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शहीदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित, शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बलिदान को किया याद - दिल्ली आर्काइव में एडवाइजर प्रोफेसर चमनलाल

राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में शहीदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें साहित्य कला परिषद की कल्चर सोसायटी के कलाकारों की ओर से भगत सिंह के जीवन पर आधारित संगीत में नाटक की प्रस्तुति दी गई.

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शहीदी दिवस
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Published : Mar 24, 2021, 1:05 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में आयोजित एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस को याद करते हुए, दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद की कल्चर सोसायटी के कलाकारों की ओर से भगत सिंह के जीवन पर आधारित संगीत नाटक की प्रस्तुति दी गई. इसके साथ ही कई देशभक्ति कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी गई.

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बलिदान को याद किया
कार्यक्रम में मौजूद दिल्ली आर्काइव में भगत सिंह एंड रिसोर्स सेंटर के अंदर एडवाइजर प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि आज भगत सिंह को हर कोई जानता है. भगत सिंह ने ना केवल देश में बल्कि विदेशों में अपनी छाप छोड़ी है. दुनियाभर की यूनिवर्सिटी उनके ऊपर रिपोर्ट कर रही है.

बता दें प्रो चमनलाल ने भगत सिंह पर 60 से ज्यादा किताबें लिखी हैं और उनका अनुवाद भी किया है. वहीं दिल्ली अभिलेखागार में भगत सिंह पर 300 किताबें मौजूद हैं. जिसमें उनके जीवन भर का संघर्ष और उनके विचारों की गाथा है.


ये भी पढ़ें:-योजनाओं को अल्पसंख्यकों तक पहुंचाने को कमीशन प्रतिबद्ध: जाकिर खान

प्रो चमनलाल भगत सिंह पर सबसे ज्यादा रिसर्च करने वाले व्यक्ति हैं. वह जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सेंट्रल ऑफ इंडियन लैंग्वेजेस के चेयरपर्सन रह चुके हैं. इसके साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में एक डीन के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें:-गाजीपुर बॉर्डर: शहीदी दिवस पर निकला शहीद-ए-आजम स्वाभिमान मार्च

उन्होंने कहा कि उन्होंने भगत सिंह पर चार खंड लिखे हैं. पहला खंड भगत सिंह के पत्रकार, तार, पर्चे, और अदालती बयान. दूसरा खंड भगत सिंह के लेख, तीसरा खंड क्रांतिकारियों के रेखाचित्र और चौथा खंड जेल नोटबुक और डॉन ब्रीन की आत्मकथा का अनुवाद.

ये भी पढ़ें:-आज तक क्यों नहीं मिला भगत सिंह को शहीद का दर्जाः प्रपौत्र यादवेंद्र सिंह

इन चारों खंडों में भगत सिंह के पूरे जीवन को बताया गया है. यह चारों खंड की किताबें आज दिल्ली वालों को भी बांटी जा रही है.जिससे कि लोग भगत सिंह के विचारों को जान सके, समझ सके.

नई दिल्ली : दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में आयोजित एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस को याद करते हुए, दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद की कल्चर सोसायटी के कलाकारों की ओर से भगत सिंह के जीवन पर आधारित संगीत नाटक की प्रस्तुति दी गई. इसके साथ ही कई देशभक्ति कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी गई.

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बलिदान को याद किया
कार्यक्रम में मौजूद दिल्ली आर्काइव में भगत सिंह एंड रिसोर्स सेंटर के अंदर एडवाइजर प्रोफेसर चमनलाल ने बताया कि आज भगत सिंह को हर कोई जानता है. भगत सिंह ने ना केवल देश में बल्कि विदेशों में अपनी छाप छोड़ी है. दुनियाभर की यूनिवर्सिटी उनके ऊपर रिपोर्ट कर रही है.

बता दें प्रो चमनलाल ने भगत सिंह पर 60 से ज्यादा किताबें लिखी हैं और उनका अनुवाद भी किया है. वहीं दिल्ली अभिलेखागार में भगत सिंह पर 300 किताबें मौजूद हैं. जिसमें उनके जीवन भर का संघर्ष और उनके विचारों की गाथा है.


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प्रो चमनलाल भगत सिंह पर सबसे ज्यादा रिसर्च करने वाले व्यक्ति हैं. वह जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सेंट्रल ऑफ इंडियन लैंग्वेजेस के चेयरपर्सन रह चुके हैं. इसके साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में एक डीन के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि उन्होंने भगत सिंह पर चार खंड लिखे हैं. पहला खंड भगत सिंह के पत्रकार, तार, पर्चे, और अदालती बयान. दूसरा खंड भगत सिंह के लेख, तीसरा खंड क्रांतिकारियों के रेखाचित्र और चौथा खंड जेल नोटबुक और डॉन ब्रीन की आत्मकथा का अनुवाद.

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इन चारों खंडों में भगत सिंह के पूरे जीवन को बताया गया है. यह चारों खंड की किताबें आज दिल्ली वालों को भी बांटी जा रही है.जिससे कि लोग भगत सिंह के विचारों को जान सके, समझ सके.

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