नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि निगम शाषित स्कूल के एक शिक्षक सिद्धनाथ सिंह ने वेतन न मिलने के कारण अब राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी के काल में पहले ही स्थिति इतनी गंभीर बनी हुई है और उस पर नगर निगम ने लगभग पिछले 5 महीने से अध्यापकों का वेतन नहीं दिया है. अब स्थिति यह हो गई है कि या तो वह भीख मांग कर अपने परिवार का पेट पालें या उन्हें आत्महत्या करने की अनुमति दी जाए.
'कोर्ट में नहीं किया 13 हजार करोड़ का जिक्र'
दुर्गेश पाठक ने कहा कि इससे ज्यादा दयनीय स्थिति शायद ही किसी सरकारी विभाग की होगी. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को पैसे न दे पाने के लिए ये 13 हजार करोड़ बकाए का बहाना करते हैं, लेकिन कोर्ट में यह बात नहीं बोल पाते हैं. दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा के इसी झूठ के चलते सफाई कर्मचारियों का एक यूनियन इस मुद्दे को लेकर कोर्ट में पहुंच गया है. इस मामले के संबंध में कोर्ट के 5 नवंबर और 16 दिसंबर के दो अलग-अलग आदेशों की कॉपी दिखाते हुए दुर्गेश पाठक ने बताया कि इन दोनों आदेशों में कहीं पर भी नहीं लिखा हुआ है कि दिल्ली सरकार पर नगर निगम का एक भी रुपया बकाया है.
'बदनाम करने के लिए बैठे धरने पर'
दुर्गेश पाठक ने कहा कि न केवल कोर्ट ने बल्कि नगर निगम के वकीलों ने भी पूरे मामले में कहीं पर भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि नगर निगम को दिल्ली सरकार से 13 हजार करोड रुपए लेने हैं. दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोर्ट के आदेशों से यह साबित हो जाता है कि मुख्यमंत्री के घर के बाहर भाजपा के मेयर और निगम पार्षदों का धरना और पूरी दिल्ली में जगह-जगह लगे होर्डिंग केवल दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा यह सब केवल इसलिए कर रही है ताकि जनता उनसे नगर निगम में हुए 2500 करोड रुपए के गबन पर प्रश्न ना पूछे.
'भाजपा के साथ कांग्रेस पर भी निशाना'
भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस को भी दुर्गेश पाठक ने निशाने पर लिया. दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा किए गए 2500 करोड़ रुपए के गबन के मामले को हम सड़क से लेकर संसद तक हर पटल पर उठा रहे हैं. लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं बोला है. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के लोगों से पूछना चाहता हूं कि आखिर भाजपा के साथ ऐसा क्या गठबंधन हुआ है, क्या भाजपा ने कांग्रेस के लोगों को खरीद लिया है, जिसके कारण वह भाजपा के भ्रष्टाचार पर एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे हैं.
'निगम पर काम न करने का आरोप'
इधर, सीएम आवास पर चल रहा निगम नेताओं का धरना अब समाप्त हो चुका है. इस मामले को लेकर जारी बयान में दुर्गेश पाठक ने कहा है कि सीएम के घर के बाहर धरने पर बैठे भाजपा के नेता सिर्फ ड्रामा कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि कल लंच करके ये लोग अनशन पर बैठे थे और 24 घंटे भी नहीं हुए और इन लोगों की तबीयत भी खराब होने लग गई. दुर्गेश पाठक ने निगम पर काम न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 दिन से इन्होंने एमसीडी बंद कर रखी है, क्योंकि इनके नेता सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं. दुर्गेश पाठक ने कहा है कि ढाई हजार करोड़ रुपए के घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए ये लोग नौटंकी कर रहे थे.