नई दिल्ली: फर्जी दस्तावेज पर एनबीएफसी से लगभग 4 करोड़ का लोन लेकर फरार हुए आरोपी को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपी आशीष बीते छह साल से फरार चल रहा था. उसने दो अन्य बैंक में भी प्रॉपर्टी गिरवी रखकर 12 करोड़ रुपये का लोन लिया था. उससे पूरे फर्जीवाड़े को लेकर पूछताछ की जा रही है.
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार रेलिगरे फिनवेस्ट लिमिटेड के अधिकारी मुकेश कुमार ने शिकायत कर बताया कि आशीष गुप्ता ने 2.90 करोड़ और 86 लाख रुपये के दो लोन लिए थे. इसके लिए उसने पीतमपुरा की एक प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेज जमा करवाये. वहीं कुछ समय बाद उसने बिना उन्हें बताए ये प्रॉपर्टी बेच दी.
उन्हें पता चला कि आरोपी ने दो बैंक से लगभग 12 करोड़ रुपये का लोन ले रखा था. इसकी किश्त 7-8 लाख रुपये महीना जाती थी. ये रकम चुकाने में वो सक्षम नहीं था. इसलिए उसने आरएफएल से लोन लिया था. ये प्रॉपर्टी उसने जिस शख्स को बेची उसने बैंक का लोन चुकाया. वहीं आरोपी दिल्ली छोड़कर फरार हो गया.
6 साल बाद हुई गिरफ्तारी
रानी बाग थाने में 2014 में मामला दर्ज किया गया था. 2020 में इसे आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर किया गया. जांच में पता चला कि आरोपी ने पीतमपुरा की प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर कनॉट प्लेस स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक से 6 करोड़ रुपये का लोन लिया था.
वहीं बहादुरगढ़ की एक प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर शालीमार बाग स्थित पीएनबी से 6 करोड़ का लोन लिया था. इस मामले में एसीपी अमरदीप सहगल की देखरेख में इंस्पेक्टर नितिन और एसआई भारत की टीम ने छापा मारकर आशीष गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के खिलाफ पहले भी एक मामला 2011 में दर्ज हुआ था.