नई दिल्लीः दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की इलेक्ट्रॉनिक बसों की खरीद फरोख्त में दिल्ली सरकार पर बड़ी लापरवाही करने के आरोप लग रहे हैं. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने यह आरोप लगाया है. यूनियन का कहना है कि इस लापरवाही की वजह से इन सड़कों पर उतारने से पहले ही बसें ब्रेकडाउन होनी शुरू हो गई है. मायापुरी डिपो से लगभग 100 बसों को ट्रायल के लिए सड़कों पर उतारा गया, जिसमें से 30 फीसदी बसें पहले ही दिन ब्रेकडाउन होकर सड़क पर खड़ी हो गई.
यूनियन के महामंत्री मनोज शर्मा के अनुसार, 29 जून को शाम की पारी में मायापुरी डिपो से 50 बसें सड़कों पर उतारी गई थी, तो उनमें से 14 बस सड़कों पर ब्रेक डाउन हो गई. दिल्ली सरकार को इन बसों का उद्घाटन समारोह करना था, इसलिए आनन-फानन में गुरुवार शाम को इन बसों को सड़कों पर उतार दिया गया. उद्घाटन करने की क्रेडिट लेने के लिए दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में अनबन की स्थिति बनी हुई थी, इसलिए इनका किसी भी सरकार ने उद्घाटन नही किया और 30 जून को सुबह की पारी में मायापुरी डिपो से 100 इलेक्ट्रोनिक बसें सड़कों पर निकाली गई, जिसमें से लगभग 30 बसें ब्रेक डाउन हो गई है. इस कारण डीटीसी के इधर से उधर रूट बदलने से दिल्ली की जनता बस स्टैंडों पर कई कई घंटों इंतजार करती रही.
वहीं यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी का आरोप है कि इन इलेक्ट्रोनिक बसों को प्राइवेट कंपनी मेंटेनेंस कर रही हैं और इनमें ड्राइवर भी प्राईवेट कंपनी का ही है. इन बसों में सिर्फ डीटीसी का कंडक्टर है. यह बसें प्राईवेट ठेकेदारों मालिकों की है. फिर भी इन बसों में डीटीसी का लोगो लगाकर दिल्ली सरकार चलवा रही है.
यूनियन का सीधा सीधा आरोप है कि यह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इन इलेक्ट्रोनिक बसों को ऑपरेट नहीं कर पाएगी. इन बसों को डीटीसी द्वारा ही मेंटेनेंस करवाया जाए और डीटीसी का ही ड्राइवर इन बसों में तभी यह बसें कामयाब हो सकती हैं. यह अभी नई नवेली इलेक्ट्रॉनिक बसें पहले दिन ही इतनी बड़ी संख्या में खराब हो रही है तो आने वाले समय में तो यह बसें सड़कों पर ही ब्रेक डाउन होती रहेंगी. इससे दिल्ली के यात्री रोज परेशान रहेंगे.
ये भी पढे़ंः 26 साल बाद दिल्ली की DTC बसों के बदलेंगे रूट, जानें कैसी है नई व्यवस्था