नई दिल्लीः केजरीवाल सरकार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 9वीं से 12वीं तक के छात्रों में उद्यमिता मानसिकता विकसित करने को लेकर एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं लॉकडाउन के दौरान कई प्रसिद्ध उद्यमियों के साथ छात्रों का लाइव इंटरेक्शन कराया जा रहा है.
इसी कड़ी में मशहूर उद्यमी किरण मजूमदार शॉ का भी ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम का उद्देश्य बच्चों के भीतर शिक्षा के प्रति एक नया दृष्टिकोण विकसित करना है, जिससे बच्चे नौकरी के लिए भी तैयार रहें और अपना खुद का काम करने के लिए भी.
वहीं इस संवाद के दौरान उद्यमी किरण मजूमदार शॉ ने बच्चों के साथ अपनी जिंदगी के संघर्ष साझा किए. साथ ही छात्रों को यह संदेश दिया कि कभी हिम्मत मत हारो और किसी उद्देश्य के साथ अगर बिजनेस शुरू करोगे तो सफलता जरूर मिलेगी.
खुद पर भरोसा रखना बेहद जरूरी
अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि बेंगलुरु विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई की और वहां से लौटने के बाद बिजनेस की शुरुआत की. लेकिन उस समय उनके पास ना ही कोई पूंजी थी और ना ही कोई बैंक कर देने को तैयार था.
विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अंत में उनके प्रोजेक्ट के महत्व को समझकर बैंक ने उन्हें लोन दे दिया और आज वह इस मुकाम तक पहुंच गई हैं. मजूमदार ने कहा कि उनका अनुभव यही कहता है कि कभी भी हमें परिस्थितियों को देखकर हिम्मत नहीं हारनी चाहिए बल्कि अपने ऊपर भरोसा रखना चाहिए.
छात्रों को सफलता के दिए 5 सूत्र
साथ ही उन्होंने छात्रों को यह संदेश दिया कि यदि वह किसी उद्देश्य के साथ बिजनेस शुरू करेंगे, तो उसे सफलता जरूर मिलेगी. इस दौरान उन्होंने बच्चों को 5 सूत्र भी बताए. उन्होंने कहा कि खुद पर भरोसा रखें, महिलाओं को आगे बढ़ने की संस्कृति विकसित करें. इसके अलावा उन्होंने कहा कि विज्ञान और चिकित्सा के जरिए दुनिया का भला हो सकता है. उन्होंने कहा कि असफलता बहुत क्षणिक चीज है. इसके मिलने पर हिम्मत ना हारे और अपने भीतर की आवाज जरूर सुनें.
ज्ञान के व्यापक उपयोग को समझने की जरूरत
वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चलाए जा रहे एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम के पीछे दूरगामी सोच काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जहां पहले पढ़ाई केवल इसलिए कराई जाती थी कि बेहतर नौकरी मिल सके वहीं अब ज्ञान के व्यापक उपयोग की समझ जरूरी हो गई है.
साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति छात्रों का दृष्टिकोण बदल सके, इसको लेकर यह पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि ईएमसी के माध्यम से छात्रों के भीतर ज्ञान को एक नए नजरिए से देखने की समझ विकसित करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार का भी यही सपना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चों में से भविष्य में कई किरण मजूमदार शॉ जैसे सफल उद्यमी बनकर निकले.