नई दिल्ली: 16 सितंबर यानी शनिवार को इंडिया एंटरनेशल सेंटर में 'एडु कॉन्क्लेव 2023' का आयोजन किया गया. जिसमें नई शिक्षा नीति, विद्यालय की बदलती भूमिका, मूल्यांकन प्रक्रिया और शिक्षा के प्रति मानसिकता में बदलाव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रसिद्ध शिक्षाविदों ने चर्चा की .इस कॉन्क्लेव में 150 स्कूलों के प्रधानाचार्यों और अध्यापकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रज्ञा एम. सिंह, डायरेक्टर, एकेडमिक-असेसमेंट, CBSE ने NEP 2020 के विषय में लोगों की जिज्ञासाओं को दूर किया.
इसके बाद डॉ. अमीता मुल्ला वट्टल एनपीएससी की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक ने विद्यालय की बदलती भूमिका की आवश्यकता एवं महत्व के संदर्भ में चर्चा की. रामजस इंटरनेशनल स्कूल की डायरेक्टर रचना पंत ने बताया कि यहां पर विभिन्न स्कूलों के शिक्षक पहुंचे और नई एजुकेशन पॉलिसी को लेकर बात कही गई. छात्रों के सामने मूल्यांकन पर बात करते हुए CBSE की 'निपुण भारत' पहल के बारे बताया गया और अपनी मानसिकता को वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार बदलने की जरूरत पर चर्चा की गई.
विद्यालय की डायरेक्टर रचना पंत ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एक्टिविटी बेस्ड लार्निंग को महत्त्वपूर्ण बताया. साथ ही यह भी कहा कि यहां पर दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न स्कूलों से प्रधानाचार्यों और अध्यापकों को आमंत्रित किया गया है और वे निश्चय ही यहां हुई चर्चा का लाभ उठाएंगे. रामजस इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल रिचा शर्मा ने बताया कि पैनल चर्चा में विभिन्न स्कूलों से आए हुए छात्रों के बीच 'कक्षा के रचनात्मक बदलाव का छात्रों पर होने वाले प्रभाव' विषय पर चर्चा हुई, जिसमें छात्रों ने काफी उत्साहपूर्वक भाग लिया. कॉन्क्लेव के अंत में प्रधानाचार्य रिचा शर्मा ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और स्पॉन्सर्स एजुकेशनल इनीशिएटिव्स, यूफेस लर्निंग, जैमिट को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कांक्लेव एक बेहतर मंच है, जहां पर हम छात्रों और अध्यापकों की समस्याओं का समाधान कर सके और एन. ई. पी.के विविध पहलुओं पर विचार विमर्श कर सके.
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