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MCD Election: चुनाव आयोग वोटरों को जागरूक करने में जुटा, फर्स्ट टाइम वोटर्स में है जबर्दस्त क्रेज - पहली बार मतदान करनेवाले युवाओं के बीच क्रेज

राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के मद्देनजर रविवार को वोटिंग होंगे. इस बार दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने मतदाताओं को अलग-अलग तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. वहीं चुनाव में पहली बार मतदान करनेवाले युवाओं में काफी क्रेज देखने को मिल रहा है.

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Published : Dec 3, 2022, 7:15 PM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के मद्देनजर रविवार को वोटिंग होंगे. इस बार दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने मतदाताओं को अलग-अलग तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. मतदाताओं को एफएम रेडियो, टीवी, पोस्टर बैनर और होर्डिंग के माध्यम से तो जागरूक किया ही जा रहा है. साथ ही साथ पोस्टर और नुक्कड़ नाटकों के जरिए भी इस बार चुनाव आयोग द्वारा लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं इस चुनाव में पहली बार मतदान करनेवाले युवाओं के बीच क्रेज देखा जा रहा है.

दिल्ली में पिछले तीन एमसीडी चुनावों में वोटिंग परसेंटेज काफी कम रहा है. पिछली बार 53.55% वोटिंग हुई थी. ऐसे में इस बार चुनाव आयोग का लक्ष्य वोटिंग परसेंटेज में सुधार करने साथ लोगों को जागरूक करने का भी है.

2007 के एमसीडी चुनाव में वोटिंग परसेंटेज महज 43.24 थी. 2012 में एमसीडी चुनाव के अंदर वोटिंग परसेंटेज 53.39 थी. वहीं 2017 में वोटिंग परसेंटेज 53.55 थी, जो दिल्ली में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत या उससे भी कम है. इसको ध्यान में रखते हुए इस बार चुनाव आयोग के द्वारा वोटिंग परसेंटेज को बढ़ाने के मद्देनजर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली एमसीडी में इस बार कुल 1 करोड़ 45 लाख 05 हजार तीन सौ बाइस लोग अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें 95 हजार 4 सौ 58 मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे.

एमसीडी चुनाव को लेकर फर्स्ट टाइम वोटर्स में है जबर्दस्त क्रेज

एमसीडी चुनाव को लेकर थीम सॉन्गः दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने विशेष तौर पर मीडिया कैंपेन भी लांच किया है. साथ ही इस बार अलग से थीम सॉन्ग भी चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया है, जिसे "लोकतंत्र का सम्मान करें हम, आओ मतदान करें हम" की संज्ञा दी गई है. साथ ही रेडियो एफएम के माध्यम से प्रचार करने के साथ जिंगल्स के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. टीवी पर चुनाव आयोग द्वारा विज्ञापन के माध्यम से लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके साथ ही ऑटो रिक्शा और डीटीसी बसों के पीछे स्टीकर लगाकर लोगों को मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

सोशल मीडिया का इस्तेमालः दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर होर्डिंग्स और यूनिपोल्स पर भी चुनाव आयोग द्वारा इस बार बड़े-बड़े पोस्टर बैनर लाकर जागरुकता फैलाया जा रहा है. मेट्रो स्टेशन और बस अड्डों पर विज्ञापन के साथ नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए गए हैं. इसके माध्यम से लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा प्रिंट मीडिया यानी अखबारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

वहीं, मशहूर कार्टूनिस्ट इरफान द्वारा बनाए गए कार्टूनों के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. इस सबके अलावा सोशल मीडिया पर भी इस बार चुनाव आयोग के द्वारा ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम हैंडल के माध्यम से लोगों को अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

महिलाओं के लिए 68 पिंक पोलिंग बूथः दिल्ली राज्य चुनाव आयोग द्वारा इस बार एमसीडी चुनाव के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में 68 मॉडल पोलिंग बूथ के साथ 68 पिंक पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जो पूरी तरीके से महिलाओं को डेडीकेटेड हैं.

इस सबके अलावा बुजुर्ग लोगों को घर से मतदान केंद्र तक लाने और ले जाने के लिए विशेष तौर पर पिक एंड ड्रॉप की सुविधा चुनाव आयोग द्वारा निःशुल्क दी जा रही है. वहीं छोटे बच्चों के लिए क्रच की सुविधा के साथ मतदान केंद्र पर पीने के पानी की व्यवस्था और अन्य सभी जरूरी सेवाओं को भी चुनाव आयोग के द्वारा मुहैया कराया जा रहा है.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजामः मतदान केंद्र पर मतदान करने आने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते विशेष तौर पर बड़ी संख्या में वॉलिंटियर्स की सुविधा भी नियुक्त की गई है. साथ ही व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. सुरक्षा के मद्देनजर भी इस बार दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के द्वारा पुख्ता इंतजाम किया गया है.

बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती किए जाने के साथ इस बार पोलिंग केंद्रों की निगरानी सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की सहायता से की जाएगी. इन सबके अलावा दिल्ली में इस बार एमसीडी चुनाव के अंदर सीएपीएफ की 170 कंपनियों की नियुक्ति की गई है.

वहीं, एमसीडी चुनाव को लेकर दिल्ली के फर्स्ट टाइम वोटर में काफी उत्साह है. ईटीवी भारत से बात करते हुए साउथ दिल्ली के पहली बार वोटर बनने जा रहे युवाओं ने बताया कि इस बार सबसे बड़ा मुद्दा कूड़े का पहाड़ तो है ही, लेकिन युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है सुविधा.

इसमें शिक्षा, चिकित्सा, टेक्नोलॉजी जैसे तमाम मुद्दे शामिल हैं. युवाओं का कहना है कि हमें अपना पार्षद ऐसा चाहिए जो हमारे बीच में रह रहे लोगों से कनेक्ट रहे. जब जरूरत हो तब आए, सुख दुख में साथ हो और इस बार हम उस पार्टी को वोट देंगे, जो हमें बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, हमारी एजुकेशन को लेकर ज्यादा ध्यान रखेगी.

उनका कहना है कि निगम चुनाव में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है. इन तमाम मुद्दों पर हम युवा वोट करने जा रहे हैं. खास बात यह है कि हम पहली बार वोटिंग करने जा रहे हैं तो काफी उत्साहित हैं. कल वोट देने जाएंगे और हमें खुशी हैं कि इस बार लोकतंत्र के महापर्व में हम हिस्सा ले रहे हैं और अपना मत देकर नगर निगम में सरकार चुने जा रहे हैं. बाइट नगर निगम चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रही युवाओं की.

ये भी पढ़ेंः MCD Election 2022: रविवार को तड़के तीन बजे से चलेंगी डीटीसी बसें, चार बजे से ही मेट्रो

इस बार नगर निगम चुनाव में लोगों के मुद्दे कई हैं. जैसे इलाके में साफ-सफाई सबसे बड़ा मुद्दा है. इसके साथ ही कूड़े का पहाड़, टूटी सड़कें, नालियों की सफाई, पेड़ों की कटाई जैसे तमाम बड़े-बड़े मुद्दे शामिल हैं. इस बार के चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है. इस चुनाव में कांग्रेस में वापसी को लेकर पूरी कोशिश में लगी हुई है.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के मद्देनजर रविवार को वोटिंग होंगे. इस बार दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने मतदाताओं को अलग-अलग तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. मतदाताओं को एफएम रेडियो, टीवी, पोस्टर बैनर और होर्डिंग के माध्यम से तो जागरूक किया ही जा रहा है. साथ ही साथ पोस्टर और नुक्कड़ नाटकों के जरिए भी इस बार चुनाव आयोग द्वारा लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं इस चुनाव में पहली बार मतदान करनेवाले युवाओं के बीच क्रेज देखा जा रहा है.

दिल्ली में पिछले तीन एमसीडी चुनावों में वोटिंग परसेंटेज काफी कम रहा है. पिछली बार 53.55% वोटिंग हुई थी. ऐसे में इस बार चुनाव आयोग का लक्ष्य वोटिंग परसेंटेज में सुधार करने साथ लोगों को जागरूक करने का भी है.

2007 के एमसीडी चुनाव में वोटिंग परसेंटेज महज 43.24 थी. 2012 में एमसीडी चुनाव के अंदर वोटिंग परसेंटेज 53.39 थी. वहीं 2017 में वोटिंग परसेंटेज 53.55 थी, जो दिल्ली में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत या उससे भी कम है. इसको ध्यान में रखते हुए इस बार चुनाव आयोग के द्वारा वोटिंग परसेंटेज को बढ़ाने के मद्देनजर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली एमसीडी में इस बार कुल 1 करोड़ 45 लाख 05 हजार तीन सौ बाइस लोग अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें 95 हजार 4 सौ 58 मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे.

एमसीडी चुनाव को लेकर फर्स्ट टाइम वोटर्स में है जबर्दस्त क्रेज

एमसीडी चुनाव को लेकर थीम सॉन्गः दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने विशेष तौर पर मीडिया कैंपेन भी लांच किया है. साथ ही इस बार अलग से थीम सॉन्ग भी चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया है, जिसे "लोकतंत्र का सम्मान करें हम, आओ मतदान करें हम" की संज्ञा दी गई है. साथ ही रेडियो एफएम के माध्यम से प्रचार करने के साथ जिंगल्स के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. टीवी पर चुनाव आयोग द्वारा विज्ञापन के माध्यम से लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके साथ ही ऑटो रिक्शा और डीटीसी बसों के पीछे स्टीकर लगाकर लोगों को मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

सोशल मीडिया का इस्तेमालः दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर होर्डिंग्स और यूनिपोल्स पर भी चुनाव आयोग द्वारा इस बार बड़े-बड़े पोस्टर बैनर लाकर जागरुकता फैलाया जा रहा है. मेट्रो स्टेशन और बस अड्डों पर विज्ञापन के साथ नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए गए हैं. इसके माध्यम से लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा प्रिंट मीडिया यानी अखबारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

वहीं, मशहूर कार्टूनिस्ट इरफान द्वारा बनाए गए कार्टूनों के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. इस सबके अलावा सोशल मीडिया पर भी इस बार चुनाव आयोग के द्वारा ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम हैंडल के माध्यम से लोगों को अपने वोट के अधिकार का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.

महिलाओं के लिए 68 पिंक पोलिंग बूथः दिल्ली राज्य चुनाव आयोग द्वारा इस बार एमसीडी चुनाव के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में 68 मॉडल पोलिंग बूथ के साथ 68 पिंक पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जो पूरी तरीके से महिलाओं को डेडीकेटेड हैं.

इस सबके अलावा बुजुर्ग लोगों को घर से मतदान केंद्र तक लाने और ले जाने के लिए विशेष तौर पर पिक एंड ड्रॉप की सुविधा चुनाव आयोग द्वारा निःशुल्क दी जा रही है. वहीं छोटे बच्चों के लिए क्रच की सुविधा के साथ मतदान केंद्र पर पीने के पानी की व्यवस्था और अन्य सभी जरूरी सेवाओं को भी चुनाव आयोग के द्वारा मुहैया कराया जा रहा है.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजामः मतदान केंद्र पर मतदान करने आने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते विशेष तौर पर बड़ी संख्या में वॉलिंटियर्स की सुविधा भी नियुक्त की गई है. साथ ही व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. सुरक्षा के मद्देनजर भी इस बार दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के द्वारा पुख्ता इंतजाम किया गया है.

बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती किए जाने के साथ इस बार पोलिंग केंद्रों की निगरानी सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की सहायता से की जाएगी. इन सबके अलावा दिल्ली में इस बार एमसीडी चुनाव के अंदर सीएपीएफ की 170 कंपनियों की नियुक्ति की गई है.

वहीं, एमसीडी चुनाव को लेकर दिल्ली के फर्स्ट टाइम वोटर में काफी उत्साह है. ईटीवी भारत से बात करते हुए साउथ दिल्ली के पहली बार वोटर बनने जा रहे युवाओं ने बताया कि इस बार सबसे बड़ा मुद्दा कूड़े का पहाड़ तो है ही, लेकिन युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है सुविधा.

इसमें शिक्षा, चिकित्सा, टेक्नोलॉजी जैसे तमाम मुद्दे शामिल हैं. युवाओं का कहना है कि हमें अपना पार्षद ऐसा चाहिए जो हमारे बीच में रह रहे लोगों से कनेक्ट रहे. जब जरूरत हो तब आए, सुख दुख में साथ हो और इस बार हम उस पार्टी को वोट देंगे, जो हमें बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, हमारी एजुकेशन को लेकर ज्यादा ध्यान रखेगी.

उनका कहना है कि निगम चुनाव में बेरोजगारी भी एक बड़ा मुद्दा है. इन तमाम मुद्दों पर हम युवा वोट करने जा रहे हैं. खास बात यह है कि हम पहली बार वोटिंग करने जा रहे हैं तो काफी उत्साहित हैं. कल वोट देने जाएंगे और हमें खुशी हैं कि इस बार लोकतंत्र के महापर्व में हम हिस्सा ले रहे हैं और अपना मत देकर नगर निगम में सरकार चुने जा रहे हैं. बाइट नगर निगम चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रही युवाओं की.

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इस बार नगर निगम चुनाव में लोगों के मुद्दे कई हैं. जैसे इलाके में साफ-सफाई सबसे बड़ा मुद्दा है. इसके साथ ही कूड़े का पहाड़, टूटी सड़कें, नालियों की सफाई, पेड़ों की कटाई जैसे तमाम बड़े-बड़े मुद्दे शामिल हैं. इस बार के चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है. इस चुनाव में कांग्रेस में वापसी को लेकर पूरी कोशिश में लगी हुई है.

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