नई दिल्ली: बजट में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के ऊपर सेस कर लगाने का निर्णय लिया था. इससे पूरे देश में पेट्रोल 2 रुपये 50 पैसे और डीजल 2 रुपये 30 पैसे महंगा हो गया. जिसका व्यापारी वर्ग ने विरोध किया है
अभी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हुए 5 दिन ही हुए हैं लेकिन इसका असर बाजार पर दिखने लगा है. सभी प्रकार की सब्जियों के साथ-साथ फल भी अब महंगे होने लगे हैं.
आम लोगों पर पड़ रहा है असर
ईटीवी भारत ने आजादपुर मंडी का दौरा किया. यहां ईटीवी भारत ने जानने कि कोशिश की कि आखिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से व्यापारी और आम लोगों पर कितना असर पड़ा है.
आजादपुर मंडी के अंदर फलों के व्यापारियों ने बताया कि मंडी में दामों के अंदर इसलिए वृद्धि हो रही है, क्योंकि सीधे तौर पर माल की ढुलाई महंगी हो गई है. अब माल की ढुलाई में 5 से 10 हजार तक का फर्क पड़ रहा है, जिसकी वजह से फलों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं.
महंगाई बढ़ने से लोग परेशान
व्यापारियों ने बातचीत में कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से ना सिर्फ हमारी जेब पर फर्क पड़ेगा बल्कि आम आदमी की जेब भी ज्यादा ढीली होगी. जब माल को मंडी लाने की लागत ज्यादा होगी तो महंगाई बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे में महंगाई की मार से दो लोगों को सबसे ज्यादा फर्क पड़ेगा, एक किसान और दूसरा आम आदमी.
व्यापारियों ने कहा कि पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने से फल की बिक्री में भी 20 से 30 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. पेट्रोल डीजल के दाम 10-10 पैसे करके कम होते हैं तो बढ़ाने भी उसी हिसाब से चाहिए. सीधे-सीधे ढाई रुपए बढ़ाना व्यापारियों के साथ नाइंसाफी है और इसे कम करना चाहिए.