139 पुलिसकर्मियों को उनकी बारी से पहले पदोन्नति दी गई.
सजा देकर पेश की जाती है मिसालदिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण ने बताया कि पुलिस किसी भी मामले में शिकायत होने पर अपने पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करती है. इसका मकसद अन्य पुलिसकर्मियों के बीच एक मिसाल पैदा करना होता है ताकि कोई अन्य पुलिसकर्मी ऐसा करने से पहले सजा को ध्यान रखे. अगर किसी पुलिसकर्मी को सजा मिलती है तो उसका असर अन्य पुलिसकर्मियों पर भी देखने को मिलता है. जिस तरीके से इनाम देकर पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित किया जाता है उसी तरह सजा देकर उन्हें गलत काम करने से रोका जाता है. कई बार ऐसा देखने में आता है कि पुलिसकर्मी से भूलवश यह गलती हुई है. ऐसे मामलों में कई बार अधिकारी उन्हें माफी दे देते हैं लेकिन जो गलती जानबूझकर की गई होती है, उसमें सजा मिलना तय होता है.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस में एक तरफ पुलिसकर्मी बेहतर काम कर जहां इनाम पाते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ पुलिसकर्मी गलत काम कर सजा पाते हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि राजधानी में औसतन रोजाना चार पुलिसकर्मियों को विभाग द्वारा सजा दी जाती है. वर्ष 2020 में 1325 पुलिसकर्मियों को विभाग की तरफ से छोटी-बड़ी सजा दी गई है.

2020 में 1325 पुलिस कर्मियों को विभाग की तरफ से छोटी-बड़ी गलतियों के लिए सजा दी गई है.
2020 में 1325 पुलिस कर्मियों को विभाग की तरफ से छोटी-बड़ी गलतियों के लिए सजा दी गई है.

दोषी पाए जाने पर मिलती है सजा

जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस के जवानों द्वारा किये जाने वाले गलत काम के लिए दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विभाग में शिकायत की जाती है. इसमें भ्रष्टाचार, बदसलूकी, जांच में गड़बड़ी आदि शामिल होती है. विजिलेंस विभाग द्वारा शिकायत को लेकर जांच की जाती है और उसके नतीजों को लेकर आगे की कार्रवाई की जाती है. अगर कोई पुलिसकर्मी इस जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है. वहीं अगर आरोप सिद्ध नहीं होता है तो उसे सजा नहीं दी जाती है. प्रत्येक जिले में एक विजिलेंस टीम होने के साथ ही पुलिस मुख्यालय के स्तर पर भी विजिलेंस विभाग काम करता है.


1325 पुलिसकर्मियों को मिली 2020 में सजा
दिल्ली पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में बेहतरीन कार्यों के लिए जहां 139 पुलिसकर्मियों को उनकी बारी से पहले पदोन्नति दी गई तो वहीं 1325 पुलिसकर्मियों को विभाग की तरफ से सजा दी गई है. दूसरे शब्दों में कहें तो औसतन रोजाना चार पुलिसकर्मियों को विभाग ने सजा सनाई है. इन पुलिसकर्मियों पर अलग-अलग तरह के आरोप थे. जांच में इन पर लगे आरोप के सिद्ध होने के बाद उन पर कार्रवाई की गई है. पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से भी कहा गया है कि जहां बेहतर काम करने वालों को इनाम मिलेगा तो वहीं गलत काम करने वाले पुलिसकर्मी सजा से बच नहीं सकते.

2020 में बेहतरीन कार्यों के लिए 139 पुलिसकर्मियों को उनकी बारी से पहले पदोन्नति दी गई.
सजा देकर पेश की जाती है मिसालदिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण ने बताया कि पुलिस किसी भी मामले में शिकायत होने पर अपने पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करती है. इसका मकसद अन्य पुलिसकर्मियों के बीच एक मिसाल पैदा करना होता है ताकि कोई अन्य पुलिसकर्मी ऐसा करने से पहले सजा को ध्यान रखे. अगर किसी पुलिसकर्मी को सजा मिलती है तो उसका असर अन्य पुलिसकर्मियों पर भी देखने को मिलता है. जिस तरीके से इनाम देकर पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित किया जाता है उसी तरह सजा देकर उन्हें गलत काम करने से रोका जाता है. कई बार ऐसा देखने में आता है कि पुलिसकर्मी से भूलवश यह गलती हुई है. ऐसे मामलों में कई बार अधिकारी उन्हें माफी दे देते हैं लेकिन जो गलती जानबूझकर की गई होती है, उसमें सजा मिलना तय होता है.
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