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दिल्ली सरकार ने 6 कॉलेजों का किया ग्रांट जारी, DUTA ने कहा- सरकार कर रही भेदभाव

दिल्ली सरकार के जरिए डीयू के 12 सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों के सामने 5 महीने से फंड की समस्या देखने को मिल रही है. इनमें से 6 कॉलेजों का फंड जारी हो गया है. वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने फंड को नाकाफी बताया.

DUTA said delhi govt done discrimination in issuing grant to 6 colleges
DUTA ने कॉलेजों को ग्रांट को लेकर कहा सरकार कर रही भेदभाव
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Published : Sep 23, 2020, 12:38 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में दिल्ली सरकार के द्वारा 12 सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेज है. इन कॉलेजों में पिछले करीब 5 महीने से फंड की समस्या की वजह से शिक्षकों और कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल रही है. वहीं दिल्ली सरकार ने इनमें से 6 कॉलेजों का फंड जारी कर दिया है, लेकिन अभी भी इन 6 कॉलेजों को फंड मिलने का इंतजार है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पदाधिकारियों ने फंड को नाकाफी बताया और कहा कि सरकार कॉलेजों के साथ भेदभाव कर रही है.

DUTA ने कॉलेजों को ग्रांट जारी करने को लेकर कहा सरकार कर रही भेदभाव

6 कॉलेजों को मिला 32.1 करोड़ रुपये

बता दें कि इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स एंड साइंस को 4 करोड़, शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस फॉर वूमेन को 4.65 करोड़, महाराजा अग्रसेन कॉलेज को 5.80 करोड़, बीआर अंबेडकर कॉलेज को 6.35 करोड़, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस को 4.50 करोड़ और आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज को 6.8 करोड़ रुपये का फंड मिला है. बता दें कि कुछ दिन पहले भी इन कॉलेजों को फंड मिला था.

इन कॉलेजों को नहीं मिला फंड

दिल्ली सरकार के द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों जिनमें अभी भी फंड मिलने का इंतजार है. उनमें शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, केशव महाविद्यालय, आदिति महाविद्यालय और महर्षी वाल्मिकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन शामिल हैं.

सरकार के व्यवहार को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि जो फंड जारी किया गया है वह अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से केवल छह कॉलेजों का कुछ फंड ही जारी किया गया है. अभी 6 और कॉलेजों को फंड का इंतजार है. साथ ही कहा कि सरकार का कॉलेजों के प्रति यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. एक तरफ तो सरकार कहती है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर बेहतर कार्य कर रहे हैं, लेकिन उच्च शिक्षा में सरकार का व्यवहार कुछ और ही तस्वीर दिखाता है.

जल्द सभी कॉलेजों को सरकार दे पूरा फंड

वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा किस्तों में जो कॉलेजों को फंड दिया जा रहा है. वह किसी तरह से भी न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि जो 6 कॉलेजों को फंड मिला भी है वह अपर्याप्त है जबकि अभी भी 6 कॉलेजों को फंड की दरकार है. साथ ही दिल्ली सरकार से मांग की कि तत्काल प्रभाव से वह 12 कॉलेजों का 100 फीसदी फंड बिना किसी कटौती के जारी करें, जिससे कि कर्मचारियों शिक्षकों और कॉलेज संचालन में आ रही परेशानी को दूर किया जा सके. बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में पिछले करीब 5 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में दिल्ली सरकार के द्वारा 12 सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेज है. इन कॉलेजों में पिछले करीब 5 महीने से फंड की समस्या की वजह से शिक्षकों और कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल रही है. वहीं दिल्ली सरकार ने इनमें से 6 कॉलेजों का फंड जारी कर दिया है, लेकिन अभी भी इन 6 कॉलेजों को फंड मिलने का इंतजार है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के पदाधिकारियों ने फंड को नाकाफी बताया और कहा कि सरकार कॉलेजों के साथ भेदभाव कर रही है.

DUTA ने कॉलेजों को ग्रांट जारी करने को लेकर कहा सरकार कर रही भेदभाव

6 कॉलेजों को मिला 32.1 करोड़ रुपये

बता दें कि इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स एंड साइंस को 4 करोड़, शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस फॉर वूमेन को 4.65 करोड़, महाराजा अग्रसेन कॉलेज को 5.80 करोड़, बीआर अंबेडकर कॉलेज को 6.35 करोड़, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस को 4.50 करोड़ और आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज को 6.8 करोड़ रुपये का फंड मिला है. बता दें कि कुछ दिन पहले भी इन कॉलेजों को फंड मिला था.

इन कॉलेजों को नहीं मिला फंड

दिल्ली सरकार के द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों जिनमें अभी भी फंड मिलने का इंतजार है. उनमें शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, केशव महाविद्यालय, आदिति महाविद्यालय और महर्षी वाल्मिकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन शामिल हैं.

सरकार के व्यवहार को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि जो फंड जारी किया गया है वह अपर्याप्त है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से केवल छह कॉलेजों का कुछ फंड ही जारी किया गया है. अभी 6 और कॉलेजों को फंड का इंतजार है. साथ ही कहा कि सरकार का कॉलेजों के प्रति यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है. एक तरफ तो सरकार कहती है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर बेहतर कार्य कर रहे हैं, लेकिन उच्च शिक्षा में सरकार का व्यवहार कुछ और ही तस्वीर दिखाता है.

जल्द सभी कॉलेजों को सरकार दे पूरा फंड

वहीं एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर राजेश झा ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा किस्तों में जो कॉलेजों को फंड दिया जा रहा है. वह किसी तरह से भी न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि जो 6 कॉलेजों को फंड मिला भी है वह अपर्याप्त है जबकि अभी भी 6 कॉलेजों को फंड की दरकार है. साथ ही दिल्ली सरकार से मांग की कि तत्काल प्रभाव से वह 12 कॉलेजों का 100 फीसदी फंड बिना किसी कटौती के जारी करें, जिससे कि कर्मचारियों शिक्षकों और कॉलेज संचालन में आ रही परेशानी को दूर किया जा सके. बता दें कि दिल्ली सरकार द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में पिछले करीब 5 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है.

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