नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दिल्ली सरकार के द्वारा सौ फीसदी वित्त पोषित कॉलेजों में फंड को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव रे ने कहा कि कई कॉलेजों में 5 माह हो गए हैं, कर्मचारियों और शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि समय पर फंड जारी न करना दिल्ली सरकार की जैसे आदत बन गई है. वहीं उन्होंने दिल्ली सरकार को चेतावनी दी और कहा कि अगर आने वाले सप्ताह में दिल्ली सरकार ने फंड जारी नहीं किया, तो डूटा को मजबूरन कड़े कदम उठाने होंगे.
'फंड नहीं होने की वजह से शिक्षकों को नहीं मिल पा रही सैलरी'
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव ने कहा कि जब फंड को लेकर आवाज उठाई जाती है, तब जाकर दिल्ली सरकार की नींद खुलती है और कुछ फंड जारी कर दिया जाता है और उसके बाद फिर वही हालात हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में 4 से 5 माह शिक्षकों और कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है. साथ ही फंड नहीं होने की वजह से कॉलेज का अन्य कार्य भी ठप पड़ा है.
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दिल्ली सरकार को दी चेतावनी
वहीं प्रो. राजीव रे ने दिल्ली सरकार को यह चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली सरकार का फंड जारी करने को लेकर यही रवैया रहा तो डूटा को मजबूरन कडें कदम उठाने पड़ेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि डूटा इस बार लंबी हड़ताल की तैयारी कर रहा है, जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों के साथ साथ अन्य कॉलेजों के शिक्षकों को भी शामिल किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से उनकी यह मांग होगी कि हर बार फंड समय से जारी किया जाए साथ ही कहा कि अगर दिल्ली सरकार फंड देने में असक्षम है, तो यूजीसी ही सभी कॉलेजों को ओवरटेक कर लें.