नई दिल्लीः दिल्ली की साकेत कोर्ट ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल उन 8 विदेशी नागरिकों को अपने देश वापस जाने की अनुमति दे दी है, जिन्हें कोर्ट ने आरोपों से बरी कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज संदीप यादव ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वो विदेशी नागरिकों के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर को बंद करने की कार्रवाई जल्द करें.
तीस-तीस हजार मुचलका भरने का आदेश
कोर्ट ने 8 विदेशी नागरिकों को तीस-तीस हजार रुपये का मुचलका भरने का निर्देश दिया. कोर्ट ने सभी आरोपियों को निर्देश दिया कि वे भारत छोड़ने से पहले अपना नाम, फोन नंबर, ई-मेल एड्रेस और आवासीय पता जांच अधिकारी को उपलब्ध कराएं. कोर्ट ने इन आरोपियों को निर्देश दिया कि जांच अधिकारी जब भी उनसे कुछ पूछेंगे तो उसका वे जवाब देंगे. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को बरी करने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ दायर रिवीजन याचिका अगर मंजूर होती है, तो आरोपियों को कोर्ट की सुनवाई में शामिल होने के लिए भारत आना होगा.
अगस्त में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने बरी किया था
पिछले 24 अगस्त को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने इन आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में जो आरोप लगाए हैं, उसके पक्ष में कोई दस्तावेज नहीं हैं. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश को दिल्ली पुलिस ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है. इन आठ आरोपियों की ओर से वकील अशीमा मंडला और मंदाकिनी सिंह ने कहा था कि इन विदेशी नागरिकों को भले ही सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है. लेकिन उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा गया है.
उन्होंने इन आरोपियों के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर नोटिस को बंद करने का आग्रह किया ताकि वे अपने देश वापस लौट सकें. याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने 15 अक्टूबर के आदेश में कहा था कि जो विदेशी नागरिक अपने देश वापस जाना चाहते हैं, उन्हें कानून के मुताबिक वापस जाने की इजाजत दी जाए.