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दिल्ली सरकार ने 4 कॉलेजों को जारी किए 20 करोड़ रुपये, DUTA ने उठाया सवाल - दिल्ली सौ फीसदी वित्त पोषित 12 कॉलेजों

दिल्ली सरकार के द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित 12 कॉलेजों में फंड जारी होने के विवाद दिल्ली विश्वविद्यालय में कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार ने चार कॉलेजों को फंड करीब 20 करोड़ रुपये आवंटित किया गया. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) की कोषाध्यक्ष प्रो. आभा देव हबीब का इस मामले पर क्या कहना है. पढ़ें...

DUTA raise question against granting funds 20 crores to 4 colleges by delhi government
DUTA ने कॉलेजों को फंड देने पर सरकार पर उठाया सवाल
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Published : Nov 10, 2020, 11:45 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित 12 कॉलेजों में फंड को लेकर मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी दौरान दिल्ली सरकार द्वारा चार कॉलेजों को बतौर फंड करीब 20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि यह फंड नेट डेफिसिट के आधार पर जारी किया गया है, जिससे कॉलेजों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के डीडीयू, केएमवी और महर्षी वाल्मिकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन अभी भी फंड रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं.

DUTA ने कॉलेजों को फंड देने पर सरकार पर उठाया सवाल

इन कॉलेजों को मिला फंड

बता दें कि दिल्ली सरकार ने डीयू के चार कॉलेजों, आदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज और डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज को बतौर फंड करीब 20 करोड़ जारी किया है. सरकार द्वारा दिए गए सैंक्शन ऑर्डर के तहत आदिति महाविद्यालय को सिक्स 6.46 करोड़, भगिनी निवेदिता कॉलेज को 7.70 करोड शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को 5.24 करोड़ प्राप्त हुए हैं और कॉलेजों को सख्त निर्देश है कि इस फंड से कर्मचारियों का वेतन दिया जाए.

नेट डेफिसिट के आधार पर जारी होगा फंड

गौरतलब है कि सरकार द्वारा जारी की गए ग्रांट इन एड ऑर्डर में स्पष्ट किया गया है कि अब दिल्ली सरकार नेट डेफिसिट के आधार पर ही फंड जारी करेगी. जिसके तहत विभिन्न स्रोतों से इकट्ठा हुई कुल रेवेन्यू का टोटल खर्चा के साथ ऋण करने पर जितना भी अमाउंट आएगा, वह दिल्ली सरकार वहन करेगी. साथ ही कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में अपनी मनमानी करते हुए जो घोस्ट पोस्ट क्रिएट की है. जिसके लिए कभी सरकार से परमिशन नहीं दी गई है. उन पोस्ट के लिए सैलरी दिल्ली सरकार नहीं देगी.

'शिक्षा मंत्री का बयान निराशाजनक और निंदनीय'

वहीं इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की कोषाध्यक्ष प्रो. आभा देव हबीब का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों कॉलेजों में धांधली को लेकर जो बयान दिया है, वह बेहद निराशाजनक और निंदनीय है. उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री को घोस्ट शिक्षक के रूप में अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किए जाने का अंदेशा है, तो वह कॉलेजों में टीचर स्टूडेंट्स रेश्यो की पहले जांच करें और फिर मुआयना करके देखें. यह क्या सचमुच छात्रों के अनुपात में शिक्षक ज्यादा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के समय से फंड जारी ना किए जाने के चलते इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों और शिक्षकों को खासी परेशानी हो रही है और यह कॉलेज के शिक्षकों के साथ सरासर अन्याय है. उन्होंने कहा कि फिर भी कर्मचारी कर्तव्यनिष्ठ है कि महामारी के इस दौर में भी वेतन ना मिलने के बाद एडमिशन और ऑनलाइन जैसे सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं.

जारी फंड अपर्याप्त, जल्द जारी हो पूरा फंड

वहीं प्रो. आभा देव हबीब ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो फंड जारी किया है, वह भी अपर्याप्त है. साथ ही कहा कि जिन कॉलेजों में अभी फंड जारी नहीं हुआ, उनका फंड भी जारी किया जाए. साथ ही मांग की कि शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों को लेकर जो बयान दिया, उसे भी वापस ले. बता दें कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 6 नवंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में फंड की धांधली का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि सरकार की अनुमति बिना ही फर्जी तरीके से शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. जिसके लिए कॉलेज प्रशासन अब फंड मांग रहा है.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली सरकार के द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित 12 कॉलेजों में फंड को लेकर मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी दौरान दिल्ली सरकार द्वारा चार कॉलेजों को बतौर फंड करीब 20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि यह फंड नेट डेफिसिट के आधार पर जारी किया गया है, जिससे कॉलेजों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के डीडीयू, केएमवी और महर्षी वाल्मिकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन अभी भी फंड रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं.

DUTA ने कॉलेजों को फंड देने पर सरकार पर उठाया सवाल

इन कॉलेजों को मिला फंड

बता दें कि दिल्ली सरकार ने डीयू के चार कॉलेजों, आदिति महाविद्यालय, भगिनी निवेदिता कॉलेज, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज और डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज को बतौर फंड करीब 20 करोड़ जारी किया है. सरकार द्वारा दिए गए सैंक्शन ऑर्डर के तहत आदिति महाविद्यालय को सिक्स 6.46 करोड़, भगिनी निवेदिता कॉलेज को 7.70 करोड शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज को 5.24 करोड़ प्राप्त हुए हैं और कॉलेजों को सख्त निर्देश है कि इस फंड से कर्मचारियों का वेतन दिया जाए.

नेट डेफिसिट के आधार पर जारी होगा फंड

गौरतलब है कि सरकार द्वारा जारी की गए ग्रांट इन एड ऑर्डर में स्पष्ट किया गया है कि अब दिल्ली सरकार नेट डेफिसिट के आधार पर ही फंड जारी करेगी. जिसके तहत विभिन्न स्रोतों से इकट्ठा हुई कुल रेवेन्यू का टोटल खर्चा के साथ ऋण करने पर जितना भी अमाउंट आएगा, वह दिल्ली सरकार वहन करेगी. साथ ही कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में अपनी मनमानी करते हुए जो घोस्ट पोस्ट क्रिएट की है. जिसके लिए कभी सरकार से परमिशन नहीं दी गई है. उन पोस्ट के लिए सैलरी दिल्ली सरकार नहीं देगी.

'शिक्षा मंत्री का बयान निराशाजनक और निंदनीय'

वहीं इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की कोषाध्यक्ष प्रो. आभा देव हबीब का कहना है कि दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों कॉलेजों में धांधली को लेकर जो बयान दिया है, वह बेहद निराशाजनक और निंदनीय है. उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा मंत्री को घोस्ट शिक्षक के रूप में अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किए जाने का अंदेशा है, तो वह कॉलेजों में टीचर स्टूडेंट्स रेश्यो की पहले जांच करें और फिर मुआयना करके देखें. यह क्या सचमुच छात्रों के अनुपात में शिक्षक ज्यादा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के समय से फंड जारी ना किए जाने के चलते इन कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारियों और शिक्षकों को खासी परेशानी हो रही है और यह कॉलेज के शिक्षकों के साथ सरासर अन्याय है. उन्होंने कहा कि फिर भी कर्मचारी कर्तव्यनिष्ठ है कि महामारी के इस दौर में भी वेतन ना मिलने के बाद एडमिशन और ऑनलाइन जैसे सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं.

जारी फंड अपर्याप्त, जल्द जारी हो पूरा फंड

वहीं प्रो. आभा देव हबीब ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो फंड जारी किया है, वह भी अपर्याप्त है. साथ ही कहा कि जिन कॉलेजों में अभी फंड जारी नहीं हुआ, उनका फंड भी जारी किया जाए. साथ ही मांग की कि शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों को लेकर जो बयान दिया, उसे भी वापस ले. बता दें कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 6 नवंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली सरकार द्वारा 100 फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में फंड की धांधली का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि सरकार की अनुमति बिना ही फर्जी तरीके से शिक्षक नियुक्त किए गए हैं. जिसके लिए कॉलेज प्रशासन अब फंड मांग रहा है.

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