नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के वेंकटेश्वर कॉलेज में धर्म के नाम पर अभद्र टिप्पणी का मामला सामने आया है. छात्र इससे काफी आहत हैं. संस्कृत विभाग के छात्रों ने ऐलान किया कि जिस शिक्षिका के द्वारा अभद्र टिप्पणी की गई है, उन्हें कॉलेज से हटाया जाए. संस्कृत से ऑनर्स कर रही तीसरे वर्ष की छात्रा ने इस विषय के बारे में कॉलेज प्रशासन को ईमेल कर सूचना दी. साथ ही दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी को भी मेल कर इसकी जानकारी दी गई.
शिक्षा मंत्रालय ने भी इसका संज्ञान लेकर कॉलेज को इस पर उचित कारवाई करने का आदेश दिया. परंतु इस मामले पर कॉलेज प्रशासन द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. विद्यार्थियों की मांग है कि शिक्षिका को जल्द से जल्द हटाया जाए, वरना संस्कृत विभाग के छात्र मंगलवार से धरने पर बैठेंगे.
कॉलेज के प्रिंसिपल को छात्रा ने लिखा पत्र: संस्कृत से ऑनर्स कर रही छात्रा ने कॉलेज की प्रिंसिपल को पत्र लिखा है. पत्र में छात्रा ने कहा कि वेंकटेश्वर महाविद्यालय जो अपने नियम, नैतिकता व नैतिक मूल्य को अपने विद्यार्थियों में सृजन करने का काम करता है, जैसे महान संस्थान में पढ़ने पर अपने को गौरवान्वित महसूस करती हूं. लेकिन यहां पर एक शिक्षिका द्वारा मेरे धर्म व उसके परंपरा पर अभद्र टिप्पणी करने से मैं व्यथित व संकुचित हो चुकी हूं.
मैं भगवान जगन्नाथ की अनन्य भक्त तथा वैष्णव संप्रदाय से जुड़ी हैं, जहां विधिवत पूजा व अराधना होती है. वहां चंदन का टीका लगाना (वैष्णव संप्रदाय), कण्ठी धारण करना, माला पहनना ही सब उसी परंपरा का अभिन्न अंग है. लेकिन अब कक्षा में आते ही, हमारी संस्कृत की शिक्षिका द्वारा इस पर कई बार अभद्र टिप्पणी की गई है.
उन्होंने कहा कि ये सब ढोंगी परंपराओं को मत मानो. ये तिलक, चंदन, कण्ठी, आदि धारण करने में फिजूल की समय क्यों बर्बाद करती हो, इतना परपंरागत विधि से सजने-संवरने का कोई फायदा नहीं. पीड़ित छात्रा ने कहा कि कॉलेज प्रशासन से पूछना चाहती हूं? सनातनी होना गलत है? क्या उसके तौर तरीकों को मानना अपराध है?
ये भी पढ़ें: