नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi university) से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज (Vivekananda College) में एडहॉक शिक्षकों (Adhoc teachers) की रिज्वाइनिंग को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) (DUTA) के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रिंसिपल को हटाने की मांग को शिक्षकों ने ऑनलाइन प्रदर्शन (Online protest) किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से न्याय की मांग की.
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एडहॉक शिक्षकों की रिज्वाइनिंग की मांग
इस पूरे मामले को लेकर डूटा उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि विवेकानंद कॉलेज में एडहॉक शिक्षकों की रिज्वाइनिंग को लेकर गवर्निंग बॉडी की पिछले दिनों हुई मीटिंग में प्रिंसिपल को छोड़कर सभी सदस्यों ने एकमत से रिज्वाइनिंग कराने का फैसला ले लिया था. फैसले के एक सप्ताह बाद भी अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि प्रिंसिपल तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में किसी भी शिक्षक को हटाना अमानवीय है. साथ ही कहा कि इनमें से कुछ शिक्षक कोरोना का भी शिकार हुए हैं. वहीं, डूटा के संयुक्त सचिव प्रोफेसर प्रेमचंद ने डीयू के कुलपति और गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन से आग्रह करते हुए कहा कि इस महामारी में किसी भी शिक्षक को हटाना अमानवीय है.