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Electricity Rate increases: दिल्ली में 10 फीसदी महंगी होगी बिजली, आपके जेब पर बढ़ेगा बोझ या नहीं? पढ़ें - दिल्ली विद्युत नियामक आयोग

राजधानी दिल्ली में बिजली की दरों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. दरअसल, डीईआरसी ने पावर परचेज एग्रीमंट पर दर बढ़ाने को स्वीकृति दी है. इस पर अब दिल्ली सरकार अंतिम फैसला लेगी. अगर इसे मंजूरी दी जाती है तो करीब 10 फीसदी तक बिजली की दरों में इजाफा होगा.

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Published : Jun 26, 2023, 10:55 AM IST

Updated : Jun 27, 2023, 5:11 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में रहने वाले लोगों को आगामी दिनों में महंगाई का झटका लग सकता है. दिल्ली में बिजली 10 फीसदी महंगी हो सकती है. दरअसल, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने पावर परचेज एग्रीमेंट पर दर बढ़ाने को स्वीकृति प्रदान कर दी है. बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (बीएसईएस) ने पावर परचेज को लेकर डीईआरसी में अर्जी लगाई थी, जिसे मंजूरी मिल गई है.

हालांकि, इस पर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार लेगी. सरकार को फैसला लेना है कि ये बढ़ी हुई दर बिजली के बिलों में शामिल होगी या नही. इससे पहले भी जब पावर परचेज एग्रीमेंट की दर बढ़ी है तो सरकार ने इसका खर्च बिजली कंपनियों को खुद ही उठाने को कहा था. लोगों के बिलों में कोई अंतर नहीं आया था.

इन इलाकों में बिजली आपूर्ति करती है बीएसईएसः राजधानी के दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और दिल्ली के ट्रांस यमुना क्षेत्र में रहने वाले लोग बिजली बढ़ोतरी से प्रभावित होंगे. साथ ही एनडीएमसी यानी नई दिल्ली क्षेत्र पर भी इसका असर पड़ेगा. जो लोग बीवाईपीएल के जरिए बिजली ले रहे हैं, उन्हें 9.42 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ देना होगा.

AAP ने केंद्र पर फोड़ा ठिकरा.
AAP ने केंद्र पर फोड़ा ठिकरा.

वहीं, जो लोग बीआरपीएल उपभोक्ता हैं, उन्हें 6.39 फीसदी ज्यादा बिजली का बिल देना पड़ेगा. इसके अलावा जो लोग एनडीएमसी इलाकों में रह रहे हैं, उन्हें 2 फीसदी ही टैक्स चुकाना पड़ेगा. इन कंपनियों ने पिछले साल आयोग को लिखे एक पत्र में पीपीएसी में बढ़ोतरी की मांग की थी. दिल्ली में कुल बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 47 लाख के करीब है.

दिल्ली के जिन इलाकों में टीपीडीडीएल (टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड) बिजली दे रही है, उनको थोड़ी राहत मिली है. सबसे कम 1.49% की बढ़ोत्तरी की गई है. टाटा पावर डीडीएल के प्रवक्ता ने बताया कि 7 जून 2023 के नवीनतम आदेश के अनुसार पीपीएसी में 1.49% की वृद्धि की गई है. यह निर्णय मुख्य रूप से एमओपी निर्देशों के अनुसार आयातित कोयले के बढ़ते मिश्रण के कारण बिजली उत्पादन से जुड़ी बढ़ती लागत के जवाब में किया गया है.

आम आदमी के जेब पर नहीं पढ़ेगा बोझः दिल्ली सरकार की बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि दरों में बढ़ोत्तरी का उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. गर्मियों में बिजली की कीमतें बढ़ती हैं. पॉवर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट की वजह से बिजली शुल्क बढ़ा है. वैसे भी दिल्ली में यह सरचार्ज केंद्र सरकार की वजह से बढ़ा है. देश में कोयले का दाम बढ़ गया है. कोयले की कमी है, कोयला खरीदने वालों को 10 फीसदी महंगा इंपोर्टेंट कोयला ही खरीदना पड़ता है. बिजली के दाम केंद्र सरकार के मिसमैनेजमेंट की वजह से बढ़े हैं. केंद्र सरकार बताए कि कोयले की कमी कैसे हुई?

  • Delhi के उपभोगताओं को संदेश:

    ✅ जिनका 0️⃣ बिजली Bill आता रहा, वो आता रहेगा, चाहे Surcharge बढ़े

    लेकिन

    📈 बढ़ते बिजली दाम केंद्र सरकार की Mismanagement की वजह से है, क्योंकि कोयला महंगा हो गया है, पहली बार Artificial Shortage हो गई है

    जबरदस्ती 10% Imported कोयला खरीदना पड़ेगा,… pic.twitter.com/S0Oj0OKhXF

    — AAP (@AamAadmiParty) June 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

BJP ने केजरीवाल सरकार पर बोला हमलाः दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 22 जून को जब पूरी केजरीवाल सरकार खासकर बिजली मंत्री आतिशी डीईआरसी चेयरमैन की नियुक्ति पर शोर मचा रही थी. कह रही थीं कि केन्द्र अब दिल्ली में पावर टैरिफ बढ़वा देगा, बिजली सब्सिडी खत्म करवा देगा. ठीक उसी दिन उसी वक्त केजरीवाल सरकार के नियुक्त डीईआरसी सदस्य डॉ. डीके अमबभसत ने पावर डिस्कॉम में साझीदार निजी कम्पनियों की मांग पर टैरिफ वृद्धि का आदेश दे दिया. उन्होंने कहा कि डीईआरसी द्वारा दिल्ली में पावर डिस्कॉम को पावर टैरिफ वृद्धि करने की छूट देने के चार दिन बाद भी केजरीवाल सरकार की चुप्पी सरकार व डिस्कॉम की मिलीभगत की ओर इशारा करती है.

अरविंद केजरीवाल का दावा करते हैं कि दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन यह एक ढोंग है. इस भीषण गर्मी में दिल्ली में बिजली के दामों को बढ़ाया जा रहा है. बिजली कंपनियों के साथ मिलकर 10% रेट बढ़ाया जा रहा है. इससे पता चलता है कि इन्हें आने वाले चुनाव में पैसे की जरूरत है. आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की कोई चिंता नहीं है. दिल्ली उनके लिए दुधारू गाय हैं. यहां से पैसा वसूलिए और बाकी राज्यों में चुनाव लड़िए. -गौतम गंभीर, भाजपा सांसद

दिल्ली सरकार और बिजली कंपनी की मिलीभगत की वजह से दिल्ली की बिजली दरें बढ़ गई हैं. अरविंद केजरीवाल जी, बिजली कंपनी के साथ यह रिश्ता क्या कहलाता है? बड़ी बेशर्मी से आम आदमी पार्टी कह रही है कि हर साल PPAC की यह दरें गर्मी में बढ़ती है और सर्दी में कम हो जाती है. सच्चाई यह है इसकी दरें पिछले साल जून में 16 से 22 फीसदी बढ़ाई गई, जो अभी तक चल रही है. अब 22 से 29 फीसदी बढ़ाई जा रही है. वैसे केजरीवाल साहब आपने तो कहा था कि इन कंपनी का सीएजी ऑडिट करवाऊंगा, लेकिन आप न्यायालय में इनका ऑडिट करने के लिए गुहार नहीं कर रहे? और हां, सब्सिडी कंपनी को देने के बजाय डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए लोगों को क्यों नहीं दे रहे? - हरीश खुराना, प्रवक्ता, दिल्ली बीजेपी

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में बिजली सब्सिडी के लिए सहमति देनी होगी, नहीं तो पूरा बिल भरना पड़ेगा

नई दिल्ली: दिल्ली में रहने वाले लोगों को आगामी दिनों में महंगाई का झटका लग सकता है. दिल्ली में बिजली 10 फीसदी महंगी हो सकती है. दरअसल, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने पावर परचेज एग्रीमेंट पर दर बढ़ाने को स्वीकृति प्रदान कर दी है. बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (बीएसईएस) ने पावर परचेज को लेकर डीईआरसी में अर्जी लगाई थी, जिसे मंजूरी मिल गई है.

हालांकि, इस पर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार लेगी. सरकार को फैसला लेना है कि ये बढ़ी हुई दर बिजली के बिलों में शामिल होगी या नही. इससे पहले भी जब पावर परचेज एग्रीमेंट की दर बढ़ी है तो सरकार ने इसका खर्च बिजली कंपनियों को खुद ही उठाने को कहा था. लोगों के बिलों में कोई अंतर नहीं आया था.

इन इलाकों में बिजली आपूर्ति करती है बीएसईएसः राजधानी के दक्षिणी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और दिल्ली के ट्रांस यमुना क्षेत्र में रहने वाले लोग बिजली बढ़ोतरी से प्रभावित होंगे. साथ ही एनडीएमसी यानी नई दिल्ली क्षेत्र पर भी इसका असर पड़ेगा. जो लोग बीवाईपीएल के जरिए बिजली ले रहे हैं, उन्हें 9.42 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ देना होगा.

AAP ने केंद्र पर फोड़ा ठिकरा.
AAP ने केंद्र पर फोड़ा ठिकरा.

वहीं, जो लोग बीआरपीएल उपभोक्ता हैं, उन्हें 6.39 फीसदी ज्यादा बिजली का बिल देना पड़ेगा. इसके अलावा जो लोग एनडीएमसी इलाकों में रह रहे हैं, उन्हें 2 फीसदी ही टैक्स चुकाना पड़ेगा. इन कंपनियों ने पिछले साल आयोग को लिखे एक पत्र में पीपीएसी में बढ़ोतरी की मांग की थी. दिल्ली में कुल बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 47 लाख के करीब है.

दिल्ली के जिन इलाकों में टीपीडीडीएल (टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड) बिजली दे रही है, उनको थोड़ी राहत मिली है. सबसे कम 1.49% की बढ़ोत्तरी की गई है. टाटा पावर डीडीएल के प्रवक्ता ने बताया कि 7 जून 2023 के नवीनतम आदेश के अनुसार पीपीएसी में 1.49% की वृद्धि की गई है. यह निर्णय मुख्य रूप से एमओपी निर्देशों के अनुसार आयातित कोयले के बढ़ते मिश्रण के कारण बिजली उत्पादन से जुड़ी बढ़ती लागत के जवाब में किया गया है.

आम आदमी के जेब पर नहीं पढ़ेगा बोझः दिल्ली सरकार की बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि दरों में बढ़ोत्तरी का उपभोक्ताओं पर सीधा असर नहीं पड़ेगा. गर्मियों में बिजली की कीमतें बढ़ती हैं. पॉवर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट की वजह से बिजली शुल्क बढ़ा है. वैसे भी दिल्ली में यह सरचार्ज केंद्र सरकार की वजह से बढ़ा है. देश में कोयले का दाम बढ़ गया है. कोयले की कमी है, कोयला खरीदने वालों को 10 फीसदी महंगा इंपोर्टेंट कोयला ही खरीदना पड़ता है. बिजली के दाम केंद्र सरकार के मिसमैनेजमेंट की वजह से बढ़े हैं. केंद्र सरकार बताए कि कोयले की कमी कैसे हुई?

  • Delhi के उपभोगताओं को संदेश:

    ✅ जिनका 0️⃣ बिजली Bill आता रहा, वो आता रहेगा, चाहे Surcharge बढ़े

    लेकिन

    📈 बढ़ते बिजली दाम केंद्र सरकार की Mismanagement की वजह से है, क्योंकि कोयला महंगा हो गया है, पहली बार Artificial Shortage हो गई है

    जबरदस्ती 10% Imported कोयला खरीदना पड़ेगा,… pic.twitter.com/S0Oj0OKhXF

    — AAP (@AamAadmiParty) June 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

BJP ने केजरीवाल सरकार पर बोला हमलाः दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि 22 जून को जब पूरी केजरीवाल सरकार खासकर बिजली मंत्री आतिशी डीईआरसी चेयरमैन की नियुक्ति पर शोर मचा रही थी. कह रही थीं कि केन्द्र अब दिल्ली में पावर टैरिफ बढ़वा देगा, बिजली सब्सिडी खत्म करवा देगा. ठीक उसी दिन उसी वक्त केजरीवाल सरकार के नियुक्त डीईआरसी सदस्य डॉ. डीके अमबभसत ने पावर डिस्कॉम में साझीदार निजी कम्पनियों की मांग पर टैरिफ वृद्धि का आदेश दे दिया. उन्होंने कहा कि डीईआरसी द्वारा दिल्ली में पावर डिस्कॉम को पावर टैरिफ वृद्धि करने की छूट देने के चार दिन बाद भी केजरीवाल सरकार की चुप्पी सरकार व डिस्कॉम की मिलीभगत की ओर इशारा करती है.

अरविंद केजरीवाल का दावा करते हैं कि दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन यह एक ढोंग है. इस भीषण गर्मी में दिल्ली में बिजली के दामों को बढ़ाया जा रहा है. बिजली कंपनियों के साथ मिलकर 10% रेट बढ़ाया जा रहा है. इससे पता चलता है कि इन्हें आने वाले चुनाव में पैसे की जरूरत है. आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की कोई चिंता नहीं है. दिल्ली उनके लिए दुधारू गाय हैं. यहां से पैसा वसूलिए और बाकी राज्यों में चुनाव लड़िए. -गौतम गंभीर, भाजपा सांसद

दिल्ली सरकार और बिजली कंपनी की मिलीभगत की वजह से दिल्ली की बिजली दरें बढ़ गई हैं. अरविंद केजरीवाल जी, बिजली कंपनी के साथ यह रिश्ता क्या कहलाता है? बड़ी बेशर्मी से आम आदमी पार्टी कह रही है कि हर साल PPAC की यह दरें गर्मी में बढ़ती है और सर्दी में कम हो जाती है. सच्चाई यह है इसकी दरें पिछले साल जून में 16 से 22 फीसदी बढ़ाई गई, जो अभी तक चल रही है. अब 22 से 29 फीसदी बढ़ाई जा रही है. वैसे केजरीवाल साहब आपने तो कहा था कि इन कंपनी का सीएजी ऑडिट करवाऊंगा, लेकिन आप न्यायालय में इनका ऑडिट करने के लिए गुहार नहीं कर रहे? और हां, सब्सिडी कंपनी को देने के बजाय डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए लोगों को क्यों नहीं दे रहे? - हरीश खुराना, प्रवक्ता, दिल्ली बीजेपी

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में बिजली सब्सिडी के लिए सहमति देनी होगी, नहीं तो पूरा बिल भरना पड़ेगा

Last Updated : Jun 27, 2023, 5:11 PM IST
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