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कारगिल दिवस पर शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी को किया गया याद

आज कारगिल दिवस के 21 साल पूरे हो गए है. पूरा भारत न सिर्फ कारगिल में शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है, बल्कि उन सभी को याद कर रहा है, जो सरहद पर देश का कर्तव्य पूरा करते हुए शहीद हुए. ईटीवी भारत ने शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी (सेना मेडल) की पत्नी सारिका गुलाटी से बातचीत की.

etv bharat special talk with martyr lieutenant colonel rajesh gulati wife
शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी की पत्नी से खास बातचीत
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Published : Jul 26, 2020, 8:57 AM IST

नई दिल्ली: कारगिल दिवस पर पूरा देश ना सिर्फ उन वीर जवानों को याद कर रहा है, जो कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे बल्कि इस वक्त पूरा देश अब तक शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है और ईटीवी भारत ने शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी (सेना मेडल) की पत्नी सारिका गुलाटी से बातचीत की.

शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी की पत्नी से खास बातचीत

2015 में विमान क्रैश में हुई मौत

सारिका गुलाटी बताती हैं कि उनके पति एविएशन 202 में थे. साल 2015 में विमान क्रैश हो गया था और देश की रक्षा करते हुए उनके पति शहीद हो गए थे. वे श्रीनगर में तैनात थे. शाम के वक्त मानसबल में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और वे शहीद हो गए. देश का कर्तव्य भी है कि देश वीर जवानों को याद करे और आज उनके पति को हर कोई याद कर रहा है.


'शहीद राजेश गुलाटी विनम्र स्वभाव के थे'

उन्होंने बताया कि वे द्वारका में रहती थी और उनके पति श्रीनगर में पोस्टेड थे. सीनियर अफसर की पत्नी से पता चला कि उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और सेना ने अपने एक जवान को खो दिया. शहीद राजेश गुलाटी एक अच्छे इंसान थे.

शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी के मित्र बताते हैं कि उनमें सीनियर और जूनियर का कोई भी भेद नहीं था, सबको सिखाते थे. साल 2000 में उनकी शादी हुई थी और उनका बेटा सक्षम गुलाटी अभी 12वीं क्लास में पढ़ाई कर रहा है. उन्होंने बताया कि उनकी लव मैरिज हुई थी. बचपन भी उनका साथ में बीता था. देहरादून में पड़ोसी थे. आज भी सारी यादें ताजा है.

'देश के लिए जान देना आसान काम नहीं'


देश के लिए जान देना आसान बात नहीं है और उन्होंने बहुत सारे रेस्क्यू किए हैं. साल 2014 में श्रीनगर में बाढ़ आई थी, तब उसमें उन्होंने खूब रेस्क्यू किया था और जो भी यादें है वो यादें कभी खत्म नहीं होने का नाम ले रही हैं.

नई दिल्ली: कारगिल दिवस पर पूरा देश ना सिर्फ उन वीर जवानों को याद कर रहा है, जो कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे बल्कि इस वक्त पूरा देश अब तक शहीद हुए जवानों को याद कर रहा है और ईटीवी भारत ने शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी (सेना मेडल) की पत्नी सारिका गुलाटी से बातचीत की.

शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी की पत्नी से खास बातचीत

2015 में विमान क्रैश में हुई मौत

सारिका गुलाटी बताती हैं कि उनके पति एविएशन 202 में थे. साल 2015 में विमान क्रैश हो गया था और देश की रक्षा करते हुए उनके पति शहीद हो गए थे. वे श्रीनगर में तैनात थे. शाम के वक्त मानसबल में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और वे शहीद हो गए. देश का कर्तव्य भी है कि देश वीर जवानों को याद करे और आज उनके पति को हर कोई याद कर रहा है.


'शहीद राजेश गुलाटी विनम्र स्वभाव के थे'

उन्होंने बताया कि वे द्वारका में रहती थी और उनके पति श्रीनगर में पोस्टेड थे. सीनियर अफसर की पत्नी से पता चला कि उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया और सेना ने अपने एक जवान को खो दिया. शहीद राजेश गुलाटी एक अच्छे इंसान थे.

शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल राजेश गुलाटी के मित्र बताते हैं कि उनमें सीनियर और जूनियर का कोई भी भेद नहीं था, सबको सिखाते थे. साल 2000 में उनकी शादी हुई थी और उनका बेटा सक्षम गुलाटी अभी 12वीं क्लास में पढ़ाई कर रहा है. उन्होंने बताया कि उनकी लव मैरिज हुई थी. बचपन भी उनका साथ में बीता था. देहरादून में पड़ोसी थे. आज भी सारी यादें ताजा है.

'देश के लिए जान देना आसान काम नहीं'


देश के लिए जान देना आसान बात नहीं है और उन्होंने बहुत सारे रेस्क्यू किए हैं. साल 2014 में श्रीनगर में बाढ़ आई थी, तब उसमें उन्होंने खूब रेस्क्यू किया था और जो भी यादें है वो यादें कभी खत्म नहीं होने का नाम ले रही हैं.

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