नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय(Delhi University) से संबद्ध विवेकानंद कॉलेज (Vivekananda College) में एडहॉक शिक्षकों(Adhoc teachers) की जॉइनिंग को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ(Delhi University Teachers Association) के नेतृत्व में शिक्षकों ने ऑनलाइन विरोध प्रदर्शन(online protest) किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने विवेकानंद कॉलेज के प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से हटाने और एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग की मांग की.
एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग का विवाद जारी
वहीं इस विरोध प्रदर्शन को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) के उपाध्यक्ष डॉ. आलोक रंजन पांडे ने बताया कि विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि गवर्निंग बॉडी(governing body) के सदस्यों ने एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग की मंजूरी दे दी, लेकिन कॉलेज प्रिंसिपल ने अभी तक शिक्षकों को जॉइनिंग नहीं दी है.
वहीं उन्होंने दिल्ली सरकार(Delhi Government) से इस पूरे मामले में जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की है. साथ ही 5 दिसंबर 2019 शिक्षा मंत्रालय(Ministry of Education) के आदेश का भी हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि जब तक स्थाई नियुक्ति ना हो जाए, तब तक किसी भी एडहॉक शिक्षक को नहीं हटाया जा सकता है. इसी आदेश का हवाला देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(CM Arvind kejriwal) से विवेकानंद कॉलेज में चल रहे विवाद को जल्द सुलझाने और 12 शिक्षकों की जॉइनिंग कराने के निर्देश देने की मांग की है. मालूम हो कि विवेकानंद कॉलेज दिल्ली सरकार के द्वारा आंशिक अनुदान प्राप्त कॉलेज है.
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बता दें कि दो सप्ताह पहले गवर्निंग बॉडी ने प्रिंसिपल को छोड़ सभी सदस्यों ने एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग की मंजूरी दे दी थी. वहीं विवेकानंद कॉलेज में एडहॉक शिक्षकों की जॉइनिंग को लेकर चल रहा शिक्षकों का ऑनलाइन विरोध प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहेगा.