नई दिल्ली: भारत सरकार में शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि विषम परिस्थितियों में देश हित में निर्णय लेने का उदाहरण सरदार पटेल से बढ़ कर कोई और नहीं हो सकता. प्रधान दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से आह्वान किया कि सरदार पटेल की एकता मुहिम में जो काम हुआ है, दिल्ली विश्वविद्यालय उसे रिसर्च में लाए.
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा वाइस रीगल लॉज के निकट गांधी प्रतिमा के सामने सोमवार को राष्ट्रीय एकता दिवस पर यूनिटी रन का आयोजन किया गया. अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने की.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के 100 साल के इतिहास में पटेल पर बहुत काम हुआ होगा, लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव में उसे और प्रासंगिक रूप में रिसर्च में लाकर चर्चा में लाया जाए. सरदार वल्लभ भाई पटेल को स्मरण करते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि पटेल के कारण आज हमारा देश एकीकृत भारत के रूप में हमारे सामने है. 100 साल की आजादी की लड़ाई के उपरांत जब आजादी मिलने की आस जगी तो देश में राष्ट्रीय नेतृत्व के रूप में कई तरह की विचारधारा के लोग थे. उस दौर में सरदार पटेल की भूमिका बैलेंसिंग फैक्टर की रही है.
उन्होंने कहा कि देश को केवल राजनैतिक आजादी दिलवाना ही पटेल का दायित्व नहीं था, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोया. देश की राजनैतिक और सांस्कृतिक पहचान बनाने में पटेल का योगदान बहुत बड़ा है. मंत्री ने देश की सहकारिता की भूमिका में पटेल के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की. वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज देश 21 वीं सदी में जा रहा है, इस दौर में रोजगार, नियोजन व स्वरोजगार जैसी चुनौतियां सामने हैं. उन्होंने देश के पढे़-लिखे लोगों और शासन के काम में लगे लोगों से कहा कि उनका दायित्व बनता है कि समाज के लिए सम्मानजनक जीवन जीने के अवसर पैदा करें. मंत्री ने नई पीढ़ी से भी आह्वान किया कि वे पटेल से प्रेरणा लें.
पुस्तकों का किया जिक्र: कुलपति
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि हमें आज राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का सौभाग्य इसलिए मिला कि भारत सरकार ने 2014 में यह तय किया था कि पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस की रूप में मनाया जाएगा. वैसे तो भारत के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के बहुत से योगदान रहे हैं, लेकिन आज जिस एकीकृत रूप में भारत दिखता है, उसमें उनका बहुत बड़ा योगदान है. इस अवसर पर कुलपति ने वीपी मेनन द्वारा सरदार पटेल पर लिखी गई दो पुस्तकों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें सबको पढ़ना चाहिए ताकि पता चल सके कि उस दौर में कैसी परिस्थितियों में यह देश एकता के सूत्र में पिरोया गया था.
लोगों ने शपथ लीः इस दौरान लोगों ने राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करने की शपथ भी ली. कार्यक्रम के पश्चात गांधी प्रतिमा के सामने से यूनिटी रन का आयोजन किया गया, जो विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक से स्टेडियम तक होते हुए वापस गांधी प्रतिमा के सामने सम्पन्न हुई.
कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार में शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता कैबिनेट मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह, डीन ऑफ कॉलेजज प्रो. बलराम पाणी, साउथ कैंपस के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, प्रोक्टर रजनी अब्बी और रजिस्ट्रार विकास गुप्ता सहित व्यक्ति एवं केन्द्रीय विद्यालय, विभिन्न सीबीएससी स्कूलों और दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेकों विद्यार्थी उपस्थित रहे.