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22 जनवरी के दिन दिल्ली के हर मंदिर को अयोध्या धाम में बदल दिया जाएगा : कपिल खन्ना - kapil Khanna

Ram Lala Pran Pratishtha in Shri Ram Janmabhoomi: अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है. इसी क्रम में विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने दिल्ली के लोगों से एक खास अपील की है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है..

Shri Ram Janmabhoomi
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 8, 2024, 12:19 PM IST

विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना से खास बातचीत

नई दिल्ली: सनातन धर्म के लिए 22 जनवरी का दिन किसी दिवाली से कम नहीं है. इस दिन अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. कार्यक्रम को भव्य और अविस्मरणीय बनाने के लिए सर्व सनातन धर्म संगठन जुट गए हैं. इसके लिए देशभर के मंदिरों में तैयारियां चल रही हैं. इसी कड़ी में दिल्ली में मौजूद सभी मंदिरों में भी तैयारियां जोरों पर हैं. इस दिन राजधानी के मंदिरों से लेकर बाजारों में कार्यक्रम होंगे. विश्व हिन्दू परिषद की योजना है कि दिल्ली के प्रत्येक मंदिर को 22 जनवरी के दिन अयोध्या धाम में बदल दिया जाए. इसके लिए मंदिरों में हजारों एलईडी स्क्रीन लगाए जाने के साथ दान इकट्ठा किया जा रहा है. इसपर ईटीवी भारत ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के संदर्भ में विश्व हिंदू परिषद की तैयारियों पर दिल्ली प्रांत के कपिल खन्ना ने खास बातचीत की.

सवाल: राजनेताओं के अलावा और किन विशेष लोगों को अयोध्या आमंत्रित किया गया है?

जवाब: हम सभी जानतें हैं कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद यह दिवस हम सभी को देखने को मिल रहा है. ये हम सभी के जीवन की सबसे बड़ी दिवाली है. 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. पूजनीय संत पहले आरती उतरेंगे. इस वक्त सभी भारतीय अपने अपने पास के मंदिर, गुरुद्वारों, बौद्ध धाम, जैन मंदिर, बाल्मीकि मंदिर में आदि सभी पूजनीय स्थलों को अयोध्या जी बना दें. विश्व हिंदू परिषद यह अनुरोध सभी राम भक्तों से कर रहे हैं. व्यवस्था के तहत जिन जिन गणमान्य लोगों को ट्रस्ट की ओर से न्यौता गया है, वही अयोध्या जाएंगे.

सवाल: दिल्ली की आम जनता अयोध्या नहीं जा पाएगी, उनके लिए क्या इंतजाम हैं?

जवाब: मैं आपको पूरी योजना के बारे में बताता हूं. अयोध्या से पूजित अक्षत, निमंत्रण पत्र और श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर की तस्वीरें आ गईं हैं. विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ता ये तीनों चीजें लेकर दिल्ली के 10 लाख से अधिक परिवारों से संपर्क कर रहे हैं. वे इन सभी चीजें लोगों को देकर बताते हैं कि अयोध्या धाम से प्रभु राम का निमंत्रण आया है और अनुरोध करते हैं कि 22 जनवरी को हम सभी को अपने घर के नजदीकी मंदिरों में जाना है और उसी को अयोध्या धाम बनाना है. यहां गोदी में बैठने वाले बच्चे से लेकर लाठी पकड़कर चलने वाले बुजुर्ग भी पहुंचेंगें. सभी लोग 22 जनवरी के दिन सुबह 11 बजे अपने अपने घर में ताला लगाएंगे और अपने नजदीकी पूजा स्थल जाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम में पूजनीय संत रामलला की आरती उतारेंगे. ठीक उसी प्रकार लोग अपने अपने पूजा स्थल से रामलला की आरती उतारेंगे. इस राम मंदिर के निर्माण में लगी हर एक ईंट में रामभक्तों का योगदान है.

सवाल: राजधानी में कितने मंदिरों में एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी?

जवाब: विश्व हिंदू परिषद ने 22 जनवरी को दिल्ली को अयोध्या धाम में तब्दील करने के लिए विशेष योजना बनाई है. इस दिन राजधानी के 12 हजार के अधिक मंदिरों में एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी. इन सभी मंदिरों में राम लला के भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी.

सवाल: इन सभी व्यवस्थाओं के लिए खर्चा कौन उठा रहा है?

जवाब: ये तो रामलला का काम है. इसमें राम भक्तों का योगदान है. विश्व हिंदू परिषद को चिंता करने की जरूरत ही नहीं पड़ी. यह बात आई कि लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को अयोध्या जाना है. दोनों ही उम्रदराज हैं. उनसे पूछा गया कि आपके लिए अयोध्या में क्या क्या व्यवस्था की जाए? इसी सूचना के साथ विश्व हिंदू परिषद के सभी कार्यकर्ताओं ने आर्थिक मदद देने की बात कही. इसके अलावा हम लोगों ने 20 मंदिर की समितियों के साथ बैठक की थी. सभी को 60 मंदिरों की व्यवस्था का दायित्व दिया गया है. उन्होंने आगे बढ़ कर कहा है कि उनको 40 और मंदिरों की जिम्मेदारी दी जाए.

सवाल: इससे पहले भूमि पूजन पर कितना धन इकठ्ठा हुआ था?

जवाब: दो वर्ष पहले विश्व हिंदू परिषद ने योजना बनाई थी कि 1,500 करोड़ रुपए का दान इकट्ठा किया जाएगा, लेकिन भूमि पूजन तक 3,300 करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए. खास बात यह हुई इस पूरी राशि में विदेश से एक पैसा भी नहीं आया.

सवाल: कई संस्थाओं ने 22 जनवरी के दिन छुट्टी की मांग की है. आप की क्या राय है?

जवाब: विश्व हिंदू परिषद, हिंदुओं की इच्छाओं का सम्मान करता है. हमारी भावनाएं यह कह रही हैं कि छुट्टी हो, लेकिन व्यक्तिगत रूप पर मेरा मानना है कि हमें किसी भी कार्य के लिए प्रशासनिक सहायता की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. हम सक्षम हैं और छुट्टी की आवश्यकता नहीं है. पूजा का सारा कार्यक्रम मात्र दो घंटे का है. इसके लिए दफ्तर जाने वाले लोग एक घंटे पहले दफ्तर पहुंच कर अपना काम निपटाएं और फिर मंदिरों में जाकर रामलला की पूजा कर दोबारा दफ्तर चले जाएं.

सवाल: 22 जनवरी के दिन को किस तरह देखते हैं आप?

जवाब: मेरा मानना है कि 22 जनवरी के दिन केवल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं है. यह पूरे राष्ट्र की प्राण प्रतिष्ठा है. इस दिन भारत नए स्वाभिमान के साथ विश्व के सामने प्रस्तुत होगा. यह संकेत है सनातन धर्म और हिंदी शक्ति का.

सवाल: आम जनता के लिए कब खुलेगा राम मंदिर?

जवाब: 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसके बाद सभी लोग दर्शन कर सकते हैं. सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी को कुछ मुख्य लोगों को ही वहां जाने की अनुमति होगी. इस दिन अयोध्या में 4,500 संत उपस्थित होंगे. इसके अलावा कुछ 8,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. अगर कोई पहुंच भी जाता है, तो भी उसके लिए राम लला के दर्शन करना संभव नहीं हो पाएगा. बेहतर यह होगा की 22 जनवरी के बाद ही आम लोग अयोध्या धाम जाएं.

यह भी पढ़ें-राम मंदिर के गर्भगृह में दिखेगा पूरा ब्रह्मांड, शेषनाग पर विराजमान हैं भगवान विष्णु

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विश्व हिंदू परिषद के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना से खास बातचीत

नई दिल्ली: सनातन धर्म के लिए 22 जनवरी का दिन किसी दिवाली से कम नहीं है. इस दिन अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. कार्यक्रम को भव्य और अविस्मरणीय बनाने के लिए सर्व सनातन धर्म संगठन जुट गए हैं. इसके लिए देशभर के मंदिरों में तैयारियां चल रही हैं. इसी कड़ी में दिल्ली में मौजूद सभी मंदिरों में भी तैयारियां जोरों पर हैं. इस दिन राजधानी के मंदिरों से लेकर बाजारों में कार्यक्रम होंगे. विश्व हिन्दू परिषद की योजना है कि दिल्ली के प्रत्येक मंदिर को 22 जनवरी के दिन अयोध्या धाम में बदल दिया जाए. इसके लिए मंदिरों में हजारों एलईडी स्क्रीन लगाए जाने के साथ दान इकट्ठा किया जा रहा है. इसपर ईटीवी भारत ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के संदर्भ में विश्व हिंदू परिषद की तैयारियों पर दिल्ली प्रांत के कपिल खन्ना ने खास बातचीत की.

सवाल: राजनेताओं के अलावा और किन विशेष लोगों को अयोध्या आमंत्रित किया गया है?

जवाब: हम सभी जानतें हैं कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद यह दिवस हम सभी को देखने को मिल रहा है. ये हम सभी के जीवन की सबसे बड़ी दिवाली है. 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. पूजनीय संत पहले आरती उतरेंगे. इस वक्त सभी भारतीय अपने अपने पास के मंदिर, गुरुद्वारों, बौद्ध धाम, जैन मंदिर, बाल्मीकि मंदिर में आदि सभी पूजनीय स्थलों को अयोध्या जी बना दें. विश्व हिंदू परिषद यह अनुरोध सभी राम भक्तों से कर रहे हैं. व्यवस्था के तहत जिन जिन गणमान्य लोगों को ट्रस्ट की ओर से न्यौता गया है, वही अयोध्या जाएंगे.

सवाल: दिल्ली की आम जनता अयोध्या नहीं जा पाएगी, उनके लिए क्या इंतजाम हैं?

जवाब: मैं आपको पूरी योजना के बारे में बताता हूं. अयोध्या से पूजित अक्षत, निमंत्रण पत्र और श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर की तस्वीरें आ गईं हैं. विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ता ये तीनों चीजें लेकर दिल्ली के 10 लाख से अधिक परिवारों से संपर्क कर रहे हैं. वे इन सभी चीजें लोगों को देकर बताते हैं कि अयोध्या धाम से प्रभु राम का निमंत्रण आया है और अनुरोध करते हैं कि 22 जनवरी को हम सभी को अपने घर के नजदीकी मंदिरों में जाना है और उसी को अयोध्या धाम बनाना है. यहां गोदी में बैठने वाले बच्चे से लेकर लाठी पकड़कर चलने वाले बुजुर्ग भी पहुंचेंगें. सभी लोग 22 जनवरी के दिन सुबह 11 बजे अपने अपने घर में ताला लगाएंगे और अपने नजदीकी पूजा स्थल जाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धाम में पूजनीय संत रामलला की आरती उतारेंगे. ठीक उसी प्रकार लोग अपने अपने पूजा स्थल से रामलला की आरती उतारेंगे. इस राम मंदिर के निर्माण में लगी हर एक ईंट में रामभक्तों का योगदान है.

सवाल: राजधानी में कितने मंदिरों में एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी?

जवाब: विश्व हिंदू परिषद ने 22 जनवरी को दिल्ली को अयोध्या धाम में तब्दील करने के लिए विशेष योजना बनाई है. इस दिन राजधानी के 12 हजार के अधिक मंदिरों में एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी. इन सभी मंदिरों में राम लला के भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी.

सवाल: इन सभी व्यवस्थाओं के लिए खर्चा कौन उठा रहा है?

जवाब: ये तो रामलला का काम है. इसमें राम भक्तों का योगदान है. विश्व हिंदू परिषद को चिंता करने की जरूरत ही नहीं पड़ी. यह बात आई कि लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को अयोध्या जाना है. दोनों ही उम्रदराज हैं. उनसे पूछा गया कि आपके लिए अयोध्या में क्या क्या व्यवस्था की जाए? इसी सूचना के साथ विश्व हिंदू परिषद के सभी कार्यकर्ताओं ने आर्थिक मदद देने की बात कही. इसके अलावा हम लोगों ने 20 मंदिर की समितियों के साथ बैठक की थी. सभी को 60 मंदिरों की व्यवस्था का दायित्व दिया गया है. उन्होंने आगे बढ़ कर कहा है कि उनको 40 और मंदिरों की जिम्मेदारी दी जाए.

सवाल: इससे पहले भूमि पूजन पर कितना धन इकठ्ठा हुआ था?

जवाब: दो वर्ष पहले विश्व हिंदू परिषद ने योजना बनाई थी कि 1,500 करोड़ रुपए का दान इकट्ठा किया जाएगा, लेकिन भूमि पूजन तक 3,300 करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए. खास बात यह हुई इस पूरी राशि में विदेश से एक पैसा भी नहीं आया.

सवाल: कई संस्थाओं ने 22 जनवरी के दिन छुट्टी की मांग की है. आप की क्या राय है?

जवाब: विश्व हिंदू परिषद, हिंदुओं की इच्छाओं का सम्मान करता है. हमारी भावनाएं यह कह रही हैं कि छुट्टी हो, लेकिन व्यक्तिगत रूप पर मेरा मानना है कि हमें किसी भी कार्य के लिए प्रशासनिक सहायता की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. हम सक्षम हैं और छुट्टी की आवश्यकता नहीं है. पूजा का सारा कार्यक्रम मात्र दो घंटे का है. इसके लिए दफ्तर जाने वाले लोग एक घंटे पहले दफ्तर पहुंच कर अपना काम निपटाएं और फिर मंदिरों में जाकर रामलला की पूजा कर दोबारा दफ्तर चले जाएं.

सवाल: 22 जनवरी के दिन को किस तरह देखते हैं आप?

जवाब: मेरा मानना है कि 22 जनवरी के दिन केवल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नहीं है. यह पूरे राष्ट्र की प्राण प्रतिष्ठा है. इस दिन भारत नए स्वाभिमान के साथ विश्व के सामने प्रस्तुत होगा. यह संकेत है सनातन धर्म और हिंदी शक्ति का.

सवाल: आम जनता के लिए कब खुलेगा राम मंदिर?

जवाब: 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसके बाद सभी लोग दर्शन कर सकते हैं. सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी को कुछ मुख्य लोगों को ही वहां जाने की अनुमति होगी. इस दिन अयोध्या में 4,500 संत उपस्थित होंगे. इसके अलावा कुछ 8,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. अगर कोई पहुंच भी जाता है, तो भी उसके लिए राम लला के दर्शन करना संभव नहीं हो पाएगा. बेहतर यह होगा की 22 जनवरी के बाद ही आम लोग अयोध्या धाम जाएं.

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