नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नॉर्थ कैंपस में छात्र संगठनों के बीच झड़प हो गई. यह घटना उस वक्त हुई जब, 'राज्य दमन के खिलाफ अभियान' की तरफ से कुछ समाजवादी छात्र संगठनों के साथ डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा व अन्य समाजवादियों के समर्थन में प्रचार किया जा रहा था. इसी दौरान सुबह के वक्त दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के पास एक वाम-संबद्ध छात्र समूह और एबीवीपी के बीच लड़ाई के बाद कई छात्र कार्यकर्ता घायल हो गए. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया है.
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा कि उसने मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. इस घटना पर पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यह घटना प्रोफेसर जीएन साईंबाबा की रिहाई की मांग को लेकर भगत सिंह छात्र एकता मंच (बीएससीईएम) द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई. समूह ने एक बयान में दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में शांतिपूर्ण विरोध के दौरान उनके सदस्यों पर हमला किया गया. हंगामे में बीएससीईएम के लगभग छह सदस्य और एबीवीपी के कुछ सदस्य कथित रूप से घायल हो गए.
छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
समूह ने कहा, “आज सुबह से, हम जीएन साईंबाबा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में प्रचार कर रहे थे. शाम को लगभग 4 बजे एबीवीपी द्वारा सभी छात्रों पर पटेल चेस्ट पर हमला किया गया, जिसमें बीएससीईएम के कई सदस्यों को चोटें आई हैं. दावा किया कि जब वे हिंदू राव अस्पताल में इलाज कराने गए तो एबीवीपी के सदस्यों ने उन्हें घेर लिया. बीएससीईएम ने कहा, “उन्होंने घायलों का इलाज नहीं करने दिया और अस्पताल में हंगामा किया. एबीवीपी ने भी कहा, हमारे कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गई. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि समूह ने एक महिला एबीवीपी कार्यकर्ता के साथ दुर्व्यवहार किया और अपने कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट शुरू कर दी. एबीवीपी ने एक बयान में कहा, “कुछ बाहरी वामपंथी असामाजिक तत्वों ने डीयू में पढ़ने वाले एबीवीपी के छात्र कार्यकर्ताओं पर अभद्र और अश्लील टिप्पणियां कीं. उन्होंने हम पर लाठी-डंडों से भी हमला किया, जिसमें एबीवीपी के दो कार्यकर्ता घायल हो गए.
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