नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने गुरुवार को चेरियट प्रोडक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजेश जोशी को गिरफ्तार किया. उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 4 दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया है. राजेश जोशी पर गोवा चुनाव के दौरान पैसे लेने का आरोप है. जांच एजेंसी का आरोप है कि एक्साइज पॉलिसी घोटाले से उगाही किए गए रुपए अलग-अलग चुनाव में इस्तेमाल किए गए.
इस मामले में ईडी व सीबीआई ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. अब तक इस मामले में आठ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. इस मामले में पीआर कंपनी चलाने वाले विजय नायर, शराब कारोबारी समीर महेंद्रु, चार्टर्ड अकाउंटेंट बुची बाबू, कारोबारी गौतम मल्होत्रा, अभिषेक बोइनपल्ली, विनय बाबू, शरथ रेड्डी और अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले में आठवीं गिरफ्तारी की. मामले में अब राजेश जोशी को गिरफ्तार किया गया है, जो चैरिएट प्रोडक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं. ईडी के सूत्रों ने बताया कि आरोपी, चार्जशीट किए गए दिनेश अरोड़ा का करीबी है. सूत्रों के मुताबिक, जोशी को गोवा चुनाव के लिए अरोड़ा से पैसा मिला था और यह पैसा एक्साइज पॉलिसी घोटाले से आया था. इससे पहले ईडी ने बुधवार को पंजाब के व्यवसायी गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया था, जिसे 15 फरवरी तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक, ईडी जोशी और मल्होत्रा का आमना-सामना कराना चाहता है.
ये सभी आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं. आरोपियों के तार दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य से जुड़े हैं. आरोप पत्र में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता का भी नाम शामिल है. वहीं सीबीआई व ईडी ने अपनी-अपनी एफआईआर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम भी शामिल किया है लेकिन अभी तक किसी भी आरोपपत्र में उनका नाम शामिल नहीं किया गया है. ईडी ने इस मामले में कोर्ट के सामने स्पष्ट किया था कि जांच अभी चल रही है. मनीष सिसोदिया भी जांच के घेरे में हैं.
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सीबीआई ने एलजी की शिकायत पर अगस्त 2022 में नई आबकारी नीति में अनियमितता का आरोप लगाते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 14 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में आम आदमी पार्टी से जुड़े विजय नायर के साथ अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, मूथा गौतम, अरुण रामचंद्र पिल्लई, कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. आरोपपत्र दायर होने से पहले विजय और अभिषेक को गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों पर सीबीआई ने आपराधिक साजिश रच कर नई आबकारी नीति से अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाया था. बाकी पांच आरोपियों को गिरफ्तार किए बिना आरोपपत्र दायर हुआ था.
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