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दिल्ली: साल के अंत तक दौड़ती दिख सकती हैं इलेक्ट्रिक बसें

दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए महीने के अंत तक प्री बिड मीटिंग कर सकती है. राजधानी में साल के अंत तक इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना है.

इलेक्ट्रिक बस के लिए तैयार दिल्ली
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Published : May 20, 2019, 1:27 PM IST

Updated : May 20, 2019, 2:28 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार एक हज़ार इलेक्ट्रिक बसें जल्द खरीदने की तैयारी कर रही है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के अगले ही दिन परिवहन विभाग को इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए प्री बिड कॉन्फ्रेंस बुलाने को कहा है.

इलेक्ट्रिक बस के लिए तैयार दिल्ली

पहले प्री बिड मीटिंग के लिए 3 जून की तिथि तय की गई थी. जिसे बदलकर इसी महीने बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.

आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी बसे
इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी फोटोन समेत तीन कंपनियों ने दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों को लाने में रुचि दिखाई है. इलेक्ट्रिक बसें लाने वाली कंपनियां सीसीटीवी, ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन और पैनिक अलार्म से लैस होगी.

इलेक्ट्रिक बसों के लिए नहीं हैं पार्किंग सुविधा
इलेक्ट्रिक बसें करीब 12 मीटर लंबी होगी. परिवहन विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न मीटिंग में इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियों को शामिल किया जाएगा. बैठक के बाद टेंडर आवंटित करने की प्रक्रिया होगी.

दिल्ली सरकार के कैबिनेट की बैठक में 1000 वातानुकूलित लो-फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने को मंजूरी मिल चुकी है. स्कीम के तहत बसों के लिए टेंडर भी जारी किया गया है. दिल्ली सरकार के पास इलेक्ट्रिक बसों के लिए पर्याप्त पार्किंग नहीं है.

इलेक्ट्रिक बसें रखने के लिए डिपो का निर्माण किया जा रहा है. इस साल के अंत तक इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को सड़कों पर लाया जा सकेगा. इन बसों को 5 साल तक रोजाना 125 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा.

11 हजार बसों की है जरूरत
बता दें कि दिल्ली में चीन के बाद सबसे ज्यादा संख्या में इलेक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी. पीपीपी मॉडल में प्राइवेट कंपनियों को इलेक्ट्रिक बस लाने का मौका मिलेगा जिससे वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकेगा.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार एक हज़ार इलेक्ट्रिक बसें जल्द खरीदने की तैयारी कर रही है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के अगले ही दिन परिवहन विभाग को इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए प्री बिड कॉन्फ्रेंस बुलाने को कहा है.

इलेक्ट्रिक बस के लिए तैयार दिल्ली

पहले प्री बिड मीटिंग के लिए 3 जून की तिथि तय की गई थी. जिसे बदलकर इसी महीने बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.

आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी बसे
इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी फोटोन समेत तीन कंपनियों ने दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों को लाने में रुचि दिखाई है. इलेक्ट्रिक बसें लाने वाली कंपनियां सीसीटीवी, ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन और पैनिक अलार्म से लैस होगी.

इलेक्ट्रिक बसों के लिए नहीं हैं पार्किंग सुविधा
इलेक्ट्रिक बसें करीब 12 मीटर लंबी होगी. परिवहन विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न मीटिंग में इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियों को शामिल किया जाएगा. बैठक के बाद टेंडर आवंटित करने की प्रक्रिया होगी.

दिल्ली सरकार के कैबिनेट की बैठक में 1000 वातानुकूलित लो-फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने को मंजूरी मिल चुकी है. स्कीम के तहत बसों के लिए टेंडर भी जारी किया गया है. दिल्ली सरकार के पास इलेक्ट्रिक बसों के लिए पर्याप्त पार्किंग नहीं है.

इलेक्ट्रिक बसें रखने के लिए डिपो का निर्माण किया जा रहा है. इस साल के अंत तक इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को सड़कों पर लाया जा सकेगा. इन बसों को 5 साल तक रोजाना 125 किलोमीटर का रास्ता तय करना होगा.

11 हजार बसों की है जरूरत
बता दें कि दिल्ली में चीन के बाद सबसे ज्यादा संख्या में इलेक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी. पीपीपी मॉडल में प्राइवेट कंपनियों को इलेक्ट्रिक बस लाने का मौका मिलेगा जिससे वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकेगा.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली सरकार एक हज़ार इलेक्ट्रिक बसें जल्द खरीदने की तैयारी कर रही है. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के अगले ही दिन परिवहन विभाग को इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए प्री बिड कॉन्फ्रेंस बुलाने को कहा है. पहले प्री बिड मीटिंग के लिए 3 जून की तिथि तय की गई थी. जिसे बदलकर इसी महीने बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.


Body:इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनी फोटोन सहित तीन कंपनियों ने दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों को लाने में रुचि दिखाई है. इलेक्ट्रिक बसें लाने वाली कंपनियां सीसीटीवी, ऑटोमेटिक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन और पैनिक अलार्म से लैस कर यह बसें लाएंगे.

इलेक्ट्रिक बसें करीब 12 मीटर लंबी होंगी. परिवहन विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न मीटिंग में इलेक्ट्रिक बस निर्माता कंपनियों को शामिल किया जाएगा. बैठक के बाद टेंडर आवंटित करने की प्रक्रिया होगी. दिल्ली सरकार के कैबिनेट की बैठक में 1000 वातानुकूलित लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने को मंजूरी मिल चुकी है. स्कीम के तहत बसों के लिए टेंडर भी जारी किया गया है. दिल्ली सरकार के पास इलेक्ट्रिक बसों के लिए पर्याप्त पार्किंग नहीं है.

अब इलेक्ट्रिक बसें रखने के लिए डिपो का निर्माण किया जा रहा है. वर्ष 2019 के अंत तक इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को सड़कों पर लाया जा सकेगा. इन बसों को 5 साल तक रोजाना 125 किलोमीटर का पूरा करना होगा.



Conclusion:
बता दें कि राजधानी में चीन के बाद सबसे बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें इस वर्ष के अंत तक चलने लगेंगी. राजधानी में इस समय 11 हज़ार बसों की जरूरत है. लेकिन सड़कों पर इन दिनों तकरीबन पांच हज़ार बसें उपलब्ध हैं.पीपीपी मॉडल में प्राइवेट कंपनियों को इलेक्ट्रिक बसें लाने का मौका मिलेगा जिससे वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकेगा.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated : May 20, 2019, 2:28 PM IST
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